मगध महिला कॉलेज में बनेगा सिक्युरिटी बूथ
मगध महिला कॉलेज में छात्राओं से सीधे रूबरू हुए सेंट्रल डीआइजी। -कॉलेज में सिक्युरिटी बू
मगध महिला कॉलेज में छात्राओं से सीधे रूबरू हुए सेंट्रल डीआइजी
-कॉलेज में सिक्युरिटी बूथ में 24 घंटे तैनात रहेंगी महिला पुलिसकर्मी
-लड़कियों की सुरक्षा को एक सप्ताह में पटना पुलिस लांच करेगी सिक्युरिटी एप
-ट्रैफिक ऑफिस के कॉन्फ्रेंस हॉल में खुलेगा गर्ल्स गाइडेंस सेंटर
-कॉलेज में छात्राओं को विशेष ट्रेनर देंगे सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग
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लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर डीआइजी राजेश कुमार गंभीर हैं। इसी क्रम में मंगलवार को डीआइजी मगध महिला कॉलेज पहुंचे। सभागार में सैकड़ों छात्राएं भी मौजूद थीं। डीआइजी अभी छात्राओं से सीधे रूबरू होते कि कॉलेज की प्राचार्या शशी शर्मा ने छात्राओं की सुरक्षा को सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने डीआइजी को बताया कि कॉलेज में छोटी-बड़ी घटना होने पर पत्र लिखने के बावजूद भी किसी प्रकार मदद नहीं मिलती। जिसपर सुरक्षा का भरोसा देते हुए डीआइजी ने कॉलेज में ही सिक्युरिटी बूथ खोले जाने की बात कही।
डीआइजी ने कहा कि, कॉलेज परिसर में महिला सिपाहियों की तैनाती होगी। बूथ पर तैनात महिला पुलिसकर्मी सीधे गांधी मैदान थाने से अटैच होंगी और इन पर एक पुलिस अफसर की नजर रहेगी। साथ ही महिला थाना प्रभारी हर सप्ताह मुआयना करेंगी। कॉलेज में ट्रेनर के जरिए छात्राओं सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी। लड़कियों की सुरक्षा को लेकर एकसप्ताह के भीतर सिक्युरिटी एप लांच किया जाएगा। एप के जरिए दस मिनट में लड़कियों की मदद के लिए पुलिस उनकी लोकेशन ट्रेस कर मौके पर पहुंचेगी। डीआइजी ने छात्राओं को आश्वासन दिया कि आप आगे बढ़ें, पटना पुलिस चौबीस घंटे आपके साथ है।
बोले डीआइजी, सीधे मुझसे करें संपर्क
प्राचार्या शशी शर्मा ने बताया कि आए दिन कॉलेज की सुरक्षा को लेकर उनके मन में डर बना रहता है। कॉलेज के गेट के बाहर पुलिस बल तैनात रहता है पर वो किसी प्रकार की सुरक्षा नहीं देता। गेट पर तैनात पुलिस कर्मी मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं। कुछ भी शिकायत करने पर महिला पुलिसकर्मी बोलती हैं कि कोई मेरी बात नहीं सुनता। ऐसे ही 30 अगस्त को तीन लड़के कैम्पस में मोबाइल से फोटो खींच रहे थे। पुलिस कोई कार्रवाई नहीं की। कॉलेज प्रशासन जब तीनों लड़कों को पकड़ने गया तो वह अपनी बाइक छोड़कर फरार हो गए। कई बार गांधी मैदान थाने में शिकायत की गई कि तीनों लड़कों की बाइक कॉलेज में है और पुलिस उनकी पहचान करे। कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक की सिटी एसपी और एसएसपी को भी पत्र लिखा गया। डीआइजी ने आश्वासन दिया कि आगे से पुलिस की लापरवाही सामने आई तो किसी को बख्सा नहीं जाएगा। जरूरत पड़े तो कॉलेज प्रशासन के जिम्मेदार सीधे मुझसे संपर्क करें।
करें लिखित शिकायत, नाम रहेगा गुप्त
डीआइजी ने मगध महिला कॉलेज परिसर में एक सिक्योरिटी बूथ में तैनात चारों महिला पुलिसकर्मी सुरक्षा के साथ ही छात्राओं की शिकायत भी सुनेंगी। लड़कियां यहां लिखित शिकायत भी कर सकती हैं और उनका नाम गुप्त रखा जाएगा। छेड़खानी, फब्तियां कसने वालों पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा। साथ ही बूथ पर तैनात महिला कांस्टेबल का नंबर भी कॉलेज की सभी छात्राओं को उपलब्ध कराया जाएगा। जो 24 घंटे कभी भी फोन पर भी अपनी परेशानियों को उन्हें बता सकेंगी। गर्ल्स सिक्युरिटी बूथ को गांधी मैदान थाना के एक अफसर को भी अटैच किया जाएगा। थाना स्तर पर भी कार्रवाई की जाएगी। बूथ की साप्ताहिक जांच और मॉनिट¨रग करने का आदेश सभी डीएसपी को दिया गया है।
एक क्लिक पर पहुंचेगी पुलिस
सुरक्षा के विषय पर अपनी बातों को रखते हुए डीआइजी राजेश कुमार ने बताया कि कई बार लड़कियों मुश्किल में फंस जाती हैं। ऐसी परेशानी न हो इसके लिए एक सप्ताह के अंदर एक एप लांच किया जाएगा। एप से डायल 100, क्विक मोबाइल, थाने, पुलिस अफसर से लेकर पेट्रोलिंग टीम जुड़ेगी। ऐप की खास बात होगी कि मुश्किल की घड़ी में पीड़ित लड़की या महिला द्वारा मोबाइल में पावर बटन दबाने कुछ मिनट बाद ही पुलिस लोकेशन ट्रेस कर वहां पहुंच जाएगी।
ईको पार्क और कॉलेज में सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग
अवांछित तत्वों को सबक सिखाने के लिए छात्राओं को ईको पार्क में हर दिन सुबह सात से आठ और शाम चार बजे से पांच बजे तक सेल्फ डिफेंस की निश्शुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही हफ्ते में दो दिन मगध महिला कॉलेज में सेल्फ डिफेंस की टेनिंग का आयोजन किया जाएगा।
गर्ल्स गाइडेंस सेंटर पर एक्सपर्ट करेंगे मदद
छात्राओं को पढ़ाई के साथ ही अन्य जानकारी के लिए टै्रफिक ऑफिस में गर्ल्स गाइडेंस सेंटर खुलेगा। शुक्रवार को सेंटर पर महिला काउंसलर, कानूनी सलाहकार, डीएसपी और कुछ देर के लिए खुद डीआइजी भी मौजूद रहेंगे। सेंटर दोपहर 2.30 से 3.30 तक काम करेगा।
अपने अधिकारों को जानें छात्राएं
डीआइजी ने बढ़ते साइबर क्राइम और लड़कियों को झांसा देने वालों से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि प्रैक्टिकल वर्ल्ड के साथ ही ऑनलाइन सिक्युरिटी भी जरूरी है। कई बार छात्राएं अनजान व्यक्ति से इंटरैक्ट हो जाती हैं। फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के जरिए भी लड़कियां झांसे आ जाती हैं। ऐसे में अनजान व्यक्ति से बचने की सलाह दी। अगर कोई तंग करे तो लड़कियां सिक्युरिटी बूथ पर तैनात पुलिसकर्मी बातचीत करें। छात्राओं को जागरूक करते हुए डीआइजी ने कहा कि लड़कियां कम से कम एमए तक की पढ़ाई जरूर करें। परिवार मना करे तो विरोध खुद विरोध करें। अपने अधिकारों के बारे में जानें।
बयान :
कॉलेज मेंबूथ खुल जाएगें तो हमारे लिए बहुत सुविधा हो जाएगी। हमें अब बिना डरे अपनी बातों को एक जगह रखने का मौका मिलेगा और हमारी पहचान भी गुप्त रखी जाएगी जिससे हमें आगे चल कर कोई परेशानी नहीं होगी।
- कृति, छात्रा
पुलिस और कॉलेज की तरफ से बहुत अच्छी पहल है। बहुत सारी जानकारी मिली। सिर्फ आदेश नहीं, जमीनी स्तर पर भी काम होना चाहिए। कई बार आदेश के बाद कुछ दिनों तक पुलिस एक्टिव रहती है और बाद में सब कुछ पहले की तरह हो जाता है। हर सप्ताह पुलिस अफसर अगर मॉनिट¨रग करेंगे तो पहल कारगर साबित होगा।
-रुचि, छात्रा
सिर्फ कॉलेज में आकर ऐसा होगा वैसा होगा कहने से काम नहीं चलने वाला है। पुलिस को हमारी शिकायतों को गंभीरता से लेनी चाहिए और उस पर तुरंत एक्शन होना चाहिए। हां, अगर ये जितनी भी घोषणाएं हुई है, इन पर सही तरीके से काम हुआ तो हमारे लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।
- सिमरन, छात्रा
कई बार कॉलेज आते वक्त हमें असमाजिक तत्वों का सामना करना पड़ता था। अगर कॉलेज परिसर में ही पुलिस की सुविधा दी जाएगी तो हम खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगे। पर पुलिस शिकायत सुनने के बाद त्वरित कार्रवाई करे। इससे ऐसे तत्व हमें परेशान करने से पहले भी कई बार सोचेंगे।
- कृति, छात्रा
पुलिस हमारे सुरक्षा के लिए इतना सोच रही है ये बहुत अच्छी बात है और बेहतर पहल है। अगर हमें सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग मिल जाएगी तो हम अपनी रक्षा खुद कर सकते हैं। नया एप हमारे लिए बहुत मददगार ही साबित होगा।
- राफित, छात्रा