बिहार में मदरसों का होगा कायाकल्प, हर जिले में खुलेगा अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय
बिहार सरकार ने सरकारी व मान्यता प्राप्त 1100 मदरसों के सुदृढ़ीकरण की योजना पर फिर से काम करने का आदेश दिया है। कोरोना संकट के चलते यह योजना रुक गई थी।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार सरकार ने सरकारी व मान्यता प्राप्त 1100 मदरसों के सुदृढ़ीकरण की योजना पर फिर से काम करने का आदेश दिया है। कोरोना संकट के चलते यह योजना रुक गई थी। इस पर 86.71 करोड़ खर्च होगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 24 जून से मदरसों में क्लास रूम, पुस्तकालय, उपस्कर, पेयजल, व शौचालय आदि तथा अन्य आधारभूत संरचना उपलब्ध कराए जाने पर कार्य आरंभ होगा। इसके अलावा हर जिले में एक अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का भवन निर्माण भी कराया जाएगा।
प्रत्येक जिले में बनेगा अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिभावान विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रत्येक जिले में कम से कम एक अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का निर्माण कराया जाएगा। यह काम बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना के तहत होगा। इससे संबंधित प्रस्ताव पर पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना
अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के प्रोत्साहन के लिए मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष में 74768 छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 2007-08 सेे ही प्र्रथम श्रेणी में मैट्रिक उत्तीर्ण अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को दस हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। वर्ष 2014 से इंटर परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण मुस्लिम छात्राओं को 15,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।। वर्ष 2007 में मात्र 2627 विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना का लाभ मिला जो वर्ष 2017 में बढ़कर 38 हजार 518 हो गया। 2018 में 45784 हजार और 2019 में 54682 हजार विद्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि का लाभ मिल चुका है।