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डोली पर आएंगी मां दुर्गा, गज पर होगी विदाई

मां दुर्गा की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र सात अक्टूबर आश्विन शुक्ल प्रतिपदा गुरुवार को ग्रह-गोचरों के शुभ संयोग में कलश-स्थापना के साथ आरंभ होगा। वहीं शारदीय नवरात्र 15 अक्टूबर दिन शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि तथा रवियोग के युग्म संयोग में विजया दशमी के साथ संपन्न होगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 02:41 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 02:41 AM (IST)
डोली पर आएंगी मां दुर्गा, गज पर होगी विदाई
डोली पर आएंगी मां दुर्गा, गज पर होगी विदाई

पटना । मां दुर्गा की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र सात अक्टूबर आश्विन शुक्ल प्रतिपदा गुरुवार को ग्रह-गोचरों के शुभ संयोग में कलश-स्थापना के साथ आरंभ होगा। वहीं, शारदीय नवरात्र 15 अक्टूबर दिन शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि तथा रवियोग के युग्म संयोग में विजया दशमी के साथ संपन्न होगी। ज्योतिष आचार्य ने पंचांगों के हवाले से बताया कि इस बार पंचमी-षष्ठी एक ही दिन होगी। इससे नवरात्र नौ दिनों की होगी। ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि इस बार मां दुर्गा का आगमन डोली पर एवं विदाई हाथी यानी गज पर होगी। सात अक्टूबर को कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त व सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी।

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उन्होंने कहा कि नवरात्र के दौरान सर्वार्थसिद्धि, जयद, रवियोग, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य तथा शोभन योग का संयोग बन रहा है। पंचांग के अनुसार ज्योतिष आचार्य पीके युग ने बताया कि नवरात्र के दौरान आश्विन शुक्ल पंचमी एवं षष्ठी तिथि एक दिन पड़ने से 11 अक्टूबर दिन सोमवार को मां के पंचम स्वरूप एवं षष्ठम स्वरूप की पूजा होगी। जिस कारण दूर्गापूजा 10 दिन के बजाए नौ दिनों में हीं संपन्न हो जाएगी। मां दूर्गा की पूजा की तैयारी पूरी हो गई है। इतना ही नहीं, अब राजधानी में पंडाल भी सजने लगे हैं।

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कलश स्थापना से मिलेगी सुख-समृद्धि

पंडित विनोद झा वैदिक ने पुराणों के हवाले से बताया कि कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। कलश में ब्रह्मा, विष्णु, रूद्र, नवग्रह समेत चौसठ योगिनियों सहित सभी देवी-देवताओं का वास होता है। धर्मशास्त्र के अनुसार नवरात्र में कलश की पूजा करने से सुख- समृद्धि, धन, वैभव, ऐश्वर्य, शांति, पारिवारिक उन्नति तथा रोग-शोक का नाश होता है।

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कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त :

-उदयकालिक योग: सुबह 06:10 बजे से शाम 05:28 बजे तक -अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:14 बजे से 12:01 बजे तक

-गुली काल मुहूर्त: सुबह 08:41 बजे से 10: 09 बजे तक


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