एक छोटा LPG सिलेंडर रख सकते हैं उपभोक्ता, दो गैस कनेक्शन एक साथ नहीं मिलेगा
एलपीजी उपभोक्ता एक नाम पर दो गैस सिलेंडर नहीं ले सकते हैं। लेकिन, वो पांच किलो वाले छोटे सिलेंडर का उपयोग कर सकते हैं। यह फ्री सेल के तौर पर उपलब्ध हैं।
पटना, जेएनएन। गैस उपभोक्ता एक ही नाम पर दो रसोई गैस कनेक्शन नहीं ले सकते हैं। लेकिन, पांच किलो वाले छोटे सिलेंडर लेने पर किसी तरह की रोक नहीं है। एलपीजी एजेंसियों पर यह फ्री सेल के तौर पर उपलब्ध है, और इसे लेना भी सहज है।
कई ऐसे रसोई गैस उपभोक्ता हैं, जिन्हें महीने में एक से अधिक रसोई गैस सिलेंडर की जरूरत होती है। एेसे में एक ही नाम पर दो कनेक्शन नहीं मिलने से उन्हें परेशानी होती है। हालांकि, वे पांच किलो वाला छोटा सिलेंडर रख सकते हैं। इस सिलेंडर को मात्र आइडी प्रूफ पर रसोई गैस एजेंसियों से लिया जा सकता है।
बाजार में बिना आइएसआइ मार्क वाले अवैध छोटे सिलिंडरों की बिक्री पर अंकुश लगाने के मकसद से पांच किलो वाले रसोई गैस सिलिंडर को सरकारी तेल कंपनियों ने लान्च किया था। ऐसे सिलिंडर छात्रों की जरूरत को ध्यान में रख लाए गए थे। इस छोटे सिलिंडर को भी सामान्य रसोई गैस एजेंसियों से हासिल किया जा सकता है।
पांच किलो वाले छोटे सिलेंडर का वजन आठ किलो होता है। इसमें पांच किलो रसोई गैस आती है। सामान्य आइडी प्रूफ पर यह मिल जाता है। इसके लिए अन्य किसी तरह के कागजात की जरूरत नहीं होती है। इसे लेने में इस समय 1387.50 रुपये का भुगतान करना होता है। इसमें सिर्फ सिलेंडर और रसोई गैस की कीमत शामिल है। रेग्यूलेटर के लिए 150 रुपये और सुरक्षा पाइप के लिए 190 रुपये का अलग से भुगतान करना होता है।
पांच किलो वाले सिलेंडर की रीफिलिंग कराने पर इस माह 443.50 रुपये लिए जा रहे हैं। इस सिलेंडर पर सब्सिडी नहीं मिलती है। इस तरह से इसकी गैस प्रति किलो 88.70 रुपये पड़ती है जबकि नान सब्सिडाइज्ड रसोई गैस सिलेंडर की गैस की कीमत प्रति किलो इस माह 63.80 रुपये है।
इस तरह से छोटे सिलेंडर की गैस सामान्य की तुलना में 24.90 रुपये प्रति किलो महंगी है। बिहार एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन के महासचिव डॉक्टर रामनरेश सिन्हा ने कहा कि छोटे सिलेंडर को उपभोक्ता कहीं भी ले जा सकते हैं, जबकि बड़े सिलेंडर के साथ यह सुविधा नहीं है।
सिलेंडर लौटाने की स्थिति में उपभोक्ता को 500 रुपये वापस किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस सिलेंडर का वर्ग अलग है। इसकी बिक्री हो रही है। लेकिन, जरूरत पडऩे पर ही ग्राहक इसे खरीदते हैं।