पटना में नगर भ्रमण को निकला भगवान जगन्नाथ का रथ, फूलों की बारिश से हुआ स्वागत Patna News
पटना के इस्कॉन मंदिर से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकली। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। भगवान को नगर भ्रमण कराते हुए वापस रथ शाम को इस्कॉन मंदिर पहुंचा।
By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 04 Jul 2019 02:14 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 06:00 PM (IST)
पटना, जेएनएन। जय जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की जय। फूलों की बारिशों के बीच गुरुवार को भगवान कृष्ण के जयकारे से पूरा शहर गुंजायमान हो गया। हजारों-हजारों की संख्या में विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को यादगार बनाने के लिए कतारों में चलते रहे। राजधानी के बुद्ध मार्ग स्थित इस्कॉन मंदिर परिसर के सामने एकजुट हुए श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखने को मिला। यहां से रथ डाकबंगला, चौराहा, गांधी मैदान, पटना जंक्शन होते हुए इस्कॉन मंदिर वापस पहुंचा।
श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के रंग में रंगे रहे। गेरूआ वस्त्र पहने लोग भगवान जगन्नाथ के जयकारे लगाकर रथ को खींचने के लिए आतुर दिखे। दोपहर दो बजते ही बच्चे, युवा, बुजुर्ग और महिलाएं इस्कॉन मंदिर में जमा होकर एक कतार से रथ को आगे बढ़ाने में एक दूसरे का सहयोग करते नजर रहे।
विदेशी श्रद्धालुओं ने भी बटाया हाथ
आम लोगों के साथ बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु भी महोत्सव को यादगार बनाने के लिए पहुंचे। रथ-यात्रा के दौरान आगे-आगे घोड़े, हाथी, ऊंट और बैंड बाजे भक्ति गीतों को प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं में जोश भरते रहे। भगवान जगन्नाथ का रथ विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया था। 40 फीट ऊंचे रथ पर आरूढ़ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा को सजा कर उनकी आरती लंदन से आए विष्णु महाराज ने की।
सड़कों पर लगाई गई झाड़ू
शंखनाद की ध्वनि गूंजते ही रथ को रवाना कर दिया गया था। इस दौरान इस्कॉन पटना केंद्र के अध्यक्ष कृष्ण कृपा दास एवं गणमान्य अतिथियों ने झाडू लगाकर प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा को निर्वाह किया। सड़क की सफाई करने का उद्देश्य स्वच्छता को बढ़ावा देना एवं अपने अंदर के मैल को भी साफ करना था। इसके बाद रथ जहां-जहां जाता रहा वहां पहले ही लोग सड़कों पर झाड़ू लगाते दिखाई दिए।
सेल्फी और फोटो लेने की रही होड़
रथ-यात्रा में युवाओं का जोश देखते बन रहा था। भगवान के मुख का पट खुलते ही कोई रथ के पास आकर सेल्फी लेते दिखा तो कोई दूर से ही भीड़ के साथ खुद की फोटो खींचता रहा। युवतियां भी अपने दोस्तों के साथ इस पल को यादगार बनाने के लिए फोन से सेल्फी लेती रहीं। शहर के विभिन्न चौराहों से रथ निकलने के दौरान श्रद्धालु स्वागत करने के लिए कतारों में खड़े रहे।
श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के रंग में रंगे रहे। गेरूआ वस्त्र पहने लोग भगवान जगन्नाथ के जयकारे लगाकर रथ को खींचने के लिए आतुर दिखे। दोपहर दो बजते ही बच्चे, युवा, बुजुर्ग और महिलाएं इस्कॉन मंदिर में जमा होकर एक कतार से रथ को आगे बढ़ाने में एक दूसरे का सहयोग करते नजर रहे।
विदेशी श्रद्धालुओं ने भी बटाया हाथ
आम लोगों के साथ बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु भी महोत्सव को यादगार बनाने के लिए पहुंचे। रथ-यात्रा के दौरान आगे-आगे घोड़े, हाथी, ऊंट और बैंड बाजे भक्ति गीतों को प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं में जोश भरते रहे। भगवान जगन्नाथ का रथ विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया था। 40 फीट ऊंचे रथ पर आरूढ़ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा को सजा कर उनकी आरती लंदन से आए विष्णु महाराज ने की।
सड़कों पर लगाई गई झाड़ू
शंखनाद की ध्वनि गूंजते ही रथ को रवाना कर दिया गया था। इस दौरान इस्कॉन पटना केंद्र के अध्यक्ष कृष्ण कृपा दास एवं गणमान्य अतिथियों ने झाडू लगाकर प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा को निर्वाह किया। सड़क की सफाई करने का उद्देश्य स्वच्छता को बढ़ावा देना एवं अपने अंदर के मैल को भी साफ करना था। इसके बाद रथ जहां-जहां जाता रहा वहां पहले ही लोग सड़कों पर झाड़ू लगाते दिखाई दिए।
सेल्फी और फोटो लेने की रही होड़
रथ-यात्रा में युवाओं का जोश देखते बन रहा था। भगवान के मुख का पट खुलते ही कोई रथ के पास आकर सेल्फी लेते दिखा तो कोई दूर से ही भीड़ के साथ खुद की फोटो खींचता रहा। युवतियां भी अपने दोस्तों के साथ इस पल को यादगार बनाने के लिए फोन से सेल्फी लेती रहीं। शहर के विभिन्न चौराहों से रथ निकलने के दौरान श्रद्धालु स्वागत करने के लिए कतारों में खड़े रहे।
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