Loksabha Election 2019 EXIT Poll: लालू ने दी थी बड़ी जिम्मेदारी, क्या खरे उतरेंगे 'तेजस्वी'
Loksabha Election 2019 EXIT Poll नतीजों में बिहार में जहां एनडीए की जीत दिख रही है वहीं महागठबंधन को नुकसान होता दिख रहा है। सबसे बड़ा सवाल तेजस्वी के नेतृत्व का है। जानिए।
पटना, काजल। लोकसभा चुनाव रविवार को खत्म होते ही अब एग्जिट पोल के आंकड़ें जारी हो गए हैं। इन आंकड़ों में बिहार में भाजपा समर्थित एनडीए को बढ़त तो वहीं महागठबंधन को तगड़ा झटका लगता दिख रहा है। बिहार की 40 सीटों में अधिकांश पर एनडीए का पलड़ा भारी दिख रहा है।
एग्जिट पोल ने न सिर्फ एक बार फिर मोदी सरकार की वापसी के स्पष्ट संकेत दिए हैं, बल्कि विरोधी नेताओं की परफॉर्मेंस पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाले एग्जिट पोल के नतीजे बिहार से आए हैं, जहां बीजेपी-जदयू और लोजपा का गठबंधन काफी मजबूत दिख रहा है तो वहीं राजद-कांग्रेस-रालोसपा-हम-आरएलएसपी और वीआइपी का महागठबंधन पूरी तरह से विफल होता दिख रहा है।
एग्जिट पोल में आए नतीजे अगर 23 मई को परिणाम में बदलते हैं तो ये नीतीश की पीएम मोदी से दोस्ती को मजबूती देंगे। वहीं बिहार में महागठबंधन को लीड कर रहे तेजस्वी की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से हाथ मिलाने के फायदे-नुकसान को तय करेंगे। साथ ही सबसे बड़ा सवालिया निशान राजद में उनके नेतृत्व पर भी लगाएंगे।
राजद ने नेतृत्व का भार लालू के कंधों से उतारकर तेजस्वी के हाथों में सौंपा है और यह पहला मौका था जब युवा नेता तेजस्वी यादव ने अपने पिता व बिहार की राजनीति के दिग्गज समझे जाने वाले लालू यादव के बिना चुनाव लड़ा है। हालांकि उन्हें इस चुनाव के दौरान पार्टी के साथ-साथ परिवार से भी काफी चुनौतियां मिलीं जिनका उन्होंने सामना किया।
अपने पिता लालू यादव के नक्शेकदम पर चलते हुए तेजस्वी यादव ने भी इस चुनाव में सामाजिक न्याय को सबसे अहम मुद्दा बनाया और उनकी ही तरह भाजपा पर दलित-गरीब व अल्पसंख्यक विरोधी होने का आरोप लगाते हुए अारक्षण को भी चुनावी मुद्दे में शामिल किया। इसके साथ ही लालू की गैरमौजूदगी में तेजस्वी ने कांग्रेस समेत दूसरे गैर-बीजेपी दलों को भी अपने साथ मिलाया, लेकिन तेजस्वी की कोई भी तरकीब काम करती दिखाई नहीं दे रही है।
एग्जिट पोल के मुताबिक मोदी-नीतीश और रामविलास पासवान की तिकड़ी के सामने युवा नेता तेजस्वी का नेतृत्व फीका पड़ता नजर आ रहा है। इसके साथ ही राहुल गांधी की दोस्ती से भी उन्हें कोई खास फायदा नहीं मिल रहा है। लालू के जेल में रहने की वजह से सीटों के बंटवारे पर भी चुनाव से पहले खींचतान चलती रही जिसका खामियाजा भी महागठबंधन को भुगतना पड़ा है। तेजस्वी ये मैनेज करने में शायद नाकामयाब रहे।
वहीं तेजस्वी व उनकी मां राबड़ी देवी और बहन मीसा भारती ने मिलकर लालू यादव को साजिश के तहत जेल भिजवाने का भी मुद्दा उठाया और इसके लिए सीएम नीतीश और पीएम मोदी पर कई तरह के आरोप भी लगाए।लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों ने इन तमाम राजनैतिक व भावनात्मक पहलुओं के असर को फीका कर दिया है।
एक तरफ एग्जिट पोल में कांग्रेस-राजद के कई दिग्गजों का चुनाव जीतना आसान नहीं लग रहा है तो वहीं रालोसपा और हम सहित वीआइपी की जीत भी अंतिम परिणाम में अहम भूमिका निभाने वाली है। महागठबंधन के हर उम्मीदवार की जीत-हार तेजस्वी का भविष्य तय करेगी। इस बार का चुनाव परिणाम तेजस्वी यादव के लिए लिटमस टेस्ट है, क्योंकि अगले साल फिर विधानसभा का चुनाव भी है।
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