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लोकसभा चुनाव: गिरिराज मामले पर सामने आए पासवान, परिवारवाद का राज भी खोला

नवादा से बेगूसराय सीट किये जाने के बाद से बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह अपने आलाकमान से नाराज चल रहे हैं। इसे लेकर पासवान ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है साथ ही परिवाद पर बोला है

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 07:37 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 09:18 AM (IST)
लोकसभा चुनाव: गिरिराज मामले पर सामने आए पासवान, परिवारवाद का राज भी खोला
लोकसभा चुनाव: गिरिराज मामले पर सामने आए पासवान, परिवारवाद का राज भी खोला

पटना [राज्य ब्यूरो]। नवादा के बदले बेगूसराय सीट दिये जाने के बाद से बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह अपने आलाकमान से नाराज चल रहे हैं। उनका कहना है कि सिर्फ मेरी ही सीट क्यों बदली गई। यदि भूमिहार के नाम पर ही बेगूसराय दिया गया है तो फिर हिंदू के नाम पर अररिया क्यों नहीं दिया गया। हालांकि इस संबंध में बीजेपी एमएलसी रजनीश कुमार ने ट्वीट कर गिरिराज सिंह पर कटाक्ष किया था। लेकिन अब लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है। इतना ही नहीं, लोजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में रामविलास पासवान ने इस राज को भी खोला कि वे परिवारवाद को लेकर क्यों चल रहे हैं। दरअसल इस बार भी पासवान ने दो भाइयों व बेटे चिराग को टिकट दिया है।   

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गिरिराज ने ही कहा था कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा

लोजपा प्रमुख व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को कहा कि मुंगेर के बदले नवादा सीट लेने को लेकर लोजपा का रवैया कभी अडिय़ल नहीं था। पार्टी बेगूसराय पर भी तैयार थी। नवादा के बारे में उन्होंने खुद वहां के सांसद व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से बात भी की थी। गिरिराज ने कहा था कि 'मैैं चुनाव नहीं लड़ूंगा, समाज सेवा करूंगा।' इसके बाद यह बात जब मीडिया में आई कि गिरिराज गुस्से में हैैं तो फिर चिराग पासवान भी उनसे मिलने गए। तब गिरिराज ने कहा कि गुस्से की कोई बात ही नहीं है। 

खगडिय़ा से अल्पसंख्यक या पिछड़ा वर्ग से होगा उम्मीदवार  

पासवान ने कहा कि लोजपा किसी भी दल की सीटिंग सीट लेने के पक्ष में नहीं थी। यह सिग्नल कतई नहीं जाना चाहिए कि हमने गिरिराज सिंह की सीट ले ली। हम नवादा से भी जीतेंगे और बेगूसराय से भी। खगडिय़ा सीट के संबंध में उन्होंने कहा कि हम वहां के लिए अल्पसंख्यक या पिछड़ा वर्ग का उम्मीदवार चाहते थे, पर अभी मंथन चल रहा है। एक-दो दिनों में कुछ तय हो जाएगा। इस बारे में वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी विमर्श करेंगे।

 

सूरजभान की राय से चंदन को बनाया प्रत्याशी

नवादा सीट से वीणा देवी की जगह चंदन कुमार को प्रत्याशी बनाए जाने के सवाल पर रामविलास ने कहा कि यह सूरजभान सिंह की राय से हुआ है। वैशाली से रामा सिंह को बेटिकट किए जाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हमने कभी किसी को कुछ नहीं कहा, लेकिन कोई कहीं जाना चाहता है तो हम उन्हें रोकते भी नहीं हैं। 

परिवारवाद का भी पासवान ने खोला राज

पशुपति कुमार पारस को हाजीपुर से लोजपा का प्रत्याशी बनाए जाने पर लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने कहा कि हाजीपुर के लोगों के बीच हम गए थे। उनका कहना था कि अगर मेरे परिवार का कोई सदस्य मेरी जगह चुनाव लड़ता है तो ठीक रहेगा। मैैंने अपने छोटे भाई पशुपति कुमार पारस को कहा तो वह तैयार नहीं थे। वह भी दुविधा में थे। पारस ने कहा- भाभी को चुनाव लड़ाएं। वह भी तैयार नहीं हुईं तो चिराग पर बात आई। चिराग की इच्छा जमुई छोडऩे की नहीं थी। आखिरकार मैैंने पारस को ही चुनाव लडऩे के लिए मनाया।

लोजपा के संस्थापकों में रहे हैं पारस

उन्होंने कहा कि पशुपति कुमार पारस लोजपा के संस्थापकों में रहे हैैं। स्थापना काल से ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैैं। वर्ष 1977 में ही विधायक हुए और पार्टी को यहां तक लाने में उनका योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि हाजीपुर से मेरा भावनात्मक संबंध है यह कभी खत्म नहीं होगा। चुनाव नहीं लडऩे की घोषणा के बाद भी वह कई बार हाजीपुर गए हैैं। वह अभी रिटायर नहीं हो रहे। कोशिश यह है कि सभी को मौका मिलना चाहिए। 

इधर सूरजभान ने कहा 
कल तक नवादा लोकसभा सीट से चुनाव में व्यस्त लोजपा नेता व पूर्व सांसद सूरजभान की सांसद पत्नी वीणा देवी का अचानक चुनाव मैदान से मुंह मोड़ लेना शनिवार को चर्चा का विषय बना रहा। सूरजभान से जब इस संबंध में बात की गई, तो उन्होंने कहा कि पारिवारिक वजहों से यह फैसला लिया गया है। परिवार में दुर्घटना के बाद मेरे बच्चे मां के साथ रहना चाहते हैैं। सूरजभान ने कहा कि चंदन भी बेहतर विकल्प है। वह पढ़ा-लिखा है और साथ ही ऊर्जावान भी।


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