शराबबंदी से लिवर की बीमारी में आएगी कमी
पटना। बिहार में 54 लाख लोग हेपेटाइटिस बी और 18 लाख लोग हेपेटाइटिस सी से ग्रसित हैं। ह
पटना। बिहार में 54 लाख लोग हेपेटाइटिस बी और 18 लाख लोग हेपेटाइटिस सी से ग्रसित हैं। हेपेटाइटिस बी और सी के कारण लीवर की जटिल बीमारी लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर होता हैं। लिवर की बीमारी मुख्य रूप से दो कारणों से होता है। एक अल्होकल के प्रयोग के कारण दूसरा वायरल संक्रमण के कारण, जो प्रदूषित खाद्य और पेयजल से होता है। हाल ही राज्य में किए गए शराबबंदी का फायदा निश्चित रूप से लिवर की बीमारी कम करने में सहायक होगा। यह बातें वर्ल्ड लिवर डे के अवसर पर पीएमसीएच में गैस्ट्रो विभाग में आयोजित प्रेसवार्ता में विभागाध्यक्ष डॉ. विजय प्रकाश ने कही।
उन्होंने बताया कि एक सैंपल सर्वे में बिहार में लिवर के मरीजों का उपरोक्त आंकड़ा मिला। राज्य में लिवर की बीमारी के रोकथाम के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में हेपेटाइटिस बी का टीका शिशु के जन्म के समय ही निश्शुल्क लगवाना चाहिए। हेपेटाइटिस बी पूरी तरह ठीक नहीं हो सकता, इसे सिर्फ नियंत्रित किया जा सकता है। इसके बारे में जानकारी और टीकाकरण ही बचाव है। हालांकि हेपेटाइटिस सी की बीमारी अब दवाओं से करीब 80 फीसद ठीक किया जा सकता है।
लीवर की बीमारी पर नियंत्रण के लिए राज्य के सभी ब्लड बैंकों को नेशनल पॉलिसी के अनुसार आपस में जोड़ने की जरूरत है। क्योंकि आज भी जिलों या छोटे जगहों में जब मरीज को रक्त की जरुरत होती है तो यह उपलब्ध नहीं होता। नतीजतन प्रोफेशनल ब्लड डोनर से रक्त लेना पड़ता है जिसकी गुणवत्ता जरूरी नहीं कि सही हो।
क्या है हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस शब्द का प्रयोग लिवर की सूजन के लिए किया जाता है। यह वायरल संक्रमण या अल्कोहल जैसे हानिकारक पदार्थो के संपर्क में आने से होता है। हेपेटाइटिस लक्षण रहित और सीमित लक्षणों के साथ हो सकता है। पीलिया, भूख न लगना, अत्यधिक थकान महसूस करना इसके लक्षण हैं। हैपेटाइटिस ए और बी के लिए टीका उपलब्ध है।
क्या है लिवर का कार्य
शरीर में संक्रमण और बीमारियों से लड़ना, रक्त शर्करा को नियमित करना, शरीर से विषाक्त पदार्थो को निकालना, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करना, रक्त को गाढ़ा करने में सहायता करना और पित्त निकालना।