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आठ साल की नन्ही चेस चैंपियन ने PM नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, इस मामले में मांगी मदद

बिहार की मूल निवासी व अभी वाराणसी में रह रही आठ साल की एशानी पाठक अपने आयु वर्ग में देश की नंबर वन शतरंज खिलाड़ी है। उसने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख कर मदद की गुहार लगाई है।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 01 Jul 2019 10:08 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 11:11 PM (IST)
आठ साल की नन्ही चेस चैंपियन ने PM नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, इस मामले में मांगी मदद
आठ साल की नन्ही चेस चैंपियन ने PM नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, इस मामले में मांगी मदद

पटना [जितेंद्र कुमार]। आठ साल की एशानी पाठक को चीन में आयोजित विश्व कैडेट शतरंज (चेस) प्रतियोगिता 2019 के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है, लेकिन उसके परिवार के पास इसके लिए धन नहीं है। इसलिए उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मदद मांगी है।

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अपने आयु वर्ग में भारत की नंबर वन खिलाड़ी

बिहार के कटिहार निवासी मनीष कश्यप की आठ वर्षीया पुत्री एशानी पाठक ने बीते सात जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पत्र लिखकर बताया है कि वह अपने आयु वर्ग में अंतरराष्‍ट्रीय रेटिंग की भारत की नंबर वन शतरंज खिलाड़ी बन गई है। उसे 20 अगस्त से शुरू हो रहे विश्व कैडेट शतरंज प्रतियोगिता में चीन जाना है। वह चाहती है कि उसके पिताजी या कोच उसके साथ चीन जाएं, जिसके लिए उसे आर्थिक मदद की जरूरत है।

प्रधानमंत्री को बताया, कैसे बढ़ी शतरंज में रुचि

एशानी ने प्रधानमंत्री को बताया है कि व‍ह कक्षा तीन में पढ़ती है। शतरंज के प्रति अपनी रुचि को लेकर वह कहती है कि जब प्रधानमंत्री ले भूटान के राजकुमार को शतरंज गिफ्ट में दिया था, तब से उसके मन में इस खेल में रुचि हुई।

इस कारण मांगी प्रधानमंत्री मोदी से मदद

पटना के पटेल नगर में जन्मी एशानी इन दिनों पिता के साथ बनारस में रहती है। मां डॉ. मधु पटना के पटेल नगर की रहने वाली हैं। पिता मनीष पाठक विमानपत्तन प्राधिकरण में प्रबंधक स्तर के पदाधिकारी हैं। उनके पटना से बनारस तबादला के बाद एशानी का दाखिला वहां सनबीम स्कूल में लिया। एशानी ने प्रधानमंत्री से मदद उनके लोकसभा क्षेत्र बनारस से जुड़ी होने के कारण मांगी है। पत्र में उसने लिखा है कि उसकी उम्र 14 साल से कम होने के कारण कोई प्रायोजक भी नहीं मिल पा रहा है।

छह साल की उम्र से शतरंज प्रतियोगिताओं में ले रही हिस्सा

एशानी ने स्कूल में दाखिला के समय पाठ्यक्रम के अतिरिक्त गतिविधि में शतरंज चुनी थी। केजी की परीक्षा में अव्वल आने पर मनीष ने बेटी को उपहार में शतरंज दिया था। वर्ष 2011 में जन्मी नन्ही एशानी महज छह साल की उम्र में शतरंज प्रतियोगिता में हिस्सा लेने लगी थी। अप्रैल 2017 में सनबीम स्कूल बनारस की ओर से उसने पहली बार शतरंज प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। वह नोएडा में 18 से 20 अगस्त 2017 तक आयोजित प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश ओर से चुनी गई। फिर तो उसपर चैंपियन बनने का धुन सवार हुआ। उसे राष्ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय प्रतियोगिताओं में मौका भी मिलता गया।

एशियन यूथ चैंपियनशिप में मिला रजत पदक

एशानी बीते 1 से 10 अप्रैल तक श्रीलंका में आयोजित एशियन यूथ शतरंज चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल कर स्वदेश लौटी। इसके बाद चीन में 20 अगस्त से होने वाली विश्व शतरंज प्रतियोगिता के लिए भारतीय टीम में शामिल की गई है।


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