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बिहार के नए डीजीपी बने गुप्तेश्वर पांडेय, कहा- जो काम नहीं करेंगे वो नपेंगे

शराबबंदी अभियान के हीरो रहे गुप्तेश्वर पांडेय बिहार के नए डीजीपी बने हैं। इसकी अधिसूचना गृह विभाग ने जारी की है। इस बार पहली बार नए प्रावधानों के तहत डीजीपी की नियुक्ति हुई है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 01:38 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 10:50 PM (IST)
बिहार के नए डीजीपी बने गुप्तेश्वर पांडेय, कहा- जो काम नहीं करेंगे वो नपेंगे
बिहार के नए डीजीपी बने गुप्तेश्वर पांडेय, कहा- जो काम नहीं करेंगे वो नपेंगे

पटना, जेएनएन। गुप्तेश्वर पांडेय बिहार के नए डीजीपी बनाए गए हैैं। गृह विभाग ने गुरुवार की दोपहर इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी। डीजीपी केएस द्विवेदी गुरुवार को रिटायर हो गए। गुप्तेश्वर पांडेय ने पदभार ग्रहण करते ही कहा कि जो पुलिसकर्मी काम करेंगे वो पुरस्कार पाएंगे और जो काम नहीं करेंगे वो नपेंगे।

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उन्होंने कहा कि पहली बार बिहार में डीजी टीम बनाएंगे जिसमें पूरी टीम से सलाह लेने के बाद जटिल फैसले लिए जाएंगे। जनता का हित सर्वोपरि है, पुलिस जनता के लिए काम करेगी। पुलिस का काम है अपराध नियंत्रण और विधि व्यवस्था को दुरूस्त करना और हम जनता और सरकार की कसौटी पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। 

पांडेय 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी हैैं। वर्तमान में वह डीजी ट्रेनिंग के पद पर तैनात थे। बिहार पुलिस अकादमी के महानिदेशक का प्रभार भी उनके जिम्मे था। बिहार में विशेष और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए गुप्तेश्वर पांडेय को जाना जाता है। 

शराबबंदी अभियान के हीरो के रूप में जाने जाते हैं

नए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की सबसे बड़ी विशेषता ये रही है कि उनका सामाजिक सरोकार के साथ ही पुलिसिंग में यकीन रहा है। उनकी चर्चा शराबबंदी को लेकर चल रहे अभियान को लेकर बड़े स्तर पर होती रही है। बड़े समूह में जाकर वह नशाबंदी और शराबबंदी के खिलाफ लोगों को जागरूक कर रहे थे।

बिहार पुलिस एकेडमी के पहले महानिदेशक का पदभार ग्रहण करने के पूर्व वह बीएमपी के डीजी भी रह चुके हैैं। पूर्व में वह एडीजी (पुलिस मुख्यालय) के पद पर भी काफी दिनों तक काम कर चुके हैैं। पांडेय 28 फरवरी 2021 को अवकाशग्रहण करेंगे।

कहा जाता है ट्रबल शूटर

गुप्तेश्वर पांडेय पूर्व में चतरा, बेगूसराय, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, हजारीबाग में जिले के एसपी के रूप में काम कर चुके हैैं। मुंगेर, बेतिया और मुजफ्फरपुर में डीआईजी रहे हैैं। इसके अतिरिक्त विशेष शाखा में आईजी भी रहे हैैं। वर्ष 2017 की जुलाई में वह एडीजी से डीजी के रूप में प्रोन्नत हुए थे।

उन्हें ट्रबल शूटर के रूप में भी जाना जाता है। जिस समय औरंगाबाद औैर कटिहार में तनाव की स्थिति थी उस समय उन्हें सरकार ने वहां भेजा था। तब वह बीएमपी के डीजी के रूप में तैनात थे।

गुप्तेश्वर पांडेय को आम जनमानस के अलावा सरकार की नजर में अपराध नियंत्रक और कड़क प्रशासक के साथ संवेदनशील पुलिसकर्मी के रूप में भी जाना जाता है। खासकर विधि व्यवस्था संभालने के मामले में इनकी कोई सानी नहीं है। 

नए प्रावधान के मुताबिक हुई डीजीपी की नियुक्ति

बिहार में नए प्रावधान के मुताबिक डीजीपी की नियुक्ति हुई है। नए प्रावधान के अनुसार राज्य सरकार के पास सीमित अधिकार है और बिहार कैडर से डीजी रैंक के 12 अफसरों के नाम यूपीएससी को भेजे गये थे, जिनमें से गुप्तेश्वर पांडेय के नाम पर मुहर लगाई गई है। 

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन

यह पहली बार है कि डीजीपी के निर्णय को लेकर इतना समय लगा है। सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के अनुसार अब राज्य में जो भी डीजीपी बनेगा वह अगले 2 वर्षों तक इस पद पर काबिज रहेगा।  सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के वजह से भी यूपीएससी और बिहार सरकार के बीच काफी माथापच्ची हुई थी।


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