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बिहार में डॉक्टरों की बात मत पूछो जी...तौलिया पेट में, अॉपरेशन टॉर्च में

बिहार में डॉक्टरों की लापरवाही कभी-कभी मरीज की जिंदगी पर भारी पड़ जाती है। एेेसे कई मामले आए दिन देखने-सुनने को मिल जाते हैं। कुछ एेसे मामले हैं जो आपको हैरत में डाल देंगे। जानिए..

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 14 Jun 2018 03:13 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 01:29 PM (IST)
बिहार में डॉक्टरों की बात मत पूछो जी...तौलिया पेट में, अॉपरेशन टॉर्च में
बिहार में डॉक्टरों की बात मत पूछो जी...तौलिया पेट में, अॉपरेशन टॉर्च में

पटना [काजल]। बिहार में स्वास्थ्य व्‍यवस्‍था की बदहाली के नमूने आपको आए दिन देखने को मिल जाएंगे।इस मायने में सरकारी अस्पताल और उसके डॉक्टर ही नहीं, प्राइवेट नर्सिंग होम और अस्पताल के डॉक्टर भी कुछ कम नहीं है। अभी सोमवार को ही भोजपुर जिले में एक महिला के पेट से अॉपरेशन कर डॉक्टर ने तौलिया निकाला जो दो साल पहले एक डॉक्टर ने पेट के अॉपरेशन के दौरान छोड़ दिया था।

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जिंदा मरीज को बता दिया था मुर्दा

ऐसे ही एक मामले में डॉक्‍टर की लापरवाही उस समय देखने में आई जब एक जीवित आदमी को मृत मानकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया तो एक घायल महिला का अॉपरेशन डॉक्टर के बदले सफाईकर्मी ने टॉर्च की रौशनी में कर दिया और महिला की मौत हो गई। प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला ने दम तोड़ दिया और डॉक्टर चाय-नाश्ता करते रहे तो वहीं वक्त पर खून नहीं लाने की सजा मरीज और उसके परिजनों को दी गई। 

पहली घटना जो पटना से सटे परसा बाजार के सतरईया गांव की है, जहां कुछ महीने पहले एक बर्थडे पार्टी के दौरान ऑकेस्‍ट्रा देख रहे दो लोगों अविनाश और मनोज कुमार को हर्ष फायरिंग के दौरान गोली लग गई। गोली लगने से अविनाश की मौत अस्पताल ले जाने के समय रास्ते में हो गई जबकि मनोज घायल था।

गंभीर रूप से घायल मनोज को प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने मनोज की मौत की भी पुष्टि कर दी। डॉक्टर की पुष्टि के बाद परसा बाजार थाने की पुलिस टीम अविनाश के साथ ही मनोज को भी पोस्टमार्टम कराने पीएमसीएच ले जा रही थी कि पोस्टमार्टम कराने से कुछ समय पहले ही अचानक से मनोज की सांसें चलने लगीं। फिर उसे बचा लिया गया।

 टॉर्च की रौशनी में सफाईकर्मी ने कर दिया अॉपरेशन, मरीज की मौत

वहीं एक खबर जो सुर्खियां बनी थी वो ये थी कि सहरसा जिले की रहने वाली रूबी कुमारी का अॉपरेशन टॉर्च की रौशनी में अस्पताल के सफाईकर्मी ने कर दिया जिससे रूबी की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद यह मामला गहरा गया। जिसके बाद परिजनों ने इसके लिए अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया तो वहीं जिस कर्मचारी शंभू मलिक ने रूबी का ऑपरेशन किया था उसे निलंबित कर दिया गया। लेकिन क्या रूबी वापस आ सकती है?

बता दें कि गंभीर रूप से जख्मी शिक्षिका रूबी कुमारी को परिजन  सहरसा के सदर अस्पताल में इलाज के लिए लेकर आए थे। जहां स्वीपर के द्वारा टॉर्च की रोशनी में उसके जख्मी हाथों की सर्जरी की गई। इसके बाद रूबी कुमारी को रेफर कर दिया गया और फिर पटना के एक निजी क्लिनिक में उसकी मौत हो गई।

उसके बाद डॉ अशोक सिंह सिविल सर्जन सहरसा ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शंभू मलिक को निलंबित कर दिया गया है। वहीं अस्पताल में उस वक्त ड्यूटी में तैनात डॉ रतन कुमार से सफाई मांगी गई है। साथ ही अस्पताल के उपाधीक्षक अनिल कुमार से भी मामले में सफाई मांगी गई है।

मरीज के पेट में छोड़ दिया था तौलिया, अॉपरेशन के बाद निकाला

एक अन्य ताजा घटना भोजपुर की है जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। अॉपरेशन के बाद महिला के पेट से तौलिया निकला। महिला के पेट में  अक्सर दर्द रहता था, वह परेशान रहती थी। दवा खायी लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ। पेट दर्द से परेशान महिला ने पति ने उसे दूसरे डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने महिला के पेट का अल्ट्रासाउंड कराकर देखा।

उसके बाद भी जब समझ में नहीं आया तो उन्होंने महिला के पेट का अॉपरेशन करने की बात कही। सोमवार को जब महिला के पेट का अॉपरेशन किया गया तो डॉक्टर देखकर हैरान रह गए। महिला के पेट में तौलिया था जो पहले वाले डॉक्टर ने अॉपरेशन के दौरान छोड़ दिया था। अॉपरेशन के बाद महिलाा के पेट का दर्द ठीक हो गया है।

चंद पैसे के लिए चली गई प्रसूता की जान

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह एमजेके अस्पताल बेतिया की लापरवाही  के कारण एक महिला मरीज की मौत हो गई। इस अस्पताल के प्रसव वार्ड में तैनात नर्स और डॉक्टरों ने महज कुछ पैसे के लिए महिला मरीज का इलाज नहीं किया जिसके कारण महिला की मौत हो गई।

 

बताया जा रहा है कि मनुआपुल थाना क्षेत्र की एक महिला को प्रसव के लिए परिजन लेकर पहुंचे थे लेकिन यहां पहुंचने पर अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारी पैसे की मांग करने लगे लेकिन गरीब तबके से आने वाले मरीज के परिजनो ने पैसा देने में असमर्थता जताई. इसके बाद अस्पताल के डॉक्टर मरीज को बेड पर छोड़कर चाय-नाश्ता करने लगे और लगभग एक घंटे बाद मरीज की मौत हो गई।

खून नहीं मिला तो मरीज की पत्नी की कर दी पिटाई

पटना के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच से एक संवेदनशील मामला सामने आया था जिसमें पीएमसीएच के एक डॉक्टर पर आरोप लगा था कि उसने एक मरीज की पत्नी की चप्पल से पिटाई की।

 

पटना के पीएमसीएच के किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के एच ओ डी और वरीय डॉक्टर अशोक प्रसाद सिंह ने ऑपरेशन थियेटर के भीतर ही एक मरीज की पत्नी की पिटाई इसलिए कर दी क्योंकि मरीज के परिजन सही समय पर ब्लड का इंतजाम नहीं कर पाए। इतना ही नहीं, डॉ. ने इस महिला को बाल पकड़कर बाहर करने के लिए भी कहा और फिर डॉक्टरों ने महिला के पति को ऑपरेशन के बेड से भी हटा दिया।


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