उप समाहर्ता के पुत्र की पीट-पीटकर मौत के मामले में सीएम को लिखा पत्र, उच्चस्तरीय जांच का आदेश देने की मांग
फुलवारीशरीफ स्थित मानस हास्पिटल सह नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती वरीय उप समाहर्ता सूरज कुमार सिन्हा के 16 वर्षीय पुत्र आयुष की मौत के मामले में जांच की मांग की गई है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है।
जागरण संवाददाता, पटना। फुलवारीशरीफ स्थित मानस हास्पिटल सह नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती वरीय उप समाहर्ता सूरज कुमार सिन्हा के 16 वर्षीय पुत्र आयुष की मौत के मामले में जांच की मांग की गई है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है।
जानकारी के अनुसार, फुलवारीशरीफ के मौर्य विहार कालोनी स्थित नशा मुक्ति केंद्र सह अस्पताल के क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती वरीय उप समाहर्ता सूरज कुमार सिन्हा के 16 वर्ष छह माह के पुत्र को एक चिकित्साकर्मी ने पीटा था। इसके बाद 12 जनवरी को सीटीवीएस के आइसीयू में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
प्रमंडलीय आयुक्त के कार्यालय से सम्बद्ध वरीय उप समाहर्ता ने इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए फुलवारीशरीफ थाने में आवेदन दिया था। थानाध्यक्ष शफीर आलम का कहना था कि किशोर के शरीर पर जख्म के निशान मिले हैं। प्राथमिकी के लिए आवेदन मिला है। आगे की कार्रवाई के लिए मेडिकल बोर्ड की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। रिपोर्ट को जिलाधिकारी कार्यालय भेजा जाएगा और उनके निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
सीसीटीवी बंद कर पीटने का आरोप
वरीय उप समाहर्ता ने बताया कि 21 दिसंबर को मैंने पुत्र आयुष को मानस हास्पिटल में भर्ती कराया था। 25 दिसंबर को जब मैं गया तो मुझे उससे मिलने नहीं दिया गया। 4 जनवरी को जब मैं दोबार गया तो आयुष ने बताया कि सुजीत नामक कर्मचारी ने 29 दिसंबर को बुरी तरह पीटा था जिससे उसके पेट व जबड़े में तेज दर्द हो रहा था।
उसने घर ले चलने का आग्रह करते हुए बताया कि ये लोग सीसीटीवी बंद कर उसे पीटते हैं। मैं आयुष को वहां कुछ और दिन रखना चाहता था इसलिए मैंने डा. संतोष कुमार को फोन व वाट्सएप पर मैसेज कर सुजीत नामक कर्मचारी को समझाने का आग्रह किया ताकि ऐसा दोबारा नहीं हो।
12 जनवरी 2023 को शाम 3 बजकर 59 मिनट पर अस्पताल से फोन आया कि आयुष का बीपी और पल्स बहुत डाउन हो गया है कहां भर्ती कराएं। मैंने उन्हें एम्स ले जाने को कहा और परिवार के साथ वहां पहुंचा। एम्स के मेडिसिन विभाग में आइसीयू खाली नहीं होने पर सीटीवीएस के आइसीयू में उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। सीटीवीएस के विभागाध्यक्ष डा. संजीव कुमार ने बताया कि इमरजेंसी में सीपीआर देकर उसे वेंटिलेटर पर लाया गया।
वहां मौजूद डा. संतोष से जब मैंने मिस ट्रीटमेंट की बात कही तो वे गरमा गए। रात 10 बजे डा. विमलेंदु ने आकर कहा कि उसकी मृत्यु हो गई है। जब हम अंतिम दर्शन को गए तो पाया कि बाएं सीने व पेट के आसपास चोट के निशान थे और एक जगह चमड़ी तक निकल गई थी। इसकी सूचना जिलाधिकारी को वाट्सएप पर देकर पोस्टमार्टम का आग्रह किया था।
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने की जांच का आदेश देने की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में इस मामले में उच्चस्तरीय जांच का आदेश देने की मांग की है। उन्होंने कह है कि नशा मुक्ति केंद्र में इलाज के नाम पर यह जघन्य कुकृत्य हुआ है। मांझी ने पत्र में घटना का थोड़ा सा विवरण भी दिया है।