गुजरात-हिमाचल में भाजपा की जीत, बढ़ेगी इन बिहारी नेताओं की पूछ, जानिए
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भाजपा की जीत हो चुकी है। इसका असर बिहार की राजनीति पर भी पड़ना तय है। बिहार भाजपा के कई नेताओं की पूछ पार्टी में बढ़ेगी।
पटना [रमण शुक्ला]। गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत हो चुकी है। इसका असर बिहार की राजनीति पर भी पड़ेगा। बिहार भाजपा के कई नेताओं के भविष्य पर इसका सकारात्मक असर दिखेगा।
दोनों प्रदेशों में बिहार से कई नेताओं ने पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए कठिन परिश्रम किया है। हिमाचल प्रदेश के प्रभारी और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी संजय मयूख और भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश वर्मा समेत आधा दर्जन ऐसे बिहारी नेता हैं, जिन्होंने इस चुनाव में अहम भूमिका निभाई है। जीत होती है, तो ऐसे नेताओं का नंबर बढ़ेगा।
चुनाव परिणाम से राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की नई कैबिनेट में बिहार से जुड़े ऐसे नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। केंद्रीय मंत्री के पद से मुक्त होने के बाद राजीव प्रताप रूडी समेत कई ऐसे बिहारी नेता हैं, जिन्होंने संगठन में दमदार भूमिका हासिल करने की उम्मीद में गुजरात और हिमाचल प्रदेश महीनों मेहनत की। बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मंगल पांडेय की टीम में शामिल रहे दर्जनों नेता भी सक्रिय रहे हैं।
दो नेताओं को मिली है राष्ट्रीय जिम्मेदारी
अभी बिहार भाजपा के दो नेताओं को संगठन के स्तर पर पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारी दे रखी है। उनमें से एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय हैं, जो अभी बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं। मंगल को हिमाचल प्रदेश में बतौर प्रभारी चुनावी नैया पार लगाने की जिम्मेदारी मिली थी। दूसरे नेता हैं प्रदेश प्रवक्ता रह चुके योगेंद्र पासवान। पासवान केंद्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग में सदस्य बनाए जा चुके हैं।
राष्ट्रीय जिम्मेदारी को लेकर बढ़ी उम्मीद
फिलहाल भाजपा के राष्ट्रीय संगठन में बिहार से पिछड़ी जाति का कोई नुमाइंदा नहीं है। ब्राह्मïण, राजपूत और दलित बिरादरी का भी कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। दो नेता रेणु देवी और रजनीश कुमार ही शाह की टीम में बिहार की नुमाइंदगी कर रहे हैं।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रही रेणु देवी पश्चिमी चंपारण से हैं। रेणु अति पिछड़ा वर्ग से आती हैं। रजनीश कुमार सवर्ण हैं और उनका गृह जिला बेगूसराय है। हिस्सेदारी से वंचित वर्गों के नेता उम्मीद पाले हुए हैं। अगले दो माह के भीतर राष्ट्रीय संगठन में फेरबदल की संभावना है। इस बदलाव में गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव का साइड इफेक्ट दिख सकता है।