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नमो ने दिया 'इज्जत घर', तो महिलाओं ने भी रखी लाज, एनडीए की जीत में आधी आबादी का अहम रोल

महिला केंद्रित योजनाएं इज्जत घर उज्ज्वला और प्रधानमंत्री आवास ने महिलाओं को किया आकर्षित नीतीश सरकार की जीविका के अलावा लड़कियों को शिक्षा प्रोत्साहन से जुड़ी योजनाओं से भी आधी आबादी रही प्रभावित एनडीए की जीत में रहा अहम रोल।

By Shubh NpathakEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 01:41 PM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 01:50 PM (IST)
नमो ने दिया 'इज्जत घर', तो महिलाओं ने भी रखी लाज, एनडीए की जीत में आधी आबादी का अहम रोल
योजनाओं में महिलाओं पर फोकस रखने का मिला फायदा। जागरण

पटना [दीनानाथ साहनी]। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली 125 सीटों पर कामयाबी में महिला मतदाताओं का भी खासा योगदान है जिन्होंने बढ़-चढ़कर मतदान करके एनडीए के हाथ मजबूत किये। चुनाव विश्लेषकों का कहना है कि इज्जत घर देने वाली सरकार की लाज महिलाओं ने रख ली है। जहां-जहां से एनडीए को ज्यादा सफलता मिली है उनमें से कुछ जगहों पर महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में ज्यादा मतदान किया है और कुछ जगहों पर पिछली बार की तुलना में इस बार महिलाओं का मतदान प्रतिशत ज्यादा रहा है।

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लगातार कई योजनाओं से आसान हुई महिलाओं की जिंदगी

चुनाव विश्लेषकों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधी आबादी से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में जो खासा दिलचस्पी दिखाई है, उससे महिला मतदाताओं को प्रभावित किया है। वहीं नीतीश कुमार भी जीविका के अलावा लड़कियों को शिक्षा प्रोत्साहन से जुड़ी स्कीमों को प्राथमिकता देकर महिला मतदाताओं को खासा प्रभावित करने का काम किया है। इसलिए एनडीए की ओर महिलाओं के आकर्षित होने या ज्यादा संख्या में बाहर निकल कर मतदान करने के पीछे महिला केंद्रित योजनाएं हैं। केंद्र प्रायोजित इज्जत घर (घर में शौचालय), उज्ज्वला (गैस सिलेंडर), पीएम आवास (रहने के लिए घर) और प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना (घर घर बिजली) का महती योगदान माना जा रहा है जिसने न सिर्फ बिहार की महिलाओं का जीवन आसान किया बल्कि उनकी इज्जत का भी ख्याल रखा जिसे कभी किसी सरकार ने तवज्जो नहीं दी थी।

योजनाओं के केंद्र में महिलाओं को रखने का मिला फायदा

चुनाव विश्लेषकों के मुताबिक देखा जाए तो नरेंद्र मोदी सरकार ने अपनी योजनाओं के केंद्र में महिलाओं को रखा है और उसका उन्हें चुनाव में लाभ भी मिला है। केंद्रीय योजनाओं में लाभार्थियों के जिन आंकड़ों को चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री और अन्य सत्ताधारी दल के नेता गिना रहे थे वे मतदाताओं में परिवर्तित होकर सामने आ गई हैैं। चुनाव में महिलाओं के ज्यादा संख्या में मतदान करने का कारण उपरोक्त योजनाओं का लाभ ज्यादातर जनता तक पहुंचना माना जा रहा है।


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