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बिल्डरों से समझौता करने वाले जमीन मालिकों को देना होगा टैक्स, अन्‍यथा होगी कार्रवाई

भूखंड पर बिल्डर्स एवं डेवलपर्स के साथ आपसी समझौता करके उसमें अपार्टमेंट या व्यवसायिक कांपलेक्स का निर्माण कराने वालों को टैक्‍स देना होगा, अन्‍यथा उनके उपर कार्रवाई की जायेगी।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 09:04 PM (IST)Updated: Sun, 18 Mar 2018 10:02 PM (IST)
बिल्डरों से समझौता करने वाले जमीन मालिकों को देना होगा टैक्स, अन्‍यथा होगी कार्रवाई
बिल्डरों से समझौता करने वाले जमीन मालिकों को देना होगा टैक्स, अन्‍यथा होगी कार्रवाई

पटना [राज्य ब्यूरो]। अपने भूखंड पर बिल्डर्स एवं डेवलपर्स के साथ आपसी समझौता करके उसमें अपार्टमेंट या  व्यवसायिक कांपलेक्स का निर्माण कराने वालों को लिए एक बड़ी खबर है। अब उन्हें बिल्डर एवं डेवलपर्स के साथ संयुक्त समझौता करने पर कैपिटल टैक्स चुकाना होगा।

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आयकर विभाग का तर्क है कि यह ऐसेट ट्रांसफर का मामला है और इसके लिए हर हाल में कैपिटल टैक्स चुकाना अनिवार्य होगा। ऐसे भूखंड मालिकों के खिलाफ आयकर अधिनियम के तहत ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।  एक बात तो तय है कि यह टैक्स चोरी हजारों करोड़ में है।

बिहार एवं झारखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त केसी घुमरिया ने शनिवार को कहा कि बिहार शायद देश का पहला राज्य है, जहां लोग अपनी जमीन को डेवलप करने के लिए बिल्डरों एवं डेवलपर्स के साथ अपनी जमीन का मालिकाना हक तो स्थानांतरित करते हैं लेकिन इसके लिए आयकर विभाग को कोई टैक्स नहीं चुकाते हैं।

घुमरिया ने कहा कि जब लोग अपनी जमीन सौंपते हैं तो अपनी जमीन का 50 प्रतिशत मालिकाना अधिकार भी बिल्डर एवं डेवलपर्स को सौंपा जाता है। घुमरिया ने बताया कि उन्होंने इस मामले में बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन व बिल्डर्स एसोसिएशन के साथ शनिवार को एक बैठक कर उन्हें आयकर अधिनियम के तहत इसकी जानकारी उपलब्ध कराई है। हमने पिछले छह वर्षों में इस तरह का समझौता करने वालों को अभी चिन्हित किया है। उससे पहले के मामलों की भी जांच की जाएगी।

1558 चिन्हित, 850 को नोटिस

घुमरिया ने बताया कि केवल पटना जिला में ऐसे 1558 भूखंड मालिकों को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने इस तरह के समझौते किए हैं। इनमें 850 लोगों को विभाग ने नोटिस जारी कर उनसे अगले सात दिनों में जवाब मांगा है। उन्होंने बताया कि हमारे अधिकारी राज्य के सभी जिलों में इस तरह की टैक्स चोरी की जांच शुरू कर चुके है। बोधगया में भी ऐसे 400 मामले सामने आए हैं।

इन बिंदुओं पर मांगा गया है जवाब

जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है, उनसे पूछा गया है कि क्या आपने अपनी जमीन का शेयर ट्रांसफर करके आयकर चुकाया है? क्या उन्होंने बिल्डर एवं डेवलपर्स के साथ समझौता करने की जानकारी अपने आयकर रिटर्न में दी है। उन्हें इन दोनों बिंदुओं पर अगले सात दिनों के अंदर अपना जवाब उपलब्ध कराना होगा। प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ने यह भी कहा कि यदि उनका जवाब समय पर नहीं मिलता है तो आयकर अधिकारी उनके खिलाफ कार्रवाई को स्वतंत्र हैं।


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