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बिहार में जमीन से जुड़े कई कानूनों में होगा बदलाव, मध्य प्रदेश की तर्ज पर होगा परिवर्तन

जमीन से जुड़े कई कानूनों में बदलाव करेगा क्योंकि समय के साथ ये गैर जरूरी हो गए हैं। मध्य प्रदेश की साझीदारी में हुए दो दिवसीय विमर्श के बाद इस बदलाव की जरूरत को सिद्धांत रूप में स्वीकार कर लिया गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 10:04 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 10:04 PM (IST)
बिहार में जमीन से जुड़े कई कानूनों में होगा बदलाव, मध्य प्रदेश की तर्ज पर होगा परिवर्तन
बिहार में जमीन से जुड़े कई कानूनों में बदलाव होगा। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जमीन से जुड़े कई कानूनों में बदलाव करेगा, क्योंकि समय के साथ ये गैर जरूरी हो गए हैं। मध्य प्रदेश की साझीदारी में हुए दो दिवसीय विमर्श के बाद इस बदलाव की जरूरत को सिद्धांत रूप में स्वीकार कर लिया गया है। हालांकि, राज्य सरकार ने स्थानीय जरूरतों के अनुसार जमीन से जुड़े कानूनों में बदलाव किया गया है। दो दिवसीय विमर्श में माना गया कि हाल के वर्षों में बिहार ने जमीन से जुड़े दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन में अच्छी कामयाबी हासिल की है। दाखिल-खारिज, लगान, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र आदि को आनलाइन कर दिया गया है। कोरोना के बावजूद राज्य के 20 जिलों में भूमि सर्वेक्षण तेजी से हो रहा है।

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विमर्श में इस मुद्दे पर आम राय बनी कि राजस्व एवं भूमि सुधार के मौजूदा कानून अंग्रेजों के जमाने में बने कानून के संशोधित रूप हैं। ढेर सारे ऐसे नियम-उप नियम हैं, जिन्हें ईस्ट इंडिया कंपनी की जरूरतों के हिसाब से बनाए गए थे। विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बताया कि अब एक समेकित कानून बनाने की जरूरत है। माडल के रूप में मध्य प्रदेश में 1959 में बने मध्य प्रदेश लैंड रेवेन्यू कोड (एमपीएलआसी) का अध्ययन किया जाएगा। 

सुधारों से होगी इसकी शुरुआत

सूत्रों ने बताया कि तत्काल मौजूदा कानून के आधार पर जमीन से जुड़ी सुविधाओं को बेहतर बनाने की कोशिश होगी। कानून में बदलाव की प्रक्रिया लंबी होती है। जमीन की प्रकृति में बदलाव का अधिकार अभी एसडीएम के पास है। इसमें भूमि सुधार उप समाहर्ता को भी भागीदार बनाने पर विचार शुरू हो गया है। फिलहाल बिहार में यह काम आफलाइन मोड में हो रहा है। इसे मध्य प्रदेश की तर्ज पर आनलाइन करने की कोशिश हो रही है। विमर्श के अनुभव से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने तय किया है कि वह आम लोगों को जमीन से जुड़े कानूनों के बारे में जागरूक करेगा। 


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