Move to Jagran APP

बिहार में जमीन खरीद-बिक्री के नियम में बड़ा बदलाव, नए विधेयक को मिली मंजूरी

बिहार राज्य दाखिल खारिज (संशोधन) विधेयक 2021 विधेयक को विधानसभा ने मंजूरी दे दी। विधान परिषद और राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह कानून का रूप लेगा। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने कहा कि नए कानून से जमीन की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा पर रोक लगेगी।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 04:42 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 06:47 AM (IST)
बिहार में जमीन खरीद-बिक्री के नियम में बड़ा बदलाव, नए विधेयक को मिली मंजूरी
बिहार राज्य दाखिल खारिज (संशोधन) विधेयक 2021 को मंजूरी मिल गई है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: दाखिल खारिज की अर्जी में जमीन के हिस्से के नक्शा को शामिल करने की अनिवार्यता का कानून तैयार हो गया है। बुधवार को बिहार राज्य दाखिल खारिज (संशोधन) विधेयक 2021 को विधानसभा ने मंजूरी दे दी। विधान परिषद और राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह कानून का रूप लेगा। इसे पेश करते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने कहा कि नए कानून से जमीन की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा पर रोक लगेगी। हिंसक वारदातें भी कम होंगी। विधेयक पर विपक्ष के संशोधन को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया। 

prime article banner

क्या होगा अब

दाखिल खारिज के समय दस्तावेज के साथ जमीन के उस हिस्से का नक्शा भी जुड़ जाएगा, जिसकी खरीद बिक्री हुई है। उस पर जमीन के बदले स्वरूप की चौहद्दी दर्ज होगी। विभागीय मंत्री ने कहा कि इससे पहले जमीन के नक्शा का दाखिल खारिज नहीं होता था। जमीन के किसी बड़े प्लाट का एक हिस्सा कोई भाई बेच देता था। खरीददार को पता ही नहीं चलता था कि उसके हिस्से की जमीन किधर है। कब्जा करने के समय जानकारी मिलती थी कि उसके प्लाट तक जाने का रास्ता ही नहीं है। कभी-कभी तो एक ही जमीन की बिक्री चार लोगों से कर दी जाती थी। लोग आपस में झगड़ते थे। नई व्यवस्था से फर्जीवाड़ा कम होगा। मंत्री ने विधायकों से भी अनुरोध किया कि वह अपनी जमीन का पारिवारिक बंटवारा करवा लें।  

क्या होगी प्रक्रिया

सभी अंचल कार्यालय में सर्वे राजस्व नक्शा को साफ्टवेयर के जरिए डिजिटल फार्म में तैयार किया जाएगा। दाखिल खारिज की याचिका के साथ जमीन के हिस्से का नक्शा देना होगा। इससे रजिस्ट्री के समय ही साफ हो जाएगा कि किसी जमीन के किस हिस्से की बिक्री हुई है। दाखिल खारिज की याचिका की जांच राजस्व कर्मचारी करेंगे। उनकी सहमति से ही दाखिल खारिज की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। 

कौन बनाएगा नक्शा

नक्शा बनाने के लिए जिला स्तर पर सिविल इंजीनियरों की एक टीम काम करेगी। टीम या पैनल तैयार करने की प्रक्रिया और इसमें शामिल इंजीनियरों की संख्या राज्य सरकार तय करेगी। शुल्क की वसूली रैयत से होगी।  इंजीनियरों अथवा एजेंसियों को जमीन की मापी के लिए इटीएस (इलेक्ट्रिानिक टोटल स्टेशन) के अलावा लैपटाप रखना होगा। ये उपकरण विभाग की ओर से अनुमोदित होंगे। विधेयक पर अजित शर्मा, अख्तरूल ईमान, समीर कुमार महासेठ, ललित कुमार यादव, कुमार सर्वजीत, अजय कुमार सिंह एवं रणविजय साहू के कुल 13 संशोधन प्रस्तावों को विधानसभा ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.