बिहार में पटना से साहेबगंज होते हुए अरेराज तक फोरलेन रोड के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू
केंद्र सरकार ने भू-अर्जन की प्रक्रिया आरंभ किए जाने के लिए गजट जारी कर दिया है। तीन दिन पहले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट के तहत के तहत अदलबारी-माणिकपुर के बीच शून्य से 33 किमी हिस्से के लिए जमीन अधिग्रहण को ले गजट किया।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar New Road Project: पटना स्थित एम्स (Patna AIMS) से दीघा (Digha) होते हुए सोनपुर-माणिकपुर-साहेबगंज-अरेराज (Patna-Sonepur-Manikpur-Sahebganj-Areraj) की सड़क को चार लेन में विकसित किए जाने का रास्ता साफ हो गया है। भारतमाला प्रोजेक्ट (Bharatmala Project) के तहत बनने वाली इस सड़क के लिए केंद्र सरकार (Central Government) ने भू-अर्जन की प्रक्रिया (Land acquisition) आरंभ किए जाने के लिए गजट जारी कर दिया है। इस सड़क के बन जाने से पटना से वैशाली (Vaishali) मात्र आधे घंटे में पहुंचना संभव हो सकेगा। पटना से वैशाली की दूरी हो जाएगी मात्र 40 किमी।
तीन दिन पहले सड़क के एक हिस्से के लिए गजट जारी
तीन दिन पहले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट के तहत के तहत अदलबारी-माणिकपुर के बीच शून्य से 33 किमी हिस्से के लिए जमीन अधिग्रहण को ले गजट किया। इसके तहत वैशाली के लालगंज स्थित खानजहां चक उर्फ सैदनपुर, ताजपुर, केशोपुर, जलालपुर गोपी मिल्की, जलालपुर इर्फ बिशुनपुर गमहीर गांव में जमीन का अधिग्रहण होना है।
सारण जिले के इन गांवों में होना है जमीन का अधिग्रहण
वहीं इस प्रोजेक्ट के लिए सारण में मानपुर, मनगरपाल नूरां, मनगरपाल मुर्तुजा, खुशहालपुर, दरियापुर, शिकारपुर, मखदुमपुर, चित्रसेनपुर, बाकरपुर और गोविंदचक में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इस महत्वपूर्ण हाइवे परियोजना से इन इलाकों का काफी विकास होने की उम्मीद है। बिहार की राजधानी पटना से अधिक सुगम संपर्क होने के बाद यहां रोजगार और व्यवसाय के अवसर भी बढ़ेंगे। फिलहाल इस इलाके में जमीन की कीमतों में उछाल आने की संभावना सबसे अधिक है।
क्या है भारतमाला प्रोजेक्ट
भारतमाला प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के अंतर्गत केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण सड़कों को भी विकसित किया जाता है। इसका मुख्य मकसद राष्ट्रीय महत्व के गलियारों पर सुगम सड़क यातायात उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत करीब 51 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जाना है।