जेल से भी लालू का जलवा बरकरार, वहीं से तय करेंगे कौन होगा उम्मीदवार, जानिए
बिहार में उपचुनाव के बाद अब राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी। राजद ने जेल में बंद सुप्रीमो लालू को ही उम्मीदवारों की घोषणा के लिए अधिकृत किया है।
पटना [जेएनएन]।बिहार में राज्यसभा की छह सीटों के लिए होने वाले चुनाव की घोषणा हो चुकी है। इसे लेकर बुधवार को राजद पार्टी की संसदीय दल की बैठक हुई, जिसमें यह फैसला लिया गया कि राज्यसभा और विधान परिषद के चुनाव के लिए उम्मीदवार कौन होंगे? इसका फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव करेंगे।
लालू फिलहाल चारा घोटाले के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे हैं। राजद की संसदीय दल की इस बैठक में लालू प्रसाद को पार्टी का उम्मीदवार तय करने के लिए प्राधिकृत किया गया है।
इस बैठक में लिए गए फैसले के बाद यह बात स्पष्ट हो गया है कि राजद को अब भी लालू प्रसाद यादव जेल से ही चला रहे हैं। पार्टी को लेकर कोई भी फैसला हो वह लालू प्रसाद यादव जेल से ही करते हैं। वैसे जीतनराम मांझी के फैसले को लेकर कहा जा रहा है कि तेजस्वी ने यह फैसला किया लेकिन सहमति लालू की ही होगी।
राजद को राज्यसभा चुनाव में 2 सीट मिलना तो तय है लेकिन इन 2 सीटों पर पार्टी का उम्मीदवार कौन होगा इसको लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है। पार्टी में सबकी अपनी-अपनी दावेदारी है। पार्टी के पुराने नेता रघुवंश प्रसाद सिंह, शिवानंद तिवारी और जगदानंद सिंह से लेकर महागठबंधन में शामिल हुए जीतन राम मांझी, सभी इन 2 सीटों के लिए दावेदार माने जा रहे हैं तो अब इसमें एक नया नाम बालू कारोबारी सुभाष यादव का भी जुड़ गया है।
दूसरी तरफ 6 मई को बिहार विधान परिषद की 11 सीट भी खाली हो रही हैं। खाली होने वाली 11 सीटों पर भी राजद का कौन-कौन उम्मीदवार होगा, इसे लेकर भी जोड़-तोड़ का खेल चल रहा है। ऐसे हालात में राज्यसभा चुनाव और विधान परिषद चुनाव में आरजेडी का उम्मीदवार कौन-कौन होगा इसका फैसला आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव नहीं बल्कि जेल में बंद उनके पिता और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव करेंगे।
बिहार में 23 मार्च को राज्यसभा चुनाव होगा, इसकी घोषणा हो चुकी है। बता दें कि बिहार के लिए छह राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं, लेकिन चुनाव सिर्फ पर ही होंगे। इसकी वजह यह है कि छठी सीट का मामला फिलहाल अदालत में है। जेडीयू के बागी नेता शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने समाप्त कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने इस फैसले को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया है।
23 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। संख्या बल के आधार पर जेडीयू और आरजेडी को दो-दो सीट मिलना और बीजेपी को 1 सीट मिलना तय माना जा रहा है।
वहीं इससे पहले 11 मार्च को बिहार में 1 लोकसभा और 2 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर लालू ने जेल से ही ऐलान कर दिया है कि तीनों सीटों पर राजद चुनाव लड़ेगी लेकिन कांग्रेस के द्वारा भभुआ विधानसभा उपचुनाव लड़ने की इच्छा जताए जाने के बाद लालू ने जेल से ही कांग्रेस को इस सीट पर चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी।
राजद की बागडोर भले ही लालू ने अपने छोटे बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के हाथ में सौंप दी हो, मगर पार्टी को लेकर सारे फैसले वह अभी भी जेल से ही लेते हैं। अब देखना है कि लालू राज्यसभा चुनाव के लिए फंसने वाले पेंच को कैसे सुलझाते हैं?