Lalu Prasad Yadav Phone Call for Jail: जो लोकतंत्र का सम्मान करेगा वह जेल से फोन नहीं करेगा: मुकेश सहनी
विधानसभा स्पीकर के चुनाव के दौरान बीजेपी नेता सुशील मोदी का जेल में लालू यादव के फोन रखने का विवाद भी चर्चा का विषय बना। इसको लेकर वीआइपी के नेता व पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने राजद सुप्रीमो पर हमला किया।
पटना, जेएनएन। बिहार विधानसभा को बुधवार को नया स्पीकर मिल गया। लखीसराय से बीजेपी विधायक विजय सिन्हा विधानसभा अध्यक्ष चुन लिए गए। इस दौरान काफी हंगामा भी हुआ। साथ ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी का जेल में लालू यादव के फोन रखने का विवाद भी चर्चा का विषय बना। इसको लेकर विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के नेता व पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने राजद सुप्रीमो पर हमला किया।
चर्चा में रहा लालू का मामला
नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष के स्वागत में बोलने को खड़े हुए वीआइपी के नेता व पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी बधाई के तुरंत बाद अपने एजेंडे पर आ गए। सहनी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के भाजपा विधायक के साथ फोन पर हुए संवाद का मामला उठा दिया। उन्होंने कहा कि जो लोकतंत्र का सम्मान करेगा वह जेल से किसी को फोन नहीं करेगा। गौरतलब हो कि एक दिन पहले सुशील मोदी ने ट्वीट कर लालू यादव पर जेल से फोन उठाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि मैंने लालू को फोन किया तो कॉल उन्होंने ही रिसीव की।
उम्मीद है किसान-मजदूर के दर्द को शिद्दत से महसूस करेंगे: महबूब आलम
विधानसभा में भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष इस सदन में लोकतंत्र के संरक्षक हैैं। उन्होंने कहा कि मैैं उम्मीद करता हूं कि विधानसभा अध्यक्ष किसान, मजदूर व प्रवासी कामगारों के दर्द को शिद्दत से महसूस करेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष अभिभावक का पद: अजीत शर्मा
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद अभिभावक का पद है। वह सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक को एक तरह से देखेंगे। विधानसभा स्पीकर चुनाव के दौरान महागठबंधन के नेताओं की ओर से जमकर हंगामा हुआ।
लोजपा और भाकपा ने भी बधाई दी, बसपा को नहीं मिला मौका
नवनिर्वाचित अध्यक्ष के समक्ष प्रथम औपचारिक संबोधन के क्रम में लोजपा के इकलौते विधायक राजकुमार सिंह को भी अपनी बात कहने का मौका मिला। पार्टी की ओर से उन्होंने अध्यक्ष को बधाई भी दी। उनके बाद भाकपा के रामरतन सिंह को भी मौका दिया गया। उन्होंने कहा कि उम्मीद करते हैं कि अध्यक्ष सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की भावना सुनकर इंसाफ करेंगे। वहीं बसपा के इकलौते विधायक जमा खान को बोलने का अवसर नहीं मिला। उन्होंने अपनी आपत्ति विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष दर्ज भी कराई।