तेजस्वी यादव के ट्वीट को लेकर ललन सिंह खूब सुनाई खरी खोटी
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के ट्वीट को लेकर जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने करारा हमला बोला है।
पटना [जेएनएन]। जलसंसाधन मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर सोमवार को करारा हमला बोला है। भ्रष्टाचार को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा नीतीश कुमार पर लगाए गए आरोपों पर जल संसाधन मंत्री ललन सिंह भड़क गए हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव पहले इस बात पर कुछ सफाई दें कि 10 हजार करोड़ की संपत्ति कैसे बनाई। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ दिन बाद लालू प्रसाद घर बैठेंगे और राजद 12 सीट पर ही सिमट जाएगी। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समाज नीतीश कुमार के साथ है। आरसीपी सिंह पूरे सूबे में घूमकर अति पिछड़ों को गोलबंद कर रहे हैं।
गौर हो कि बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार से नीतीश सरकार के खिलाफ ट्विटर पर हल्ला बोला है। वह नीतीश सरकार में हुए घोटाले गिना रहे हैं और साथ ही कार्टून के माध्यम से तंज भी कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया था। उन्होंने एक मजेदार कार्टून पोस्ट करते हुए बिहार में भ्रष्टाचार और चूहों पर लग रहे आरोप पर उनकी व्यथा दिखाई थी। उन्होंने लिखा था कि 1000 करोड़ का बाध टूटे, करोड़ों की जब्त नौ लाख लीटर शराब ग़ायब हो, करोड़ों की दवाई गायब हो, गरीबों का राशन गायब हो। नीतीश जी के कुशासनी राज में भ्रष्टाचार के दोषी चूहे ही होंगे। चूहे इनके झूठे आरोपों से परेशान हो पलायन कर कह रहे है अब नीतीश जी किसे दोषी ठहराएंगे।
तेजस्वी यादव के इस ट्वीट का जवाब जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार और संजय सिंह ने भी दिया था। जदयू के संजय सिंह ने लालू सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों की झड़ी लगा दी थी। उन्होंने लिखा कि 950 करोड़ का चारा खा गए, लाखों का अलकतरा गटक गए, प्रतिभाओं का हक मारकर मेधा घोटाला किया। आपके माता-पिता के जंगलराज की उपलब्धि भ्रष्टाचार और नरसंहार ही रही है न। आपके झूठ से परेशान बिहार की जनता ने पूरे परिवार का सत्ता से पलायन करा दिया। इसके लिए भी नीतीश जी को दोषी ठहराएंगे।
'चूहा-बिल्ली' का खेल, खेल रहे हैं। ट्विटरबाजी कर झूठे आरोप लगाना उनकी आदत हो गई है, जिससे वह मीडिया में बने रहना चाहते हैं। उन्होंने राजद नेता को सलाह देते हुए कहा कि तेजस्वी को उनके राजनीतिक गुरु लालू प्रसाद भ्रष्टाचार के विषय की अच्छी शिक्षा घर में ही दे सकते हैं क्योंकि राजनीति में इस विषय में लालू जी से बड़ा कोई 'डिग्रीधारी' विद्वान नहीं है।