सुशील मोदी से कुशवाहा ने पूछा, बताइए केंद्र संचालित विश्वविद्यालयों में कितने वीसी पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा
Bihar Politics महागठबंधन की सरकार बनते ही बिहार में सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। खासकर भाजपा नेता सुशील मोदी हमलावर हैं। अब जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पलटवार किया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: बिहार में नई सरकार के मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद विपक्षी दल भाजपा हमलावर है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी (Ex Deputy CM Sushil Kr Modi) ने मंत्रियों की संख्या कम करने, अतिपिछड़ा की अनदेखी करने समेत कई आरोप लगाए थे। इस पर अब जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने ट्वीट कर पलटवार किया है।
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कितने जज किस वर्ग के
मंगलवार को ट्वीट कर भाजपा नेता सुशील मोदी से कुशवाहा ने कई सवाल पूछे हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने पूछा है कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालय के कितने कुलपति और प्रोफेसर अति पिछड़ा, पिछड़ा, अनुसूचित जाति-जनजाति व अल्पसंख्यक समाज से हैं। यह सवाल भी पूछा कि भारत सरकार द्वारा की गई कोलेटरल बहाली में कितने अधिकारी, अतिपिछड़ा, पिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अल्पसंख्यक समाज से हैं? हो सके तो यह भी बता डालें कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में कितने जज किस वर्ग के हैं?
सुशील मोदी ने लगाया था उपेक्षा का आरोप
बता दें कि सुशील मोद ने ट्वीट किया था कि नई सरकार में मंत्रियों की संख्या कम कर दी गई। शेष जातियों को केवल प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व दिया गया। कोइरी समाज से केवल दो मंत्री बनाए गए। जो नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा की विरासत के दावेदार हैं, वे तो शपथ ग्रहण के दौरान गायब ही थे। सुशील मोदी ने लिखा है कि एनडीए सरकार ने अतिपिछड़ा समाज की रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया था लेकिन महागठबंधन में किसी अतिपिछड़ा को उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। वित्त विभाग राजद को मिलना चाहिए था। तंज कसते हुए सुशील मोदी ने लिखा कि लालू प्रसाद (RJD Supremo Lalu Prasad) को धन्यवाद जिन्होंने जनता का मनोरंजन करने के लिए बड़े पुत्र को भी मंत्री बनवा दिया।
मालूम हो कि जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा अक्सर भाजपा नेताओं पर निशाना साधते रहते हैं। ताजा सियासी घटनाक्रम के बाद यह सिलसिला और तेज हो गया है।