Move to Jagran APP

Kriti Raj: किसान की बेटी ने जूनियर कॉमनवेल्थ में 6 गोल्ड जीते, खेत गिरवी रख पिता ने भेजा था न्यूजीलैंड

Kriti Raj Singh खिलाड़ी कृति राज सिंह ने न सिर्फ बिहार के लिए छह स्वर्ण पदक जीता। बल्कि वे सब जूनियर पावरलिफ्टिंग कामनवेल्थ खेलने वाली बिहार की पहली महिला खिलाड़ी भी बन गई है।पिता ललन सिंह ने बेटी को आकलैंड भेजने के लिए अपना खेत तक गिरवी रख दिया था।

By Jagran NewsEdited By: Aditi ChoudharyPublished: Sat, 03 Dec 2022 08:05 AM (IST)Updated: Sat, 03 Dec 2022 08:05 AM (IST)
Kriti Raj: किसान की बेटी ने जूनियर कॉमनवेल्थ में 6 गोल्ड जीते, खेत गिरवी रख पिता ने भेजा था न्यूजीलैंड
Kriti Raj Singh: खुसरूपुर के कृति को कामनवेल्थ में भेजने के लिए पिता ने गिरवी रखा था खेत

पटना, जागरण संवाददाता। पटना के खुसरूपुर प्रखंड के बड़ा हसनपुर गांव की रहने वाली कृति राज सिंह ने न्यूजीलैंड में हुए सब जूनियर पावरलिफ्टिंग कामनवेल्थ चैंपियनशिप में छह स्वर्ण पदक जीत कर पूरी दुनिया में बिहार का नाम रोशन किया है। कृति ने 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में छह स्वर्ण पदक जीते हैं। इस जीत का श्रेय कृति राज सिंह अपने पूरे परिवार और अपने कोच करण को देती है। पिता ललन सिंह ने बेटी को आकलैंड भेजने के लिए अपना खेत तक गिरवी रख कर दिया।

loksabha election banner

शुरुआत में पिता ने खेलने से किया था मना 

कृति बताती है कि उनके पिता ललन सिंह ने शुरू में खेलने से मना किया था, लेकिन बड़े भाई प्रिंस के समझाने पर वे तैयार हुए। यहां तक पहुंचने में मेरे बड़े भाई प्रिंस का भी बड़ा योगदान है। कृति के पिता ललन सिंह ने बताया कि शुरू में मैंने उसे खेलने से मना किया था, लेकिन जब वह राज्य स्तर पर मेडल जीतकर आई तो उसे बढ़ावा देने लगा। न्यूजीलैंड खेलने भेजने के लिए पैसे की जरूरत थी कई जगह प्रयास किया लेकिन मदद नहीं मिली। अंत में मैने अपनी खेत गिरवी रख दी। 

पड़ोसी मारते थे बेटी को ताना

कृति की मां सुनैना देवी कहती हैं कि शुरू में जब बेटी खेलने के लिए जाती थी तो गांव और पड़ोस के लोग ताना मारते थे, लेकिन उनके ताने को अनदेखा कर बेटी को खेलने दिया। पांच बहनों में कृति सबसे छोटी है। बचपन से ही कृति पढ़ाई के साथ खेलने में काफी मेहनत करती थी। इसी का परिणाम है कि बेटी ने यह सफलता हासिल की। 

कोच ने कृति के लिए बेच दी जिम का क्रोस ट्रेनर मशीन

कोच करण ने बताया कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण अंतरराष्ट्रीय पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में चयन होने के बाद भी मैं नहीं जा सका, लेकिन मेरी छात्रा कृति ने यह सफलता हासिल कर मेरे सपने को साकार किया। उसे किट दिलाने के लिए मैंने अपने जिम का क्रोस ट्रेनर मशीन तक बेच दिया। 

कोच के कहने पर करने लगी पावर लिफ्टिंग

कृति दसवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद 12वीं की पढ़ाई करने के लिए 2019 में पटना आई थी। नौवीं कक्षा से वेटलिफ्टिंग करती थी। वेटलिफ्टिंग में राज्य स्तर पर कई मेडल जीते। पटना में कोच करण के पास उनके जिम एनिमल द मांस्टर में वेटलिफ्टिंग सिखने गई तो उन्होंने कहा कि यहां पावर लिफ्टिंग की ट्रेनिंग मिलती है। तब कृति ने पावर लिफ्टिंग की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। 2021 में स्टेट पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप, पटना में स्वर्ण पदक मिला। ईस्ट इंडिया पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप, धनबाद में कांस्य पदक जीती। सितंबर 2022 में हैदराबाद में राष्ट्रीय पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में भी तीन कांस्य मिले।

राज्य की पहली सब जूनियर पावर लिफ्टिंग खेलने वाली महिला

खिलाड़ी कृति राज सिंह ने न सिर्फ बिहार के लिए छह स्वर्ण पदक जीता। बल्कि वे सब जूनियर पावरलिफ्टिंग कामनवेल्थ खेलने वाली बिहार की पहली महिला खिलाड़ी भी बन गई है। राज्यपाल फागु चौहान और सीएम नीतीश कुमार ने कृति को बधाई दी है। 

सरकार से भी नहीं मिली मदद

कृति कहती है कि मेडल जितने के बाद तो सभी सम्मान देते हैं, लेकिन मेडल जितने से पहले यदि खिलाड़ियों को मदद मिले तो बिहार से कई कृति निकलेगी। न्यूजीलैंड जाने के लिए आर्थिक मदद की जरूरत थी। इसके लिए मैंने सरकार से आर्थिक मदद मांगी लेकिन मदद नहीं मिली। आइपीएस पंकज राज ने एक लाख रुपये की आर्थिक मदद की।

हसनपुर पहुंचने पर कृति का किया गया भव्य स्वागत 

न्यूजीलैंड से लौटने के बाद शुक्रवार को कृति प्रखंड के बड़ा हसनपुर अपने घर पहुंचीं। यहां उनका भव्य स्वागत किया गया। घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। पिता ललन सिंह और माता सुनैना देवी ने कृति का मुंह मीठा कराया। कृति पांच बहनों में सबसे छोटी है। कृति ने बताया कि उसने आकलैंड में संपन्न प्रतियोगिता के तीन इवेंट में भाग लिया। प्रतियोगिता में उसने होल पावर में चार स्वर्ण, रा बेंच में एक स्वर्ण और इक्विप बेंच में एक स्वर्ण पदक अपने नाम किया। फिलहाल कृति गुवाहाटी के लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फिजिकल एजुकेशन से बीपीएड कर रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.