ज्ञान एक बैंक है और स्किल उसका एटीएम
कुछ नया करने की इच्छा सपनों को पूरे करने की खुशी शुक्रवार को पटना विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में दिखी
पटना। कुछ नया करने की इच्छा, सपनों को पूरे करने की खुशी शुक्रवार को पटना विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में विद्यार्थियों के बीच देखने को मिल रही थी। मौका था आर्ट कॉलेज और पटना वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज के दीक्षा समारोह का, जिसमें छात्र-छात्राओं ने पूरे उत्साह और उमंग के साथ भाग लिया। इस मौके पर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रास बिहारी सिंह ने कहा कि ज्ञान एक बैंक की तरह है और स्किल उसका एटीएम कार्ड। यह विद्यार्थी पर निर्भर करता है कि वो इसका उपयोग कैसे करता है। आर्ट कॉलेज में 32 छात्रों को मिली डिग्री :
पटना आर्ट कॉलेज में सत्र 2018 के 32 बच्चों को डिग्री दी गई। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री के विशेष सलाहकार अंजनी कुमार सिंह, कुलपति रास बिहारी सिंह, कुलसचिव कर्नल मनोज मिश्रा, प्रति कुलपति डॉली सिन्हा, मानविकी विभाग के डीन रामा शंकर और कॉलेज के प्राचार्या अजय पाडेय मौजूद थे। छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय ने एक अच्छी परंपरा की शुरुआत की है। मैं भी पटना कॉलेज का छात्र था, लेकिन हमारे समय में कभी इस तरह के दीक्षा कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाता था। अब विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय कपड़ों को विशेष महत्व देते हुए दीक्षा समारोह की जो परंपरा शुरू की गई है, वह सबसे अलग और अच्छी है। उन्होंने कहा कि कला के क्षेत्र में उनकी शुरू से ही बहुत रुचि रही है। इसीलिए तो बिहार म्यूजियम में आर्ट को लेकर विशेष ध्यान दिया गया है। कुलपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की और कहा कि जल्द ही उनके कॉलेज को कुछ नए सौगात भी विश्वविद्यालय की तरफ से दी जाएगी। इसमें हॉस्टल से लेकर शिक्षकों की संख्या तक में बढ़ोतरी शामिल है। इस मौके पर कुल 32 बच्चों को डिग्री देकर सम्मानित किया गया। पटना वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज की 82 छात्राओं को मिला सम्मान : पटना वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज के पहले दीक्षा समारोह में सत्र 2016-18 की 82 छात्राओं को डिग्री देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रास बिहारी सिंह, कुलसचिव एन जामा, रजनीश कुमार, परीक्षा नियंत्रक आरके मंडल, डीन एजुकेशन आशुतोष कुमार के साथ कॉलेज की प्राचार्या मुनव्वर जहां मौजूद थीं। छात्राओं को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि ये उपाधि मिलने के बाद आप भविष्य के शिक्षक बनने जा रही हैं। आपकी जिम्मेदारी समाज के प्रति ज्यादा हो जाती है। हमने जो आपको पगड़ी और अंग वस्त्र दिया है वो सत्यापन का निशान है कि आप आगे चल कर खुद एक सफल व्यक्ति तो बनेंगी ही, साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी इसी तरह तैयार करेंगी। साथ ही उन्होंने छात्राओं को बताया कि हो सकता है आपका कॉलेज छोटा हो, सुरक्षा के सही इंतजाम नहीं हो, लेकिन ये दुनिया का अकेला ऐसा कॉलेज होगा जो उच्च शिक्षा मुफ्त में छात्राओं तक पहुंचाता है।