आखिर क्यों दीपक ने 'बिग बॉस' क्विट कर चुना 20 लाख रुपयों का बैग, जानें
दीपक ठाकुर ने बिग बॉस के फाइनल में पहुंच ये दिखा दिया कि शो पर आम लोग भी राज कर सकते हैं। करीब तीन महीने बिहार के दीपक शो में रहे और लोगों का मनोरंजन किया।
By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 04:38 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 04:38 PM (IST)
पटना, जेएनएन। करीब तीन महीनों तक चला बहुचर्चित टीवी शो 'बिग बॉस' का 12वां सीजन रविवार को फाइनल एपिसोड के प्रसारण के साथ ही संपन्न हो गया। आधी रात आए परिणाम के बाद दीपिका कक्कड़ जहां शो की विजेता बनीं तो बिहार का दीपक ठाकुर सभी के दिलों पर छा गया। तीसरे स्थान पर आकर दीपक ने बीस लाख रुपये लेकर शो को क्विट कर दिया। दीपक के इस निर्णय की तारीफ खुद भाई जान सलमान खान ने की।
टूटी-फूटी अंग्रेजी से सभी को बनाया दीवाना
16 सितंबर को 'बिग बॉस' के 12वें सीजन की शुरुआत हुई थी। शो के पहले दिन से ही बिहार के मुफ्फरपुर के दीपक ठाकुर कामनर के रूप में पटना की उर्वशी के साथ शामिल हुए थे। दीपक भले ट्रेंड सिंगर हैं पर उनकी पहचान ज्यादा नहीं थी। गैग्स आफ वासेपुर के फ्रस्टियाओ नहीं मोरा गाने से दीपक को लोग जानने लगे थे। ये गाना दीपक ने 14 साल की उम्र में गाया था। बिग बास में दीपक अपनी टूटी-फूटी अंग्रजी के कारण भी मशहूर हुए। उन्होंने 15 हफ्त शो में रहते हुए अपनी बोली-भाषा से सभी को अपना दीवाना बनाया।
बहन की शादी को काम आएंगे पैसे
शो के ग्रैंड फिनाले के दिन आखिर में केवल तीन प्रतियोगी ही फाइनल में बने थे। इसी बीच बिग बास ने दीपक को पैसों से भरा एक बैग देकर शो छोड़ने का आफर दिया। बैग में बीस लाख रुपये थे। इसमें उनके साथ क्रिकेटर श्रीशांत और दीपिका भी थीं। जिसे बैग लेकर शो छोड़ना था उसे पहले एक बजर बजाना था। दीपक ने सबसे पहले बजर दबाते हुए पैसों वाला बैग लेने का निर्णय लिया। सलमान खान के पूछने पर कि आप ने पैसे का बैग क्यों चुना दीपक ने कहा, मेरे फैन्स का शुक्रिया। जिन्होंने मुझे यहां तक पहुंचाने में योगदान दिया उनका मैं आभारी हूं, पर पैसे मेरे बड़े काम आएंगे। मुझे बहन की शादी करनी है। इसके लिए मुझे पैसों की जरूरत होगी। इसके बाद दीपक ने शो का शुक्रिया किया। सलमान खान ने भी दीपक के निर्णय की तारीफ की।
बिग बॉस में आम आदमी की पहुंच
पॉपुलर रियलिटी शो 'बिग बॉस' में अब सिर्फ सेलेब्रिटीज का एकाधिकार नहीं रह गया। कॉमन कैटेगरी में आम आदमी भी कंटेस्टेंट बन सकता है। बिहार से दीपक ठाकुर से पहले ज्योति कुमारी इसी कैटेगरी में आई थीं। सीजन 10 सिलेब्स के साथ आम आदमी भी आए थे और इस सीजन के विनर भी आम आदमी मनवीर गुर्जर विजेता बने थे।
टूटी-फूटी अंग्रेजी से सभी को बनाया दीवाना
16 सितंबर को 'बिग बॉस' के 12वें सीजन की शुरुआत हुई थी। शो के पहले दिन से ही बिहार के मुफ्फरपुर के दीपक ठाकुर कामनर के रूप में पटना की उर्वशी के साथ शामिल हुए थे। दीपक भले ट्रेंड सिंगर हैं पर उनकी पहचान ज्यादा नहीं थी। गैग्स आफ वासेपुर के फ्रस्टियाओ नहीं मोरा गाने से दीपक को लोग जानने लगे थे। ये गाना दीपक ने 14 साल की उम्र में गाया था। बिग बास में दीपक अपनी टूटी-फूटी अंग्रजी के कारण भी मशहूर हुए। उन्होंने 15 हफ्त शो में रहते हुए अपनी बोली-भाषा से सभी को अपना दीवाना बनाया।
बहन की शादी को काम आएंगे पैसे
शो के ग्रैंड फिनाले के दिन आखिर में केवल तीन प्रतियोगी ही फाइनल में बने थे। इसी बीच बिग बास ने दीपक को पैसों से भरा एक बैग देकर शो छोड़ने का आफर दिया। बैग में बीस लाख रुपये थे। इसमें उनके साथ क्रिकेटर श्रीशांत और दीपिका भी थीं। जिसे बैग लेकर शो छोड़ना था उसे पहले एक बजर बजाना था। दीपक ने सबसे पहले बजर दबाते हुए पैसों वाला बैग लेने का निर्णय लिया। सलमान खान के पूछने पर कि आप ने पैसे का बैग क्यों चुना दीपक ने कहा, मेरे फैन्स का शुक्रिया। जिन्होंने मुझे यहां तक पहुंचाने में योगदान दिया उनका मैं आभारी हूं, पर पैसे मेरे बड़े काम आएंगे। मुझे बहन की शादी करनी है। इसके लिए मुझे पैसों की जरूरत होगी। इसके बाद दीपक ने शो का शुक्रिया किया। सलमान खान ने भी दीपक के निर्णय की तारीफ की।
बिग बॉस में आम आदमी की पहुंच
पॉपुलर रियलिटी शो 'बिग बॉस' में अब सिर्फ सेलेब्रिटीज का एकाधिकार नहीं रह गया। कॉमन कैटेगरी में आम आदमी भी कंटेस्टेंट बन सकता है। बिहार से दीपक ठाकुर से पहले ज्योति कुमारी इसी कैटेगरी में आई थीं। सीजन 10 सिलेब्स के साथ आम आदमी भी आए थे और इस सीजन के विनर भी आम आदमी मनवीर गुर्जर विजेता बने थे।
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