बिल्कुल फिल्मी है गीतकार संतोष आनंद की प्रेम कहानी, खोला राज- 50 साल बाद मिली बिछुड़ी प्रेमिका
बॉलीवुड गीतकार संतोष आनंद ने अपनी प्रेम कहानी का राज पटना में खोला। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी प्रेमिका ने आधी सदी के बाद उन्हें फोन किया।
पटना [जेएनएन]। कम लोग ही जानते होंगे कि गीतकार संतोष आनंद ने गीत "इक प्यार का नगमा है, मौजों की रवानी है..." अपनी प्रेमिका के लिए लिखी थी। कालक्रम में वह प्रेमिका उनसे बिछुड़ गई। 50 साल बाद वह फिर मिलेगी, इसका यकीन उन्हें भी नहीं था। बॉलीवुड फिल्मों जैसी यह कहानी 84 साल के हो चुके संतोष आनंद के जीवन की हकीकत है। इसका राज उन्होंने पटना में खोला।
प्रेमिका के लिए लिखा था 'इक प्यार का नगमा है'
बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक हिट गीत देने वाले गीतकार संतोष आनंद बीेते दिनों पटना आए थे। यहां एक कवि सम्मेलन में उन्होंने अपनी जिंदगी का बड़ा राज खोला। उन्होंने बताया कि गीत 'इक प्यार का नगमा है...' उन्होंने अपनी प्रेमिका के लिए लिखा था। यह भी बताया कि वह प्रेमिका उनसे बिछुड़ गई थी।
50 साल बाद किया फोन, बराबर करती बात
उम्र के 84 बसंत पार कर चुके संतोष आनंद ने बताया कि कुछ साल पहले उसी प्रेमिका ने फोन किया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्हें तो लगता था कि वह शायद अब इस दुनिया में ही नहीं हो। लेकिन 50 साल के बाद अब वह फिर मिली है। उन्होंने प्रेमिका का नाम तो नहीं बताया, लेकिन इतना जरूर कहा कि वह पुणे में रहती है तथा वहां से बराबर फोन करती है।
पटना को दिया नया नाम, कही ये बात
संतोष आनंद ने पटना की जमकर तारीफ की तथा इसे नया नाम भी दिया। कहा कि यहां के लोग इतने अच्छे हैं कि इस शहर का नाम 'पटना' के बदले 'पटजा' होना चाहिए था।
उम्र नहीं, हौसले से जीना सीखें बुजुर्ग
साथ ही संतोष आनंद ने बुजुर्गों को यह संदेश भी दिया कि वे उम्र नहीं, हौसले से जिएं। अपनी बात करते हुए ह्वील चेयर पर बैठे संतोष आनंद ने कहा कि भले ही उनका शरीर साथ नहीं दे रहा है, लेकिन वे हौसलों के बल पर बेहतर ढ़ंग से जी रहे हैं।
हास्य कवि सम्मेलन में की शिरकत
संतोष आनंद शनिवार को पटना के रवींद्र भवन परिसर में आयोजित अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन में शिरकत करने आए थे। व्हील चेयर पर बैठे गीतकार आनंद का कांपता शरीर भी आत्मविश्वास के साथ भरा नजर आ रहा था। लड़खड़ाती आवाज में उन्होंने अपनी प्रेम कहानी का राज खोलने के बाद गीत व कविताएं भी खूब सुनाई। आनंद ने जब अपनी कविता ''तुम ही से मिलने आया हूं, तुम ही पर जान देने आया हूं; आखिरी वक्त है इम्तिहान देने आया हूं...'' सुनाया ताे पटनाइट्स ने उनकी लंबी उम्र की कामना करते हुए तालियों से जमकर स्वागत किया।