रियल लाइफ जय-वीरू बने ये दोस्त, ऐसी दी मिसाल कि दुनिया कह रही वाह-वाह
एक युवक ने बीमार दोस्त के जीवन के लिए किडनी देने की ठानी। रास्ते में कानूनी बाधाएं आईं लेकिन हार नहीं मानी। अब कोर्ट के आदेश से पटना के एक अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण होगा।
पटना [निर्भय सिंह]। बॉलीवुड फिल्म 'शोले' याद है आपको? उसके दो किरदार 'जय' व 'वीरू' की दोस्ती मिसाल थी। ऐसी ही दोस्ती की रियल लाईफ मिसाल दी है पटना के विवेक कुमार और गुजरात के चौहान राजेश ने। राजेश अपने बीमार दोस्त को किडनी देने के लिए पूरी व्यवस्था से लड़ गए। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अब पटना हाईकोर्ट ने किडनी देने की अनुमति दे दी है।
कोर्ट ने किडनी रोगी को दी बड़ी राहत
किडनी फेल्योर के रोगी विवेक को पटना हाईकोर्ट से बुधवार को बड़ी राहत मिली। अदालत ने गुजरात के किडनी दान करने वाले उनके दोस्त राजेश को दो सप्ताह के भीतर एनओसी लेकर बिहार सरकार के संबंधित अधिकारियों को सूचित करने को कहा है। एनओसी मिलते ही राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत कमेटी औपचारिकताएं पूरी कर किडनी ट्रांसप्लांट की कार्रवाई शुरू कर देगी। साथ ही हाईकोर्ट ने पटना के पारस अस्पताल को नोटिस जारी कर किडनी ट्रांसप्लांट के लिए तैयार रहने का भी आदेश दिया।
ट्रांसप्लांट के लिए तैयार नहीं था अस्पताल
दोस्त की किडनी लेने के लिए विवेक कुमार की याचिका पर पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुधीर सिंह की पीठ ने यह आदेश दिया। पहले अस्पताल कानूनी अड़चनों के कारण इस ट्रांसप्लांट के लिए तैयार नहीं था।
मुसीबत में सहायता को समाने आया दोस्त
यह मामला पटना निवासी विवेक कुमार का है जो गुजरात में रहने वाले अपने अभिन्न मित्र चौहान राजेश भाई से किडनी लेना चाहते हैं। लेकिन डाक्टर यह कह कर मुंह मोड़ रहे थे कि रोगी अपने सगे संबंधी की ही किडनी ले सकते हैं। दुर्भाग्य से विवेक कुमार को अपने सगे-संबंधी से किडनी नहीं मिल पा रहा है। पत्नी तैयार हैं, लेकिन वे कई रोगों से पीडि़त हैं। डाक्टर ने पत्नी की किडनी लगाने से मना कर दिया है। जब यह जानकारी गुजरात में रहने वाले विवेक के दोस्त को हुई तो वे सहर्ष अपनी किडनी देने को तैयार हो गए।
अब साफ हुआ प्रत्यारोपण का रास्ता
अधिवक्ता दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि किडनी दान करने वाले और जिसे किडनी प्रत्यारोपित करनी है, दोनों ने मिलकर याचिका दायर की। याचिका द्वारा अदालत को बताया गया कि रोगी ही हालत काफी गंभीर है। उसका 65 बार डायलिसिस हो चुका है। पहले उसे कहीं से किडनी नहीं मिल रही थी। अब उसका दोस्त तैयार हुआ तो डॉक्टर तैयार नहीं हैं। इस मामले में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब किडनी प्रत्यारोपण का रास्ता साफ हो गया है।