विशेष कौशल से लैस है पटना पुलिस, बड़े बड़े केस को बना देती है 'रहस्यमयी'
खुद की तुलना स्कॉटलैंड पुलिस से करने वाली पटना पुलिस कुछ हाई-प्रोफाइल कांडों को भी रहस्यमय बना देती है। एेसे कई केसेज सामने आये हैं जिसमें पुलिस की नाकामी दिखती है।
पटना [जेएनएन]। बड़े से बड़े और जटिल से जटिल मामलों में गिरफ्तारियां कर खुद की तुलना स्कॉटलैंड पुलिस से करने वाली पटना पुलिस कुछ हाई-प्रोफाइल कांडों को भी रहस्यमय बना देती है। समय बीतता चला जाता है और कुछ महीने बाद अनुसंधानकर्ता कांड में अज्ञात के विरुद्ध चार्जशीट कर देता है, जिसमें लिखा होता है - अंतिम प्रतिवेदन, कोई साक्ष्य नहीं मिला।
पांच-छह साल में ऐसे कई हत्याकांड सामने आए, जिनके उद्भेदन करने में पुलिस ने दिलचस्पी नहीं ली और उसकी गुत्थी सुलझाने के बजाय मामले को रहस्य ही बना रहने दिया। कुछ मामलों में पुलिस ने दिखावे के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की पर अनुसंधान को सही दिशा नहीं मिल सकी।
इन मामलों में पटना पुलिस की विशेष सेल भी फेल साबित हुई। इक्का-दुक्का मामलों में संदेह के आधार पर पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा पर साक्ष्य समर्पित नहीं कर सकी। ऐसी गिरफ्तारियां उन हत्याकांडों में हुईं, जिनमें पुलिस ने हाथ-पांव नहीं मारा और वादी के बयान के आधार पर ही कार्रवाई की। लिहाजा, नतीजा ढाक के तीन पात रहा।
केस :1
घटना 30 जुलाई 2012 की है। पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के इंद्रपुरी में एक निजी स्कूल की प्रिंसिपल नीलम शर्मा की हत्या कर दी गई थी। माना जा रहा था कि लूटपाट के दौरान उनकी हत्या कर दी गई है। लेकिन, आज तक पुलिस खुलासा नहीं कर सकी कि हत्या के पीछे कौन था और असली वजह क्या रही?
केस : 2
अक्टूबर 2013 में पाटलिपुत्र में कैसेट किंग के नाम से प्रसिद्ध रामजी प्रसाद गुप्ता की अपराधियों ने रात में गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने करीबी पर शक जाहिर किया था, लेकिन वह कौन था? ये अब तक नहीं पता चल सका। इस हत्याकांड की फाइल धूल फांक रही है।
केस: 3
एक दिसंबर 2013 को कदमकुआं थानान्तर्गत राजेंद्र नगर में डॉ. रजनीश की हत्या हुई थी। पुलिस ने दिलचस्पी नहीं दिखाई और शक के दायरे में आने वाले लोगों तक पहुंच भी नहीं पाई। तीन साल बाद मुनचुन नामक का एक बदमाश पकड़ा गया था। उसे पुलिस ने डॉक्टर का हत्यारा बताया, लेकिन कोई साक्ष्य नहीं जुटा पाई।
केस : 4
28 अगस्त 2014 को गांधी मैदान थाना क्षेत्र के पीरमुहानी मोहल्ला में घर से मासूम हेमा का अपहरण कर लिया गया था। बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में नाले से उसका शव बरामद हुआ। घटना के बाद लोगों ने प्रदर्शन किया, लेकिन आज तक आरोपितों की पहचान नहीं हो सकी। कुछ गिरफ्तारियां हुईं, लेकिन सफलता नहीं मिली।
केस : 5
-30 अक्टूबर 2016 की रात कोतवाली थाना क्षेत्र के नागेश्वर कॉलोनी में किराना दुकानदार रामदेव मंडल उर्फ ओमजी मंडल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस कांड में सीसी कैमरे की फुटेज से केवल इतना पता चल पाया कि हत्यारे स्कूटी से आए थे। कोतवाली पुलिस को इस मामले में आज तक कोई सुराग नहीं मिला।
केस : 6
17 मार्च 2018 की रात बेउर थाना क्षेत्र में डाका डालने के पहुंचे आधा दर्जन बदमाशों ने घर में सो रही महिला की गोली मारकर हत्या कर दी। सीसीटीवी फुटेज में आधा दर्जन बदमाश देखे गए। पुलिस चार पांच जिलों के बदमाशों की तस्वीर से फुटेज का मिलान भी किया, लेकिन मामले का खुलासा नहीं कर सकी।
कहा-एसएसपी ने
संज्ञेय अपराध की समीक्षा की जाती है। आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए जाते हैं। कई ब्लाइंड केस का पुलिस खुलासा कर चुकी है।
मनु महाराज, एसएसपी