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आखिर कब तक? फिल्म के हीरो विनय राणा पर धुन सवार थी एक्टिंग की, जानिए

बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले विनय राणा जिनकी फिल्म आखिर कबतक शुक्रवार को रिलीज हुई है, उन्होंने कहा कि घरवाले चाहते थे मैं फौज में जाऊं लेकिन मैं एक्टर बनना चाहता था।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 22 Oct 2016 08:15 PM (IST)Updated: Sun, 23 Oct 2016 11:18 PM (IST)
आखिर कब तक? फिल्म के हीरो विनय राणा पर धुन सवार थी एक्टिंग की, जानिए

पटना [वेब डेस्क]। रोहतास जिले के कुंड गांव के विनय को तीन साल पहले कोई नहीं जानता था। घर के लोग उसे फौजी बनाना चाहते थे, लेकिन विनय पर एक्टिंग की धुन सवार थी। अपना सपना साकार करने वह मुंबई चले गए। तीन साल तक विनय शर्म के मारे गांव नहीं आए, बस एक ही बात मन में ठान रखी थी, नाम बनाकर ही गांव जाऊंगा।

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दहेज उत्पीड़न पर आधारित है आखिर कबतक

उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में दहेज एक उत्पीड़न का रूप ले चुका है।एक साफ-सुथरी और समाज को दिशा देनेवाली यह एक ऐसी फिल्म है, जिसमें दिखाया गया है कैसे दहेज की समस्या कुछ लोगों के लिए हथियार भी बन गया है। इस में वर-वधू दोनों को लेकर एक न्याय संगत समस्या की कोशिश की गई है। विनय राणा फिल्म 'आखिर कब तक' से डेब्यू कर रहे हैं। शुक्रवार को यह फिल्म रिलीज हुई है।

फिल्म का प्रमोशन करने पटना आए विनय ने से कहा कि मुंबई में मुझे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी पैसे की हुई। मुझे पार्ट टाइम हाउस कीपर का काम करना पड़ा। इसके बदले 4 हजार रुपए मिलते थे। इसके बाद काम की तलाश में निकल जाता था। एक विज्ञापन में काम करने का मौका मिला। उसके बाद इस फिल्म के डायरेक्टर से मुलाकात हुई और फिल्म में काम करने का मौका मिला।

हीरो बना तो घरवाले हैं खुश

परिजन चाहते थे कि मैं फौज में जाऊं, लेकिन मेरा मन एक्टिंग में लगाता था। मेरे एक्टर बनने की बात से सभी नाराज हो गए थे। हीरो बनने का सपना लिए मैं मुंबई चला गया। तीन साल तक गांव नहीं गया। अब गांव जा रहा हूं। बहुत खुशी हो रही है।

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जब घरवालों को पता चला कि विनय हीरो बन गया और उसकी फिल्म रिलीज हो रही है। तो काफी खुश हुए। गांव में जब फिल्म के प्रचार का वाहन गया तो लोग कहने लगे कि अरे यह तो हीरो बन गया।

मां चाहती थी बेटा बने फौजी

विनय ने कहा कि मां कहती थी कि तुम्हारा हाइट ठीक है। फौज में जाओ। फौज में बाल छोटे रखने पड़ते थे और मुझे अपने बालों से प्यार था। मैं लंबे बाल रखना चाहता था। इसके लिए फौज में जाने को तैयार नहीं था।

मुझे मुंबई में पहले ऐड फिल्म में काम करने का मौका मिला।

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इस दौरान इंजन ऑयल का विज्ञापन मिला फिर मॉडलिंग करने लगा।इसके बाद फिल्म में आने का सपना सकार हुआ। हिन्दी फिल्म 'मायाजाल' 'डबल गेम' भोजपुरी फिल्म 'लगा देम जान के बाजी' आने वाली है।


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