घुटना में दर्द या टेढ़ापन, सबका है इलाज, डॉक्टरों ने दी नेक सलाह
घुटना में दर्द या टेढ़ापन का इलाज अब संभव है। इसके लिए समय रहते चिकित्सकों से मिलकर इलाज कराया जा सकता है। जरूरत है सचेत रहने की।
पटना [जेएनएन]। जरा सी लापरवाही बरतने पर आपके सेहत बिगड़ने के आसार बढ़ जाते है। सबसे पहले इसके लिए जरूरी है कि किसी भी प्रकार की बीमारी चाहे वह छोटी हो या बड़ी उसकी अनदेखी करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अमूमन देखा जाता है कि यदि चलने फिरने में दिक्कत होने पर हम इस नजरअंदाज कर देते है या कोई भी मेडिकल स्टोर से दवा लेकर तकलीफ को दूर करने की कोशिश करते है।
यदि पैर के घुटनों वाले हिस्से में थोड़ी भी कोई तकलीफ हो तो समय रहते चिकित्सक से इसकी जांच करवा कर दवा लेकर समस्या को दूर किया जा सकता है।
राजधानी पटना में आयोजित एक वर्कशॉप में कई डॉक्टरों ने भाग लिया। सभी डॉक्टरों ने अपनी अपनी बातें रखी। डॉक्टर जॉन मुखोपाध्याय ने कहा कि 42-45 की उम्र में लोगों को घुटने में दर्द हो जाता है। इसके कारण घुटने में टेढ़ापन शुरू हो जाता है। यदि इस समय टेढ़ापन को ठीक कर दिया जाए, तो बीमारी पूर्णत: ठीक हो जाती है। इसी डॉ. अरविंद प्रसाद गुप्ता ने कहा कि पैर में लचक, सीढ़ी चढ़ने-उतरने में परेशानी, घुटने में दर्द हो, घुटना लॉक हो जाए तो समझना चाहिए कि लिगामेंट में गड़बड़ी हो गई है। इसलिए दूरबीन से लिगामेंट का ऑपरेशन करने से ये समस्याएं पूर्णत: ठीक हो जाती हैं। डॉ. आइपीएस ओबेरॉय ने कहा कि अगर घुटना लॉक हो जाए और काफी दर्द हो तो इसका दूरबीन प्रवृति से ऑपरेशन करा लेना चाहिए। नहीं तो आगे चलकर घुटना तेजी से हिलने लग जाता है और मरीज को आर्थराइटिस की बीमारी हो जाने की संभावना रहती है।
राजधानी पटना के एक अस्पताल में नी अर्थोस्कोपी एंड आष्टियोटॉमी कोर्स की लाइव सर्जरी पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें बिहार-झारखंड के वरीय 80 डॉक्टरों ने भाग लिया। इसमें पीएमसीएच, पटना, एम्स, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच के डॉक्टर भी मौजूद उपस्थित थे। इस वर्कशॉप में पारस एचएमआरआइ हॉस्पिटल के हड्डी रोग विभाग के डायरेक्टर डॉ. जॉन मुखोपाध्याय, डॉ. अरविन्द कुमार गुप्ता ने भी लाइव सर्जरी की। डॉ. जॉन मुखोपाध्याय ने घुटने का ऑपरेशन किया। जबकि डॉ. गुप्ता ने लिगामेंट का ऑपरेशन किया। वर्कशॉप में दिल्ली से आए डॉ. आइपीएस ओबेरॉय ने घुटने के मेजिस्कस (वॉशर) एवं आर्टिलेज का ऑपरेशन किया। वहीं कोलकाता से आए डॉ. विकास कपूर एवं डॉ. राजीव रमण ने क्रमश: एसीएल रिकंस्ट्रक्शन एवं एमपीएफएल रिकंस्ट्रक्शन का ऑपरेशन किया। वर्कशॉप में पटना एम्स के डॉ. अनूप कुमार तथा डॉ. सुदीप कुमार, आइजीआइएमएस के डॉ. मनीष कुमार, पीएमसीएच के डॉ. राकेश चैधरी, एनएमसीएच के डॉ. रजत मणि तथा डॉ. महेश तथा पटना के डॉ. गुरुदेव कुमार भी शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में सारे पार्टीसिपेंट ने दूरबीन से घुटना देखने की तकनीक का ड्राई मॉडल पर प्रैक्टिस किया।