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    Bihar News : KK Pathak का नया फरमान, सभी DM से कहा- स्कूल में भले ही एक भी छात्र ना हो; फिर भी...

    Updated: Thu, 08 Feb 2024 08:27 PM (IST)

    KK Pathak बिहार में शिक्षा में सुधार के लिए विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पूरा लगाया हुआ है। इसे लेकर वह बीते कुछ महीनों से चर्चा में बने हुए ...और पढ़ें

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    KK Pathak का नया फरमान, कहा- स्कूल में भले ही एक भी छात्र ना हो; फिर भी शिक्षक तैनात करें

    राज्य ब्यूरो, पटना। KK Pathak : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिलाधिकारियों को कहा है कि भले ही किसी उत्क्रमित विद्यालय में एक भी छात्र न हो, फिर भी वहां शिक्षकों को पदस्थापित करें।

    ऐसे विद्यालयों में छात्र इसलिए नहीं हैं, क्योंकि पहले वहां शिक्षक नहीं थे। जानकारी मिलेगी कि शिक्षक आए गए हैं तो छात्र भी अपना नामांकन कराएंगे।

    केके पाठक ने लिखा पत्र

    पाठक ने यह पत्र उन सूचनाओं के आधार पर लिखा है, जिसमें बताया गया है कि छात्र विहीन विद्यालयों में नवचयनित शिक्षकों को पदस्थापित करने में जिला स्तर पर संकोच किया जा रहा है।

    दो चरणों में माध्यमिक विद्यालयों के लिए 55 हजार से अधिक शिक्ष्क चयनित हुए हैं। पत्र में कहा गया है कि ये ऐसे विद्यालय हैं, जो कुछ साल पहले तक मध्य विद्यालय थे। इन्हें सरकार ने उत्क्रमित कर माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय बना दिया है।

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    सरकार ने 2013 में लिया था ये फैसला

    सरकार ने 2013 में पंचायत स्तर पर एक उच्च विद्यालय खोलने का निर्णय लिया। उत्क्रमण के साथ-साथ भवन और अतिरिक्त कक्षाओं का निर्माण किया गया।

    इन विद्यालयों में अब तक पर्याप्त शिक्षक नहीं भेजे गए। इस समय भी इन उत्क्रमित विद्यालयों में शिक्षकों के पदस्थापन में संकोच किया जाता है, जिनमें छात्रों की संख्या सौ या उससे कम है।

    शिक्षक अनिवार्य रूप से भेजना होगा : केके पाठक

    केके पाठक के पत्र में कहा गया है कि कक्षा नौ से 10 में और 11 से 12 में अगर एक भी छात्र आता है तो उन्हें पढ़ाने के लिए पांच से सात शिक्षक अनिवार्य रूप से भेजना होगा, ताकि उस छात्र को संबंधित विषयों का मौलिक ज्ञान दिया जा सके।

    पाठक ने जिलाधिकारियों को कहा है कि वे शिक्षकों के पदस्थापन के बारे में ग्रामीणों के बीच प्रचार करें। पंचायत स्तर पर लोगों को बताएं कि विद्यालय में शिक्षक आ गए हैं। वे अपने बच्चों का नामांकन कराएं।

    इस साल एक अप्रैल से अगले छह महीने तक छात्र-छात्राओं के नामांकन की प्रतीक्षा करें। अगर 30 सितंबर तक कोई छात्र उत्क्रमित विद्यालय में नामांकन नहीं कराता है तो ऐसे विद्यालयों को बंद करने पर विचार किया जाएगा।

    पहले त्याग पत्र दें तब होगा पदस्थापन

    माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि अध्यापक के पद पर कार्यरत द्वितीय चरण के सफल अभ्यर्थियों का योगदान तभी स्वीकृत करें, जब पहले के विद्यालय से उनका त्याग पत्र स्वीकृत हो जाए।

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