खेमका हत्याकांडः होता है बवाल, थम जाता है शोर और फिर मारा जाता है व्यापारी
सूबे में व्यापारियों के ऊपर हो रहे हमलों ने अपराधियों के हौसले बुलंद कर दिए हैं। आलम ये हो गया है कि बिजनेस मैन व्यापार करें या अपने साथियों को खोने का गम मनाएं।
दिलीप ओझा, पटना। वैशाली में पटना के व्यवसायी गुंजन खेमका की हत्या का मामला उन पुरानी यादों को ताजा कर रहा है जो व्यापारी झेलते आए हैं। उपभोक्ता राज्य बिहार में औद्योगिक माहौल पहले से ही संतोषजनक नहीं है। राज्य सरकार नई उद्योग नीति के जरिये इसे पटरी पर लाने में जुटी है पर व्यवसायियों की हिम्मत निवेश के प्रति तब जवाब दे देती है जब एक के बाद एक हादसे सामने आ जाते हैं। हालांकि पीछे मुड़कर भी देखें तो हाल के दो वर्षो में मर्माहत करने वाले इस तरह के कई हादसों से ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज को गुजरना पड़ा है। हत्या के बाद हंगामा होता है, जांच-कार्रवाई-शीघ्र गिरफ्तारी का आश्वासन मिलता है। शोर थमता है और और फिर वही मंजर सामने आ जाता है।
11 पंप व्यवसायियों को बनाया गया निशाना
इस तरह के हादसों से पेट्रोल पंप व्यवसायी भी खासे परेशान हैं। बिहार पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव ब्रिजेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि गुंजन खेमका पेट्रोल पंप व्यवसायी भी थे। फ्रेजर रोड पर पॉम ट्री सर्विस स्टेशन पंप उनके पिता के नाम पर है। उन्होंने कहा कि दो साल में पटना और आसपास के इलाके में 11 पंप व्यवसायियों को अपराधियों ने निशाना बनाया। इन घटनाओं में करीब 40 लाख रुपये की लूट हुई। दो पंप व्यवसायियों की हत्या भी हो गई। कई घायल हुए।
फिरौती और हत्या में ही हो रहा व्यापार
बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष एनके ठाकुर ने कहा कि बिहटा व्यवसायी संघ के अध्यक्ष निर्भय सिंह की हत्या 19 सितंबर 2017 को कर दी गई। सितंबर 2018 में मुजफ्फरपुर में व्यवसायी समीर कुमार की हत्या हो गई। मुजफ्फरपुर के अंडा व्यवसायी की भी मुजफ्फरपुर के कर्जा में अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। फिरौती की भी मांग की गई थी। मार्च 2017 हाजीपुर के गुदरी बाजार में व्यवसायी अंकित रस्तोगी की हत्या कर दी गई। पटना के कवि रमण पथ निवासी लोहा व्यवसायी सुशील वाष्ण्रेय की हत्या भी हाजीपुर में सात जून 2016 को कर दी गई थी। फरवरी 2018 में जन्दहा में दवा व्यवसायी अनिल ठाकुर की हत्या कर दी गई।
व्यापारियों को नहीं दिया जाता लाइसेंस
समस्तीपुर के ताजपुर में व्यवसायी सुनील साह की हत्या कर दी गई। सूची लंबी है। बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि ऐसा घटनाओं से चिंता उभरती है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की बिहार इकाई के अध्यक्ष सत्यजीत सिंह ने कहा कि बेतिया के कंस्ट्रक्शन कारोबारी दिलीप जायसवाल से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई। उन्होंने सुरक्षा मांगी लेकिन नहीं मिली। व्यवसायियों को हथियार का लाइसेंस भी नहीं दिया जा रहा है। एफआइआर पर भी कार्रवाई संतोषजनक नहीं होती है। सवाल उठाया कि समाधान क्या है? अगर हमारी यूनिट (कारखाना) को सरकार त्वरित मंजूरी देती है तो इसकी सुरक्षा कौन करेगा? यह बड़ा सवाल है। सरकार को भी इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।