महज एक किशोरी के कारण खाजपुरा बना हुआ है कंटेनमेंट जोन
एक माह से अधिक समय गुजरने के बाद भी खाजपुरा कंटेनमेंट जोन से मुक्त नहीं हो सका है।
पटना । एक माह से अधिक समय गुजरने के बाद भी खाजपुरा कंटेनमेंट जोन से मुक्त नहीं हो सका है। इसका कारण 24 अप्रैल को संक्रमित हुई 14 वर्षीय किशोरी बताई जा रही है। किशोरी की रिपोर्ट लगातार छह बार से पॉजिटिव आ रही है। चिकित्सक भी हैरान हैं कि जिस बच्ची की एक बार रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है, अब बार-बार रिपोर्ट पॉजिटिव क्यों आ रही है।
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने शनिवार को फिर से किशोरी का नमूना जांच के लिए भिजवाया है। चिकित्सक इसे शोध का विषय मान रहे हैं। किशोरी में नहीं है कोई भी लक्षण
किशोरी को 24 अप्रैल को होटल एवीआर में बने आइसोलेशन सेंटर में रखा गया था। सात दिन बाद कोई लक्षण नहीं दिखने पर उसकी जांच कराई गई तो रिपोर्ट निगेटिव आई। लगातार दो जांच निगेटिव आने पर डिस्चार्ज करने के पुराने नियम के आधार पर जब 24 घंटे बाद दोबारा सैंपल भेजा तो रिपोर्ट पॉजिटिव हो गई। पुन: सात और नौ दिन के अंतराल पर छह बार सैंपल भेजा गया, लेकिन हर बार रिपोर्ट पॉजिटिव आई। खाजपुरा चेन की शुरुआत में संक्रमित पाए गए एटीएम में पैसा डालने वाली सीएमएस एजेंसी के मैनेजर के संपर्क में आने के कारण किशोरी के साथ मां-मौसी समेत कई स्वजन की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। पूरा परिवार स्वस्थ्य होकर घर जा चुका है। उसकी मौसी की रिपोर्ट भी निगेटिव आ चुकी है, लेकिन किशोरी को अकेले नहीं रखने के कारण स्वास्थ्य विभाग उन्हें भी अभी होटल पाटलिपुत्र अशोक में रखे हुए है। ठीक होने में इम्यून पावर की अहम भूमिका
पीएमसीएच में कोरोना के नोडल प्रभारी डॉ. पूर्णानंद झा ने बताया कि इम्यून पावर की जल्द व देर से ठीक होने में अहम भूमिका होती है। 17 अप्रैल को खाजपुरा चेन की पहली संक्रमित युवती और 21 को संक्रमित हुए एक युवक ने भी एम्स के डॉक्टरों को खूब परेशान किया। युवती सातवीं बार में तो युवक पांचवीं बार में निगेटिव हुआ।
खाजपुरा की किशोरी की बार-बार रिपोर्ट पॉजिटिव आने से मामला उलझ गया है। हालांकि जबतक रिपोर्ट निगेटिव नहीं आएगी उसका इलाज जारी रहेगा।
डॉ. राज किशोर चौधरी, सिविल सर्जन, पटना