बिहार में आज से बहेगी कविता की रसधारा
कविता जीने का फलसफा गढ़ती है, आनंद का आस्वाद प्रदान करती है और जीवन में रस घोलती है। दरअसल, कविता नदी सदृश होती है, जो सभ्यता-संस्कृति की वाहिनी होने के साथ-साथ मानव के मन-मंदिर को शांति व सुकून प्रदान करती है।
जागरण टीम, पटना। कविता जीने का फलसफा गढ़ती है, आनंद का आस्वाद प्रदान करती है और जीवन में रस घोलती है। दरअसल, कविता नदी सदृश होती है, जो सभ्यता-संस्कृति की वाहिनी होने के साथ-साथ मानव के मन-मंदिर को शांति व सुकून प्रदान करती है। 'दैनिक जागरण' इस वर्ष भी अपने पाठकों के लिए अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का श्रृंखलाबद्ध आयोजन कर रहा है। शुक्रवार से इसकी शुरुआत धर्म-संस्कृति की नगरी बक्सर से होने जा रही है। एक पखवारे तक चलने वाले आयोजन में राज्य के 15 शहरों से होते हुए कविता की कल-कल बहती धारा गुजरेगी, जिसमें सराबोर हो श्रोता आनंदित होंगे।
नामचीन कवि-शायर होंगे शामिल : डॉ. कुमार विश्वास, डॉ. सुरेंद्र शर्मा, पद्मश्री सुरेंद्र दुबे, डॉ. सुमन दुबे, मंजीत सिंह, आशकरण अटल, रामेंद्र मोहन त्रिपाठी के अलावा मुशायरों के बड़े नाम प्रो. वसीम बरेलवी, महेंद्र अजनबी व हाशिम फिरोजाबादी। युवा वर्ग के चहेते लाफ्टर चैलेंज के चर्चित नाम गौरव शर्मा भी जागरण के कवि सम्मेलन में हास्य रस की मिठास को बढ़ाएंगे।
कवि सम्मेलन का कार्यकम
15 मई : बक्सर और समस्तीपुर
16 मई: भभुआ और सीतामढ़ी
17 मई : सासाराम और मुजफ्फरपुर
18 मई : औरंगाबाद, मधुबनी और बांका
19 मई : जहानाबाद, बेतिया और लखीसराय
20 मई : आरा, मोतिहारी और जमुई
21 मई : गया और मुंगेर
22 मई : नवादा और खगडिय़ा
23 मई : भागलपुर
24 मई : छपरा और पूर्णियां
25 मई : सिवान और सहरसा
26 मई : गोपालगंज और सुपौल
27 मई : बेगूसराय और मधेपुरा
28 मई : बिहारशरीफ होते हुए पटना में और अररिया में
29 मई : किशनगंज, हाजीपुर
30 मई : कटिहार