बिहार विधानसभा उपचुनाव में तेजस्वी के लिए बड़ी चुनौती बने कन्हैया, लालू नहीं चाहते आमना-सामना ...INSIDE STORY
बिहार विधानसभा उपचुनाव में तेजस्वी यादव एवं कन्हैया कुमार आमने-सामने नजर आ रहे हैं। लालू प्रसाद यादव अभी तक बिहार में कन्हैया के उभार को दबाने में सफल रहे थे लेकिन अब ऐसा होता नहीं दिख रहा है। पूरे मामले की पड़ताल करती इनसाइड स्टोरी।
पटना, आनलाइन डेस्क। बिहार विधानसभा उपचुनाव (Bihar Assembly By-Election) के लिए कांग्रेस (Congress) ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची में कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) को भी जगह दी है। उधर, तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के स्टार प्रचारकों में शामिल हैं। ऐसे में अब यह निश्चित है कि कन्हैया और तेजस्वी आमने-सामने आएंगे। यह बिहार के दोनों युवा नेताओं की अग्निपरीक्षा होगी। कन्हैया के चुनाव प्रचार से भारतीय जनता पार्टी (BJP) व जनता दल यूनाइटेड (JDU) के खिलाफ कांग्रेस की ताकत बढ़ेगी तो आरजेडी भी मुश्किल में पड़ेगा। इसका असर तेजस्वी पर भी पड़ेगा। इससे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का परेशान होना तय है।
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कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में कन्हैया कुमार भी शामिल
कांग्रेस ने मंगलवार को बिहार विधानसभा उपचुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की जो सूची जारी की है, उसमें कन्हैया कुमार शामिल हैं। इस सूची में लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार व पूर्व सांसद व बालीवुड स्टार शत्रुघ्न सिन्हा भी शामिल हैं। सूची में तारिक अनवर, भक्त चरण दास, मदन मोहन झा, अजित शर्मा, निखिल कुमार, अखिलेश सिंह, डा.अनिल शर्मा आदि बड़े नाम भी हैं। हालांकि, सबसे अधिक चर्चा कन्हैया कुमार की है।
लालू नहीं चाहते तेजस्वी-कन्हैया का आमना-सामना
बताया जाता है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव किसी भी सूरत में कन्हैया व तेजस्वी का आमना-सामना नहीं चाहते। वे कन्हैया को तेजस्वी के लिए बड़ी चुनौती मानते हैं। वे बिहार में ऐसे किसी दूसरे युवा नेता को उभरते देखना नहीं चाहते, जाे तेजस्वी के लिए चुनौती बन सकता है। इसी कारण बीते लोकसभा चुनाव में महागठबंधन (Mahagathbandhan) में सहयोगी दल रहने के बावजूद तब बेगूसराय में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के प्रत्याशी कन्हैया कुमार के खिलाफ आरजेडी ने तनवीर हसन (Tanveer Hassan) को खड़ा कर दिया था। आरजेडी व सीपीआइ की इस लड़ाई का लाभ बीजेपी के प्रत्याशी गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) को मिला। आगे आरजेडी के दबाव में हीं 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) में भी कन्हैया को महागठबंधन के लिए चुनाव प्रचार करने बिहार आने से रोका गया।
करवट लेती सियासत में बन गए कांग्रेस की उम्मीद
लेकिन अब सियासत करवट लेती नजर आ रही है। कन्हैया कुमार अब कांग्रेस में हैं और बिहार विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस व आरजेडी में ठन गई है। उपचुनाव में जब आरजेडी ने कुशेश्वरस्थान व तारापुर की दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी क्रमश: गणेश भारती व अरुण कुमार साह को उतारा तो कांग्रेस भड़क गई। कांग्रेस ने भी तारापुर से राजेश कुमार मिश्रा तो कुशेश्वरस्थान से अतिरेक कुमार को मैदान में उतार दिया है। कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास स्पष्ट कह रहे हैं कि उनकी पार्टी झुकने के लिए तैयार नहीं है। अगर आरजेडी कुशेश्वरस्थान से अपना प्रत्याशी वापस नहीं लेता है तो कांग्रेस कोई बड़ा फैसला ले सकती है। माना जा रहा है कि भक्त चरण दास का ऐसा बयान कांग्रेस आलाकमान की सहमति के बगैर संभव नहीं है।
बिहार में अब कांग्रेस दिखा रही आरजेडी को आंख
लालू प्रसाद यादव को कन्हैया कुमार में एक ऐसा बड़ा युवा नेता दिख रहा है, जिसकी पहचान प्राानमंत्री नरेंद्र मोदी विरोधी चेहरे के रूप में है। लालू व तेजस्वी की राजनीति भी बीजेपी व पीएम मोदी के खिलाफ है। तेजस्वी व कन्हैया, दोनों बिहार से हैं। बिहार की राजनीति में तेजस्वी के लिए कन्हैया चुनौती बन सकते हैं। दूसरी ओर कांग्रेस कन्हैया को बिहार में अपना चेहरा मान रही है। यह कन्हैया इफेक्ट हीं है कि बिहार में कांग्रेस अब आरजेडी के खिलाफ जाकर उपचुनाव में आंख दिखा रही है। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा कह चुके हैं कि पार्टी को अपने फैसले करने का पूरा हक है।
बिहार की जमीन पर तेजस्वी व कन्हैया की परीक्षा तय
बहरहाल, बिहार विधानसभा उपचुनाव में किसी की भी हार-जीत हो, इसमें तेजस्वी और कन्हैया के आमने-सामने आने के दूरगामी परिणाम होंगे। कन्हैया के कारण बीजेपी व जेडीयू के खिलाफ कांग्रेस की ताकत बढ़ेगी तो आरजेडी भी मुश्किल में पड़ेगी। इस बहाने बिहार की जमीन पर तेजस्वी व कन्हैया की परीक्षा भी तय है।