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पटना में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज बेहाल, दूसरे अस्पतालों का किया रुख

पटना में 12 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के कारण मंगलवार को मरीजों को काफी समस्या का सामना करना पड़ा।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 12:27 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 12:27 PM (IST)
पटना में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज बेहाल, दूसरे अस्पतालों का किया रुख
पटना में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज बेहाल, दूसरे अस्पतालों का किया रुख

पटना, जेएनएन। अपनी 12 मांगों के समर्थन में राजधानी में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मंगलवार को दूसरे दिन पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) एवं नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) में कार्य बुरी तरह प्रभावित रहा। पीएमसीएच में कार्य बहिष्कार के कारण राज्य के कोने-कोने से आए मरीज काफी परेशान रहे।

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आपीडी ही नहीं अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एनएमसीएच में इलाज न होने से नाराज मरीजों ने पटना सिटी में हेडेल बनाकर रास्ता रोक दिया। पीएमसीएच का एमरजेंसी विभाग भी डॉक्टरों की हड़ताल से प्रभावित है। ओपीडी में इलाज होने से मरीजों को थोड़ी राहत महसूस हुई।

मरीजों का आरोप है कि सुबह निर्धारित समय से काफी देर बाद काउंटर खुला तो भी डॉक्टर मरीजों को देखने नहीं आए। इधर पीएमसीएच अस्पताल के गेट पर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों में जबरदस्त आक्रोश दिखा। उनका कहना था कि इलाज ना होने के कारण बच्चों की और दूसरे मरीजों की मौत हो रही है। कोई देखने वाला नहीं है। मरीज तड़प रहे हैं।

इधर, एनएमसीएच के शिशु रोग विभाग अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह के रवैये से नर्सों ने उनका घेराव किया। नर्सों का कहना है कि नवजात की मौत उनके कारण हो रही है। डॉक्टरों की हड़ताल से आक्रोशित मरीज के परिजनों ने एनएमसीएच मुख्य गेट पर सड़क जाम कर दी। काफी देर तक नर्सों ने डॉक्टरों को अंदर और बाहर नहीं आने-जाने दिया।


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