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डॉक्‍टर का संगीन आरोप: गलत खून से मरे आठ मरीज, अस्‍पताल प्रबंधन बोला- गलत बात

बिहार के दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्‍पताल के एक जूनियर डॉक्‍टर का संगीन आरोप है कि अस्‍पताल में गलत खून से मरे आठ मरीज मर गए। हालांकि, अस्‍पताल प्रबंधन ने आरोप को गलत करार दिया है।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 08 Sep 2017 08:34 PM (IST)Updated: Fri, 08 Sep 2017 11:39 PM (IST)
डॉक्‍टर का संगीन आरोप: गलत खून से मरे आठ मरीज, अस्‍पताल प्रबंधन बोला- गलत बात
डॉक्‍टर का संगीन आरोप: गलत खून से मरे आठ मरीज, अस्‍पताल प्रबंधन बोला- गलत बात

दरभंगा [जेएनएन]। बिहार में लाल खून के काले कारोबार के आरोप नए नहीं। ताजा आरोप दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्‍पताल (डीएमसीएच) के ब्‍लड बैंक का है। खास बात यह है कि इस बार अस्‍पताल के डॉक्‍टरों ने ही खून की गुणवत्‍ता पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि खराब ब्‍लड के कारण आठ मरीजों की मौत हो गई है। हालांकि, अस्‍पताल प्रबंधन ने इस आरोप को खारिज किया है।

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जूनियर डॉक्‍टर्स ने लगाए ये गंभीर आरोप

जानकारी के अनुसार डीएमसीएच के ऑर्थो वार्ड में इलाजरत एक मरीज की तबीयत गुरुवार को रक्त चढ़ाने के दौरान बिगड़ गई। मरीज का इलाज कर रहे डॉ. सूर्यप्रकाश और नीरज कुमार ने इसके लिए मरीज को चढ़ाए जा रहे खून की गुणवत्‍ता पर सवाल उठाए। डॉ. सूर्यप्रकाश ने बताया कि डीएमसीएच के ब्‍लड बैंक में कई खामियां हैं। खून के बैग सही तापमान में नहीं रखे जाते हैं। इससे खून की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

डॉ. सूर्यप्रकाश ने कहा कि इस कारण अब तक 26 मरीजों को खून का रियक्शन हुआ। साथ ही अलग-अलग वार्डों में आठ मरीजों की मौत हो चुकी है। डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि खून के सही नहीं रहने के कारण मरीजों को रियेक्शन हो रहा है और जूनियर डॉक्टर मरीजों के परिजनों के कोप का शिकार हो रहे हैं।

प्रभारी मंत्री ने कहा जांच की बात

यह खबर मीडिया में आने के बाद दरभंगा के प्रभारी मंत्री महेश्वर हजारी ने मामले की जांच कराकर दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कही। दरभंगा के जिलाधिकारी ने बताया कि मामले में अस्पताल अधीक्षक से जवाब मांगा गया है। फिलहाल जांच का आदेश नहीं दिया गया है।

जांच कमेटी ने ब्‍लड बैंक को दी क्‍लीन चिट

डीएम की पहल पर जांच के लिए अस्पताल अधीक्षक ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। टीम में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. बालेश्वर सागर, सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. वीएस प्रसाद और शिशु रोग विभाग
के एचओडी डॉ. केएन मिश्र शामिल थे। टीम ने डीएमसीएच के रिजनल ब्लड बैंक में रक्त के रख-रखाव और वितरण की जांच करने के बाद ब्लड बैंक को क्लीन चिट दे दिया है।

प्रबंधन ने दी ये दलील

अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष कुमार मिश्र व मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरके सिन्हा ने रक्त की गुणवत्ता में कमी से मरीजों की मौत पर उठे सवाल को एक सिरे से खारिज कर दिया। अधीक्षक ने बताया कि डीएमसीएच के इसी ब्लड बैंक से आठ सौ ब्लड बैग निजी अस्पतालों और डीएमसीएच के मरीजों को आपूर्ति की गई है। लेकिन, अभी तक किसी मरीज की मौत का कारण खून का खराब होना नहीं बताया गया है।

जूनियर डॉक्‍टरों पर होगी कार्रवाई

अब ब्लड बैंक के खून की गुणवत्ता पर सवाल उठानेवाले जूनियर डॉक्‍टरों पर गाज गिरनी तय है। प्राचार्य आरके सिन्‍हा ने कहा कि आरोप लगाने वालों को खून में गड़बड़ी के कारण मरनेवाले मरीजों के नाम भी बताने चाहिए। अनर्गल बयान देनेवाले जूनियर डॉक्‍टरों पर एचओडी की रिपोर्ट पर कार्रवाई होगी। एचओडी की बैठक शनिवार को होनी है।


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