अब कलेक्ट्रेट में नहीं मिलेगा ज्यूडिशियल ई-स्टांप, सिविल और हाईकोर्ट हैं विकल्प Patna News
पटनावासियों के लिए एक परेशानी पढ़ने वाली है। अब कलेक्ट्रेट परिसर में ज्यूडिशियल ई-स्टांप नहीं मिलेगा। इस खबर में जानें क्या बचे हैं विकल्प।
पटना, जेएनएन। अब कलेक्ट्रेट परिसर में ज्यूडिशियल ई-स्टांप नहीं मिलेगा। इसकी सेवा स्थाई रूप से बंद कर दी गयी है। जिला निबंधन कार्यालय के पुराने भवन में इसका काउंटर था।
अनुमंडल कार्यालय रहने के कारण ज्यूडिशियल ई-स्टांप की जरूरत पड़ती है। अब सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में इसके लिए जाना पड़ेगा। कलेक्ट्रेट कैंपस में शपथपत्र सहित अन्य कार्यो के लिए ज्यूडिशियल ई-स्टांप की जरूरत पड़ती है। प्रतिदिन सैकड़ों लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। अब उन्हें सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट तक दौड़ लगानी पड़ रही है। अधिकारियों ने कहा कि कलेक्ट्रेट का स्थानांतरण हो रहा है। इस कारण ई-स्टांप अब यहां नहीं मिलेगा।
वहीं सूत्र बताते हैं कि कार्टिज उपलब्ध नहीं रहने के कारण फ्रैकिंग मशीन कार्य नहीं कर रही है। इस कारण ई-स्टांप मिलना बंद हो गया। कार्टिज उपलब्ध कराने के बदले इसे स्थाई रूप से बंद करने का फैसला ले लिया गया है।
हजार के नॉन ज्यूडिशियल स्टांप ही उपलब्ध
कलेक्ट्रेट परिसर में एक हजार से कम का नॉन ज्यूडिशियल स्टांप नहीं मिल रहा है। यदि किसी को 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये व 500 रुपये के नॉन ज्यूडिशियल स्टांप की जरूरत है तो उसे दलालों की शरण में जाने को मजबूर होना पड़ेगा। इसके लिए डेढ़ गुनी से दोगुनी रकम भी खर्च करनी पड़ेगी। नॉन ज्यूडिशियल स्टांप के विक्रेताओं के आसपास ही दलाल भी मंडराते हुए मिल जाएंगे।
विक्रेताओं के पास सिर्फ 1000 रुपये के नॉन ज्यूडिशियल स्टांप मिल रहे हैं। उनका कहना है कि सप्लाई ही नहीं हो रही है। इस कारण मजबूरी में लोग एक हजार रुपये का स्टांप खरीद भी रहे हैं। 100 रुपये का नॉन ज्यूडिशियल स्टांप चाहिए तो आपको यह दलालों के जरिए मिल जाएगा। वे इसे 200 रुपये में उपलब्ध करा देंगे। 20 व 50 रुपये का तो उपलब्ध कराने का नाम नहीं लेते हैं। वापस लौटने की स्थिति में वे इसे भी 100 रुपये में देने को तैयार होते हैं। दलालों की तरफ से 100 रुपये का नॉन ज्यूडिशियल स्टांप 200 रुपये में उपलब्ध करा रहे हैं।
जिला कोषागार अधिकारी कहते हैं कि नासिक से नॉन ज्यूडिशियल स्टांप आ गया है। स्टॉक भरा हुआ है। इसका वितरण किया जा चुका है। ऐसी स्थिति में नॉन ज्यूडिशियल स्टांप नहीं रहने का सवाल ही नहीं उठता है। कोषागार से जारी होने के बाद भी आमजन की पहुंच से नॉन ज्यूडिशियल स्टांप दूर हैं। लोग ज्यादा राशि देकर मजबूरीवश स्टांप पेपर खरीद रहे हैं। आवश्यकता होने के कारण ज्यादा कीमत में भी दलालों से खरीद रहे हैं।