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वाहनों के अतिक्रमण पर बोले जज, पब्लिक सुधर नहीं रही, फिर कैसी याचिका

पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की एक याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने पब्लिक को सुधरने के लिए कहा है। कोर्ट का कहना है कि जिस प्रकार सड़कों पर वाहन बढ़ रहे हैं ट्रैफिक संभालना मुश्किल है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 01:23 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 01:23 PM (IST)
वाहनों के अतिक्रमण पर बोले जज, पब्लिक सुधर नहीं रही, फिर कैसी याचिका
वाहनों के अतिक्रमण पर बोले जज, पब्लिक सुधर नहीं रही, फिर कैसी याचिका

पटना, जेएनएन। पटना हाईकोर्ट ने एक लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यहां पब्लिक सुधरने का नाम नहीं ले रही है। फिर पता नहीं किस बात के लिए मैं पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की सुनवाई कर रहा हूं। याचिकाकर्ता का आरोप था कि शहर के ओवर ब्रिज पर ऑटो एवं मिनी बस लगाई जा रही हैं। इनका पार्किंग के तौर पर भी इस्तेमाल होता है।

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पहले तो मुख्य न्यायाधीश एपी शाही की दो सदस्यीय खंडपीठ ने पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन फोरम की लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि जिस प्रकार से सड़कों पर गाड़ियां बढ़ गई हैं उसमें शहर को प्रदूषण मुक्त कराना तथा यातायात व्यवस्था में सुधार किसी के बस की बात नहीं। कोर्ट ने संबंधित वकील शशि भूषण कुमार से ही समाधान की जानकारी देने को कहा।

क्यों चल रही बीस साल पुरानी गाड़ी

खंडपीठ ने कहा कि किस प्रकार की जादू की छड़ी संबंधित पदाधिकारियों को दे दी जाए? हालांकि जब खंडपीठ ने पटना नगर निगम ,परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस की सम्मिलित बैठक की जानकारी ली तो पता चला कि याचिका में उठाये गये सवाल पर कार्रवाई हुई थी। लेकिन समाधान के बारे में कुछ नहीं हुआ। कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को 30 जनवरी तक बताने को कहा स्थायी निराकरण के लिए कैसे कार्यक्रम चल रहे हैं। 20 साल पुरानी गाड़ियों क्यों चल रही है? सड़क पर गाड़ी लगाने वालों के खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई की जा रही है। क्यों नहीं दोषियों को दंडित किया जा रहा है? इस मसले पर याचिकाकर्ता के वकील से भी सुझाव मांग गया।

पुल के नीचे दुकान पर कोर्ट को हैरत

राजेन्द्रनगर पुल के नीचे वेंडर जोन के प्रस्ताव पर पटना हाईकोर्ट ने हैरानी जाहिर की। अदालत ने बिहार पुल निर्माण निगम एवं संबंधित अधिकारियों से पूछा कि किस प्रोविजन ऑफ लॉ के तहत सब्जी विक्रेताओं को ब्रिज के नीचे दुकानें दी जा रही हैं? मुख्य न्यायाधीश एपी शाही एवं न्यायाधीश अंजना मिश्र की खंडपीठ ने एक लोकहित की सुनवाई के दौरान सवाल किया-क्या पुल के नीचे बाजार लगाने की इजाजत दी सकती है? यदि पुल की मरम्मत की जरूरत पड़ी तो क्या किया जाएगा? क्या पुल के नीचे व्यवसाय खतरनाक नहीं है? बात ओवर ब्रिज ने नीचे दुकानों को हटाने को लेकर चली थी। जिला फुटपाथ दुकानदार संघ की याचिका पर सुनवाई के दौरान इस बात की जानकारी मिली थी राजेन्द्र नगर पुल के नीचे सब्जी बाजार को शिफ्ट किया जा रहा है। दूसरी ओर वरीय अधिवक्ता एसडी संजय का कहना था कि पटना में जितने भी ओबरब्रिज बने हैं सबके नीचे दुकानें सज गई हैं।


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