पटना, प्रशांत कुमार/आशीष शुक्ल l गुलाबी ठंड में रंगबिरंगी रोशनी से जगमग जेपी गंगा पथ। रविवार की रात। लोगों की भीड़, मस्ती और गीत-संगीत के बीच यह इलाका अभी जगे होने का अहसास करा रहा है। यह राजधानी की बदलती जीवन शैली है। रेलवे स्टेशन को छोड़ शहर रात दस बजते-बजते शांत हो जाता था। अब इस पथ पर लोग महानगरों की तरह देर रात तक आनंद उठाते हैं, पर इसमें एक खतरा भी है। सड़क पर ही नृत्य-संगीत की मस्ती कभी कोई अनहोनी न बन जाए।

गाड़ियों के आवागमन में लेन का अनुशासन पूरी तरह टूटता दिखता रहा है। जिसकी जहां इच्छा, उधर से गाड़ी मोड़ ली, जबकि सड़क किनारे ही लोगों की भीड़ भी है। रविवार की रात जेपी गंगा पथ के रोटरी गोलंबर पर युवाओं की टोलियां थीं। लोग बड़ी संख्या में परिवार के साथ भी आए थे। यह बदलता पटना है। गंगा किनारे गए मरीन ड्राइव की तरह बनाए गए पथ ने शहर को रात में भ्रमण और पिकनिक का एक ठिकाना दे दिया है।

लोग वैन पर रूफटाप चलंत रेस्तरां का आनंद उठा रहे हैं। बच्चों के मनोरंजन के लिए बैट्री वाली गाड़ी भी है। यहां तक कि रात में घुड़सवारी भी। मोबाइल में हर क्षण के चित्र उतारे जा रहे हैं। इन सबके बीच सुरक्षा मानकों की कोई चिंता नहीं।

रात तक आधा किलोमीटर में सिमट जातीं सभी दुकानें

गर्मी हो या सर्दी, रोटरी गोलंबर से एलसीटी मोड़ तक पूरे दिन चाय और खानपान के स्टाल लगे रहते हैं, पर भीड़ रात की अपेक्षा कम रहती है। इस दौरान इन स्टालों पर वही गाड़ियां रुकती हैं, जो उस क्षेत्र से गुजर रही हों। ठंड के मौसम में छुट्टी के दिनों में लोग धूप निकलने के बाद भी यहां आकर आनंद उठाते हैं, पर रात की बात ही कुछ और है।

शाम ढलते ही पांच किलोमीटर के दायरे में फैली दुकानें आधे किलोमीटर में सिमट जाती हैं। कुछ दुकानदार तो शाम छह बजे के बाद ही स्टाल लगाते हैं। यही कारण है कि रात में जेपी गंगा पथ गुलजार नजर आता है। लोगों का कहना है कि महानगरों की तरह रात की संस्कृति यानी नाइट कल्चर अब पटना में भी विकसित हो रहा है। अभी परिवार के साथ रात में आने लायक यही एक जगह है। 

डिवाइडर पर केक रखकर जश्न मनाते दिखे युवक

एलसीटी मोड़ से पहले सड़क पर ही कार खड़ी कर लगभग छह फीट चौड़े डिवाइडर पर कुछ युवक नाचते-गाते दिखे। इनमें से एक की जन्मतिथि थी। सो, केक डिवाइडर पर ही रख दिया गया था। पुलिस नहीं थी, सो कहीं कोई रोक टोक नहीं। दोनों लेन पर गाड़ियां फर्राटे भर रही थीं। करीब एक किलोमीटर आगे बढ़ने पर भी ऐसा ही दृश्य।

निर्माणाधीन टोल बूथ के पास मेज लगाकर युवाओं की टोली साथी की जन्मतिथि का उत्सव मना रही थी। फोटो सेशन और करतब करते वीडियो भी बनाए जा रहे थे। दो लग्जरी वाहन खड़े थे। इसके अलावा चार-पांच मोटरसाइकिलें भी। यहां भी पुलिस नहीं थी।

संगीत के साथ बढ़ रहा व्यंजन का स्वाद

रात 11:38 बजे कुल्हड़ चाय की दुकान पर स्टैंड और कराओके लगाकर दुकानदार ग्राहकों को लुभाते नजर आए। बगल के स्टाल पर सीक कबाब और चायनीज व्यंजन तैयार हो रहे थे। एक फिल्मी गाने की धुन पर बगलगीर खुद को रोक नहीं पाया। उसने टी स्टाल वाले से माइक ले ली और बाकी की पंक्तियों को अपना स्वर देने लगा। दोनों दुकानदारों की सुरीली आवाज सुनकर ग्राहक स्टाल के पास आने लगे।

विपरीत दिशा से लौटते वाहन दे रहे थे दुर्घटना को आमंत्रण

जेपी गंगा पथ को स्टेट हाईवे का दर्जा दिया गया है। इसलिए इस सड़क पर वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं दी गई है। पुलिस दिन में वाहनों को सड़क किनारे पार्क नहीं करने देती है, पर रात में ट्रैफिक का दबाव कम होने पर लोग सड़क पर ही गाड़ियां खड़ी कर रहे हैं। सो, जाम भी लग गया है। भीड़ बढ़ते ही पूर्वी लेन का एक तिहाई हिस्सा वाहनों से पट गया है।

रात करीब 11:50 बजे कई वाहन एक ही लेन में विपरीत दिशा से आते दिख रहे हैं, जबकि उन्हें दूसरी लेन से जाना चाहिए था। उन्हें वापस रोटरी गोलंबर की तरफ जाना था, लेकिन गाड़ी मोड़ने की जगह चार किलोमीटर आगे मिलती, सो चालक विपरीत दिशा में ही चल दिया। सामने से तेज गति से कोई गाड़ी आ रही हो दुर्घटना की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

दो जवान के भरोसे सात किलोमीटर की सड़क

रात करीब 12:20 बजे रोटरी गोलंबर पर ही पुलिस के जवान दिखे। यहां बनी पुलिस चौकी में दो जवान लोगों की सहायता के लिए मौजूद थे। करीब एक मिनट बाद डायल 112 की वैन भी वहीं आकर खड़ी हो गई। वैन चालक और पदाधिकारी चौकी के अंदर चले गए, जबकि दो महिला पुलिसकर्मी गाड़ी में ही बैठी रहीं। वर्दी के ऊपर नीले रंग की जैकेट पहने जवान से जब पूछा गया कि कोई समस्या हुई तो आप अकेले निपट लेंगे तो उन्होंने जवाब दिया - अभी सब पीसफुल (शांतिपूर्ण) है। साहब समय-समय पर आते रहते हैं। किसी को कोई परेशानी हुई तो वे 112 पर काल कर शिकायत कर सकते हैं।

Edited By: Aditi Choudhary