Move to Jagran APP

शहाबुद्दीन के खिलाफ खबर लिखने पर हुई थी पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या

पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में सीबीआइ ने मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है जिसमें लिखा है कि शहाबु्द्दीन के खिलाफ खबर लिखने की वजह से राजदेव रंजन की हत्या हुई।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 22 Aug 2017 12:11 PM (IST)Updated: Tue, 22 Aug 2017 10:29 PM (IST)
शहाबुद्दीन के खिलाफ खबर लिखने पर हुई थी पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या
शहाबुद्दीन के खिलाफ खबर लिखने पर हुई थी पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या

पटना [जेएनएन]। पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या शहाबुद्दीन के खिलाफ खबर लिखने की वजह से हुई थी। इस हत्याकांड में राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन और अन्य छह के खिलाफ सीबीआइ ने चार्जशीट दाखिल किया है।

loksabha election banner

सीबीआइ द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में कहा गया है कि पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या शहाबुद्दीन के खिलाफ रिपोर्टिंग की वजह से हुई और इसका कनेक्शन सिवान जेल से जुड़ा है।

राजदेव रंजन हत्याकांड में सीबीआइ ने मंगलवार को विशेष सीबीआइ कोर्ट की न्यायिक दंडाधिकारी अनुपम कुमारी के कोर्ट में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इसके अलावा चार्जशीट में छह अन्य आरोपितों अजहरुद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां, रिशु कुमार जायसवाल, रोहित कुमार, विजय कुमार, राजेश कुमार व सोनू कुमार गुप्ता के नाम शामिल हैं।

मो. कैफ उर्फ बंटी तथा मो. जावेद के खिलाफ अनुसंधान जारी रखने की बात कहते हुए चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। शहाबुद्दीन सहित आठ आरोपित न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। एक अन्य आरोपित सोनू कुमार सोनी के खिलाफ सीबीआइ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

शहाबुद्दीन के खिलाफ रिपोर्टिंग पर हत्या

अनुसंधानकर्ता सह सीबीआइ के डीएसपी सुनील सिंह रावत व सीबीआइ के स्पेशल पीपी दीपनारायण ने चार्जशीट में कहा है कि पत्रकार राजदेव की हत्या शहाबुद्दीन के खिलाफ अखबार में खबर छपने के कारण की गई। अपने खिलाफ अखबार में खबर से शहाबुद्दीन नाराज थे। उन्होंने अपने गुर्गों से गोली मरवाकर हत्या करा दी। वहीं, हत्याकांड का कनेक्शन सिवान जेल से भी बताया गया है।

इन धाराओं में चार्जशीट 

सीबीआइ ने शहाबुद्दीन सहित सभी सात आरोपितों के खिलाफ भादवि की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), धारा -302 (हत्या) व आम्र्स एक्ट की धारा 27 (अवैध अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग) का प्रयोग किया है।

यह हुई थी घटना 

पिछले साल 16 मई को सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी  आशा यादव उर्फ आशा रंजन ने सिवान टाउन थाने में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।  पुलिस ने जांच में लड्डन मियां, मो. कैफ उर्फ बंटी, रिशु कुमार जायसवाल व मो. जावेद सहित अन्य की संलिप्तता पाते हुए सिवान के सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी।

यह भी पढ़ें: 17साल पहले हुई मां की शादी, बेटे की उम्र 20 साल, जानिए

 पुलिस जांच में शहाबुद्दीन का नाम तब तक सामने नहीं आया था। बाद में राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच सीबीआइ से कराने का आदेश दिया था। इसके बाद शहाबुद्दीन का नाम सामने आया। आशा रंजन की याचिका की सुनवाई पर 14 अगस्त को सीबीआइ ने दो सप्ताह के अंदर निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल करने का आश्वासन दिया था। 

नार्को, ब्रेन मैपिंग, लाई डिटेक्टर टेस्ट की अर्जी हो चुकी खारिज 

न्यायिक हिरासत में लिए जाने के बाद सीबीआइ ने शहाबुद्दीन को आठ दिनों कीरिमांड पर लेकर 50 से अधिक सवाल किए थे। बाद में उनका नार्को, ब्रेन मैपिंग व लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की सहमति देने के लिए विशेष कोर्ट में सीबीआइ ने अर्जी दाखिल की। पूर्व सांसद ने इसका विरोध किया। कोर्ट ने सीबीआइ की अर्जी खारिज कर दी थी।

कहा-सीबीआइ स्पेशल कोर्ट के वकील ने 

पूर्व सांसद शहाबुद्दीन व अन्य छह के खिलाफ सीबीआइ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है। हत्या का कारण अखबार में शहाबुद्दीन के खिलाफ राजदेव रंजन की रिपोर्टिंग है। कोर्ट से चार्जशीट को संज्ञान में लेते हुए आरोपितों के खिलाफ ट्रायल चलाने की प्रार्थना की जाएगी। -दीपनारायण, स्पेशल पीपी, सीबीआइ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.