मांझी का बड़ा बयान- बिहार में भी जुमलेबाजी हो रही, विकास नहीं
जीतनराम मांझी ने मधेपुरा में एक सभा में कहा कि सीएम पद पर रहते हुए मैंने काफी अच्छे काम किये। इससे घबराकर मुझे मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया।
By Ravi RanjanEdited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 03:23 PM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2018 11:00 PM (IST)
style="text-align: justify;">मधेपुरा [जेएनएन]। पूर्व मुख्यमंत्री सह हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने रविवार को कहा है कि राज्य व केंद्र सरकार नहीं चाहती है कि गरीबों, दलितों और वंचितों को उनका वाजिब हक मिले। गरीब के बेटे को आगे बढऩे से सरकार रोकना चाहती है, ताकि उनकी हकमारी कर सके।
मांझी ने कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने गरीबों के हित में काम शुरू किया। बावजूद, नीतीश कुमार ने उन्हें इस कारण हटा दिया कि मांझी उनका भेद खोल देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वे रबर स्टांप नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि उनके लिए गए 34 निर्णयों को देश के अन्य राज्यों में भी सराहा जाता है। पूरे राज्य में भूमि समस्याओं की भरमार है। गरीबों को भूदान की जमीन का पर्चा मिल गया है, लेकिन उन्हें जमीन पर कब्जा नहीं मिल सका है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बाहरी लोगों को सिर्फ आंकड़ा दिखाने के लिए भूमिहीनों को पर्चा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ जुमलेबाजी हो रही है, कहीं भी विकास नहीं हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में शिक्षा की स्थिति भी दयनीय है।
उन्होंने संविदा पर आधारित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन देने की वकालत की। मांझी ने कहा कि अगर वे सत्ता में आए तो शराबबंदी हटा देंगे। शराबबंदी कानून के कारण ही गरीब लोग फंस रहे हैं। अभी तक एक लाख तीस हजार लोग इस कानून के कारण जेल में हैं।
मांझी ने कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने गरीबों के हित में काम शुरू किया। बावजूद, नीतीश कुमार ने उन्हें इस कारण हटा दिया कि मांझी उनका भेद खोल देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वे रबर स्टांप नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि उनके लिए गए 34 निर्णयों को देश के अन्य राज्यों में भी सराहा जाता है। पूरे राज्य में भूमि समस्याओं की भरमार है। गरीबों को भूदान की जमीन का पर्चा मिल गया है, लेकिन उन्हें जमीन पर कब्जा नहीं मिल सका है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बाहरी लोगों को सिर्फ आंकड़ा दिखाने के लिए भूमिहीनों को पर्चा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ जुमलेबाजी हो रही है, कहीं भी विकास नहीं हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में शिक्षा की स्थिति भी दयनीय है।
उन्होंने संविदा पर आधारित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन देने की वकालत की। मांझी ने कहा कि अगर वे सत्ता में आए तो शराबबंदी हटा देंगे। शराबबंदी कानून के कारण ही गरीब लोग फंस रहे हैं। अभी तक एक लाख तीस हजार लोग इस कानून के कारण जेल में हैं।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें