HAM में दो-फाड़: नरेंद्र सिंह गुट का JDU में विलय, जीतनराम मांझी को बताया गद्दार
'हम' के विक्षुब्ध गुट के सम्मेलन में जीतनराम मांझी को हटा गजेंद्र मांझी को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया। नरेंद्र सिंह की अगुआई में विक्षुब्घ गुट सोमवार को जदयू में शामिल हो गया।
By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 18 Mar 2018 02:37 PM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 11:25 PM (IST)
style="text-align: justify;">पटना [जेएनएन]। हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (हम) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के पाला बदलने का साइड इफेक्ट अब खुलकर सामने आ गया है। कभी मांझी के प्रमुख सलाहकार पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने बगावत का झंडा बुलंद करते हुए पार्टी पर न केवल अपना दावा ठोंका है, बल्कि उन्होंने अपने समर्थकों के साथ सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में शामिल भी हो गए।
नरेंद्र सिंह ने रविवार को राजधानी में अपने समर्थकों का 'महासम्मेलन' बुलाया था, जिसमें उन्होंने 'हम' पर अपना दावा ठोंकते हुए गजेंद्र मांझी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा की।
विदित हो कि जीतनराम मांझी ने पार्टी की कार्यसमिति से परामर्श किए बिना राजग छोड़ विपक्षी महागठबंधन के साथ जाने का फैसला किया था। इसके लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव की पहल कामयाब रही थी।
इससे पार्टी दो धड़ों में बंट गई। एक गुट मांझी के साथ है तो दूसरे गुट की अगुवाई नरेंद्र सिंह कर रहे हैं। नरेंद्र सिंह गुट ने रविवार को पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित अवर अभियंता संघ भवन में महासम्मेलन कर जीतनराम मांझाी को हटाते हुए पार्टी के जदयू में विलय की घोषणा की।
नरेंद्र सिंह बोले: राजग में बना रहेगा 'हम'
नरेंद्र सिंह ने कहा कि महासम्मेलन में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जीतनराम मांझी को पद से हटाने का फैसला किया। उन्होंने पार्टी के अपने धड़े को 'असली' बताते हुए कहा कि पार्टी अपनी पुरानी नीतियों पर कायम है। कहा कि 'हम' आज भी राजग का घटक दल है। उसका विपक्षी महागठबंधन से कोई नाता नहीं है।
जीतनराम मांझी को बताया गद्दार
नरेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बने रहने देने के लिए नीतीश कुमार का विरोध किया था। लेकिन, अब लगता है कि उनका यह फैसला गलत था। नरेंद्र सिंह ने जीतनराम मांझी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी से गद्दारी व धोखेबाजी की है।
उन्होंने यह भी कहा कि जीतनराम मांझी को मैंने उनके बुरे समय में मदद की है। लेकिन मांझी जी ने हमें और हमारे कार्यकर्ताओं की पीठ में छुरा घोंपा।
राजग समय की मांग, महागठबंधन घोखा
नरेंद्र सिंह ने कहा कि जीतनराम मांझी का महागठबंधन में शामिल होने का फैसला उनके लिए वाटरलू का मैदान साबित होगा। कहा कि राजग आज समय की मांग है और महागठबंधन महज एक धोखा है। जिस लालू के जंगलराज के खिलाफ हमने बड़ी लड़ाई लड़ी, जीतनराम मांझी उसी लालू प्रसाद की गोद में जाकर बैठ गए।
जदयू में शामिल होने का फैसला
उन्होंने कहा कि एनडीए की छतरी में छोटी-छोटी पार्टियों का कोई मतलब नहीं रह गया है। इसलिए उन्होंने जदयू में शामिल होने का फैसला किया।
मांझी पर पुत्रमोह में फैसला लेने का आरोप
महासम्मेलन को संबेोधित करते हुए मनोनीत अध्यक्ष गजेंद्र मांझी ने कहा कि जीतनराम मांझी ने पुत्रमोह में महागठबंधन में जाने का फैसला लिया है, जिसका परिणाम आने वाले समय में सामने आ जाएगा।
महासम्मेलन से मांझी को लगा झटका
जीतनराम मांझी अभी तक यह कहते रहे कि 'हम' में नरेंद्र सिंह अकेले हैं। लेकिन, रविवार के महासम्मेलन में कई बड़े नेता व कार्यकर्ता दिखे। इसे जीतनराम मांझी को धक्का माना जा रहा है।
'हम' प्रवक्ता ने नरेंद्र सिंह को बताया पागल
इस बीच नरेंद्र सिंह के आरोपों पर 'हम' के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि नरेंद्र सिंह मानसिक विक्षिप्त (पागल) हो गए हैं।
कौन हैं नरेंद्र सिंह
नरेंद्र सिंह बिहार के दिग्गज नेताअों में एक हैं। 1990 के दौर में सबसे पहले लालू प्रसाद के खिलाफ विद्रोह का बिगुल नरेंद्र सिंह ने ही फूंका था। तब वे लालू मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री थे। बाद में जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनवाने और उन्हें बड़े दलित नेता के तौर पर मज़बूत बनाने में उनकी बड़ी भूमिका रही।
नरेंद्र सिंह ने रविवार को राजधानी में अपने समर्थकों का 'महासम्मेलन' बुलाया था, जिसमें उन्होंने 'हम' पर अपना दावा ठोंकते हुए गजेंद्र मांझी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा की।
विदित हो कि जीतनराम मांझी ने पार्टी की कार्यसमिति से परामर्श किए बिना राजग छोड़ विपक्षी महागठबंधन के साथ जाने का फैसला किया था। इसके लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव की पहल कामयाब रही थी।
इससे पार्टी दो धड़ों में बंट गई। एक गुट मांझी के साथ है तो दूसरे गुट की अगुवाई नरेंद्र सिंह कर रहे हैं। नरेंद्र सिंह गुट ने रविवार को पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित अवर अभियंता संघ भवन में महासम्मेलन कर जीतनराम मांझाी को हटाते हुए पार्टी के जदयू में विलय की घोषणा की।
नरेंद्र सिंह बोले: राजग में बना रहेगा 'हम'
नरेंद्र सिंह ने कहा कि महासम्मेलन में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जीतनराम मांझी को पद से हटाने का फैसला किया। उन्होंने पार्टी के अपने धड़े को 'असली' बताते हुए कहा कि पार्टी अपनी पुरानी नीतियों पर कायम है। कहा कि 'हम' आज भी राजग का घटक दल है। उसका विपक्षी महागठबंधन से कोई नाता नहीं है।
जीतनराम मांझी को बताया गद्दार
नरेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बने रहने देने के लिए नीतीश कुमार का विरोध किया था। लेकिन, अब लगता है कि उनका यह फैसला गलत था। नरेंद्र सिंह ने जीतनराम मांझी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी से गद्दारी व धोखेबाजी की है।
उन्होंने यह भी कहा कि जीतनराम मांझी को मैंने उनके बुरे समय में मदद की है। लेकिन मांझी जी ने हमें और हमारे कार्यकर्ताओं की पीठ में छुरा घोंपा।
राजग समय की मांग, महागठबंधन घोखा
नरेंद्र सिंह ने कहा कि जीतनराम मांझी का महागठबंधन में शामिल होने का फैसला उनके लिए वाटरलू का मैदान साबित होगा। कहा कि राजग आज समय की मांग है और महागठबंधन महज एक धोखा है। जिस लालू के जंगलराज के खिलाफ हमने बड़ी लड़ाई लड़ी, जीतनराम मांझी उसी लालू प्रसाद की गोद में जाकर बैठ गए।
जदयू में शामिल होने का फैसला
उन्होंने कहा कि एनडीए की छतरी में छोटी-छोटी पार्टियों का कोई मतलब नहीं रह गया है। इसलिए उन्होंने जदयू में शामिल होने का फैसला किया।
मांझी पर पुत्रमोह में फैसला लेने का आरोप
महासम्मेलन को संबेोधित करते हुए मनोनीत अध्यक्ष गजेंद्र मांझी ने कहा कि जीतनराम मांझी ने पुत्रमोह में महागठबंधन में जाने का फैसला लिया है, जिसका परिणाम आने वाले समय में सामने आ जाएगा।
महासम्मेलन से मांझी को लगा झटका
जीतनराम मांझी अभी तक यह कहते रहे कि 'हम' में नरेंद्र सिंह अकेले हैं। लेकिन, रविवार के महासम्मेलन में कई बड़े नेता व कार्यकर्ता दिखे। इसे जीतनराम मांझी को धक्का माना जा रहा है।
'हम' प्रवक्ता ने नरेंद्र सिंह को बताया पागल
इस बीच नरेंद्र सिंह के आरोपों पर 'हम' के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि नरेंद्र सिंह मानसिक विक्षिप्त (पागल) हो गए हैं।
कौन हैं नरेंद्र सिंह
नरेंद्र सिंह बिहार के दिग्गज नेताअों में एक हैं। 1990 के दौर में सबसे पहले लालू प्रसाद के खिलाफ विद्रोह का बिगुल नरेंद्र सिंह ने ही फूंका था। तब वे लालू मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री थे। बाद में जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनवाने और उन्हें बड़े दलित नेता के तौर पर मज़बूत बनाने में उनकी बड़ी भूमिका रही।
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