Jharkhand Election Result: बिहार में और सक्रिय हुई कांग्रेस, विधानसभा चुनाव में चाहिए सौ सीटें!
Jharkhand Election Result झारखंड विधानसभा चुनाव का बिहार विधानसभा चुनाव पर भी असर पड़ना तय है। वहां बढ़ी हैसियत के साथ कांग्रेस अब बिहार में भी अपनी हैसियत बढ़ाना चाहती है।
पटना [एसए शाद]। Jharkhand Election Result: झारखंड में कांग्रेस (Congress) गठबंधन की जीत से पार्टी की बिहार इकाई उत्साहित है। पार्टी नेताओं का मानना है कि भाजपा (BJP) के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता ने बेहतर नतीजा दिया। रघुवर दास (Raghubar Das) की सरकार की जगह अब महागठबंधन (Grand Alliance) सरकार के गठन का रास्ता साफ कर दिया। समझा जा रहा है कि झारखंड के नतीजे देख कांग्रेस अब बिहार में महागठबंधन में पहले से अधिक सक्रिय होगी। बिहार विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस को कम से कम सौ सीटें चाहिए।
सीएए-एनआरसी के खिलाफ आंदोलन जनता का विरोध
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर की मानें तो नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के जिस विरोध को भारतीय जनता पार्टी (BJP) बवाल की संज्ञा दे रही है, वह हकीकत में जनता का विरोध है। यह विरोध राजनीतिक या किसी वर्ग विशेष में सीमित नहीं है। झारखंड चुनाव (Jharkhand Assembly Election) के नतीजे ने यह साबित किया है।
बिहार में भी एनडीए सरकार को उखाड़ फेंकेंगी जनता
राठौर ने कहा कि जनता का यह विरोध बिहार में भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार को उखाड़ फेंकेगा। बिहार में कांग्रेस पहले से ही महागठबंधन में है। हालांकि, समन्वय की कमी समय-समय पर उजागर होती है। इन कमियों को हम यहां दूर करेंगे।
लोकसभा चुनाव से ही दिख रहा समन्वय का अभाव
देखा जाए तो 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के बाद से ही प्रदेश में महागठबंधन के घटक दलों के बीच समन्वय का अभाव देखने को मिलने लगा। कांग्रेस की कई बैठकों में कुछ नेताओं ने तो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से नाता तोड़ कर आगे चुनाव लडऩे की वकालत आरंभ कर दी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलदेव नारायण शुक्ला, शशिकांत तिवारी, पंकज यादव, आलोक हर्ष सहित करीब दो दर्जन नेताओं ने सोमवार को महागठबंधन में कांग्रेस की भूमिका पर देर तक चर्चा की।
झारखंड फॉर्मूले के आाधार पर सीट बंटवारा चाहती पार्टी
शुक्ला ने कहा कि झारखंड में महागठबंधन के प्रयोग का बेहतर नतीजा सामने आया है। हम झारखंड फॉर्मूले को ही आधार मानकर बिहार में सीटों के बंटवारे के लिए कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाएंगे। उनके मुताबिक, झारखंड में झारखंड मुक्ति मार्चा ने 43, कांग्रेस ने 31 और आरजेडी ने 7 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ा था। इस फॉर्मूले के हिसाब से कांग्रेस को बिहार में 105 सीटें मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्य छोटे दल जो प्रदेश में महागठबंधन का हिस्सा बनें, उन्हें कांग्रेस और आरजेडी अपने कोटे की सीटों में से हिस्सा दे।
बिहार में कांग्रेस को चाहिए कम से कम सौ सीटें
उन्होंने कहा कि आरजेडी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन झारखंड में इसने मात्र 7 ही सीटें लीं। आरजेडी की यह सोच बिहार के छोटे दलों के लिए नजीर है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि पिछली बार कांग्रेस प्रदेश में 41 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 27 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि, आरजेडी और जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने 101-101 पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। अब जबकि जेडीयू महागठबंधन में नहीं है, हमारी सीटें बढऩी चाहिए। झारखंड के नतीजे ने साबित किया है कि विपक्ष की एकता आवश्यक है, लेकिन हमें कम से कम महागठबंधन में सौ सीटें मिलनी चाहिए।