अब सप्ताह में चार दिन ही उड़ान भरेगी जेट की पटना-बेंगलुरु विमान
पटना से बेंगलुरु जाने वाली जेट की विमान अब सप्ताह में चार दिन ही उड़ान भरेगी। बाकी तीन दिन सेवा बंद रहेगी।
पटना [जेएनएन]। पटना में कई फ्लाइट अपना रूटीन शिड्यूल चेंज कर रहे हैं। अभी हाल ही में जेट एयरवेज का पुणे-पटना-पुणे विमान शिड्यूल चेंज करते हुए इसकी रात्रि सेवा बंद कर गई है। अब जेट एयरवेज की पटना-बेंगलुरु फ्लाइट में भी बदलाव किया गया है। जेट एयरवेज की पटना-बेंगलुरु फ्लाइट अब सप्ताह में सिर्फ चार दिन सोमवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को उड़ान भरेगी। मंगल, बुध और रविवार को यह सेवा बंद रहेगी।
पटना-बेंगलुरु सेवा को सप्ताह में तीन दिन बंद करने की वजह पटना-पुणे फ्लाइट के समय में परिवर्तन है। जेट की यह सेवा पहले रात 1:35 बजे आती और 2:20 बजे जाती थी, लेकिन देर रात होने से इसको पर्याप्त संख्या में यात्री नहीं मिल पा रहे थे। यात्रियों की संख्या 100 से भी कम होने के कारण जब विमान का परिचालन लगातार घाटे की वजह बनने लगा, तो कंपनी इसके समय में परिवर्तन पर विचार करने को विवश हुई।
एक अगस्त से स्पाइसजेट की दिन में पटना से पुणे के लिए सेवा की शुरुआत ने दबाव और भी बढ़ा दिया। इससे यात्रियों की संख्या और भी कम होने की आशका हुई। सूत्रों की मानें तो दिन में सेवा शुरू करने के लिए न तो जेट के पास अतिरिक्त एयरक्राफ्ट उपलब्ध था और न ही एयरपोर्ट ऑथोरिटी के पास दिन में देने के लिए नए स्लॉट की गुंजाइश थी।
ऐसे में पटना से बेंगलुरु जाने वाले एयरक्राफ्ट को ही दो दिन पटना-पुणे भेजने का निर्णय हुआ। इससे अतिरिक्त स्लॉट लेने की समस्या भी खत्म हो गई और बीते मंगलवार और बुधवार से पटना-बेंगलुरु फ्लाइट के स्लॉट का इस्तेमाल ही पटना पुणे सेवा के परिचालन में किया जाने लगा है। अंतर केवल इतना है कि पटना-बेंगलुरु दोपहर दो बजे उड़ती है, जबकि पटना-पुणे फ्लाइट का समय दोपहर 2:50 बजे निर्धारित किया गया है। गौर हो कि एलायंस एयर की पटना-भोपाल सेवा सोमवार से बंद हो गया। यह केवल सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को पटना से लखनऊ तक के लिए उड़ान भरेगी। भोपाल की उड़ान बंद करने के पीछे यात्रियों की कमी होने का कारण बताया जा रहा है। विमान कंपनी ने इस रूट पर यह सोच कर पिछले वर्ष परिचालन शुरू किया था कि पूरे साल बड़ी संख्या में यात्री मिलेंगे। लेकिन पिछले 11 महीने में यात्रियों का औसत रिस्पास फीका रहा। यात्रियों की कम संख्या को देखते हुए ही लखनऊ तक के लिए भी फेरों की संख्या घटा दी गई है।