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जदयू नेता प्रशांत किशोर ने कहा-10 साल तक नहीं लड़ूंगा चुनाव, बिहार की सेवा करूंगा

जदयू नेता प्रशांत किशोर ने खुलासा किया है कि वो अगले दस साल तक चुनाव नहीं लड़ेगे बल्कि बिहार की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं जनता की सेवा के इरादे से जदयू में शामिल हुआ हूं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 12:57 PM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 12:57 PM (IST)
जदयू नेता प्रशांत किशोर ने कहा-10 साल तक नहीं लड़ूंगा चुनाव, बिहार की सेवा करूंगा
जदयू नेता प्रशांत किशोर ने कहा-10 साल तक नहीं लड़ूंगा चुनाव, बिहार की सेवा करूंगा

पटना [राज्य ब्यूरो]। जदयू के नए बने उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने खुद के चुनाव लड़ने के कयासों पर विराम देते हुए कहा कि मेरा अगले दस साल तक कोई चुनाव लड़ने का इरादा नहीं है। मैं राज्यसभा नहीं जा रहा हूं। लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ूंगा। जनता की सेवा के इरादे से जदयू में शामिल हुआ हूं। मेरा कोई और लक्ष्य नहीं है।

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प्रशांत किशोर सोमवार को युवा औैर छात्र जदयू के चुनिन्दा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री निवास में यह बैठक आयोजित थी। इसमें करीब तीन सौ छात्र-युवा शामिल थे। प्रशांत किशोर ने जदयू से जुड़े छात्रों-युवाओं को चुनाव जीतने का मंत्र दिया। कहा-जनता के बीच जाइए। उनकी सेवा कीजिए। पांच साल बाद टटोलिएगा कि आप कहां खड़े हैं। खुद पर भरोसा हो तो चुनाव लडि़ए। जरूर कामयाबी मिलेगी।

उन्होंने छात्रों-युवाओं को टास्क दिया कि वे हरेक जिले में तीन सौ सक्रिय कार्यकर्ता तैयार करें। इनमें दो सौ युवा और सौ छात्र होंगे। प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक युवाओ-छात्रों की समन्वय समिति बनाएं। इसके संयोजक युवा और अध्यक्ष छात्र होंगे। फिर जदयू की मूल कमेटी से मिलकर जन सेवा के कार्यक्रम तय करें।

सब मिलकर जनता के बीच जाएं। उन्हें जदयू की नीतियों और सरकार की उपलब्धियों से अवगत कराएं। किशोर का कहना था कि जदयू ही ऐसी पार्टी है, जिसमें मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं की हकमारी नहीं होती।

उन्होंने कहा-आप ऐसी पार्टी में हैं, जहां विरासत के आधार पर पद नहीं मिलता है। यह किसी पिता की पार्टी नहीं है जिस पर सिर्फ वारिस का हक हो। 

उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने का एक ही फार्मूला है। आप क्षेत्र में जाएं। अभी से जनता की सेवा करें। पांच-दस साल बाद आपको खुद लगेगा कि चुनाव लड़ सकते हैं। जीत सकते हैं। किशोर ने इन शिकायतों का भी जवाब दिया कि सरकार के अधिकारी कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं देते। हालांकि बैठक में किसी ने इस आशय की शिकायत नहीं की थी।

उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को ताकत मिलनी चाहिए। लेकिन, ऐसी ताकत नहीं, जिससे सुशासन प्रभावित हो। साथ में यह भी जोड़ा कि जदयू के कार्यकर्ता अनुशासित हैं। लालची नहीं हैं। सरकारी योजनाओं में ठेकेदारी भी उनकी मंशा नहीं है।

किशोर ने युवाओं-छात्रों से कहा कि वे चुनाव जरूर लड़ें। पंचायत, प्रखंड, जिला, और विश्वविद्यालय-कालेज के चुनावों में उनकी भागीदारी होनी चाहिए। विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में छात्र जदयू की निर्णायक भागीदारी होनी चाहिए। बैठक को जदयू विधान परिषद सदस्य डा. रणवीर नंदन ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संगठन में किसी मुद्दे पर आपसी मतभेद हो सकता है। लेकिन, मनभेद नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जदयू का नेतृत्व एक शेर कर रहा है। इसलिए हम सारा काम शेर जैसी बहादुरी से करें। मंच पर विधायक वशिष्ठ सिंह, अभय कुशवाहा एवं दल के नेता श्याम पटेल मौजूद थे।  


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