जदयू ने दिखाए तल्ख तेवर, कहा भाजपा ने गठबंधन के 'अटल' धर्म को नहीं निभाया
जदयू ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अरुणाचल प्रदेश में पार्टी विधायकों को तोड़कर भाजपा में शामिल कराने के वाकये की निंदा की । जदयू ने कहा कि नीतीश कुमार की साख को संख्या बल से नहीं देखना चाहिए । लव जिहाद पर भी संविधान की दुहाई के साथ कड़ी आलोचना की
पटना, राज्य ब्यूरो । जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (JDU National Executive meeting) की बैठक में आज ( 27 दिसंबर) को अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के घटनाक्रम पर काफी तल्ख अंदाज में भाजपा (BJP) के रवैये पर रोष व्यक्त किया गया। बिना कोई लाग लपेट के भाजपा के कृत्य की खूब भर्त्सना हुई। दो टूक अंदाज में यह कहा कि भाजपा ने गठबंधन (coalition) के 'अटल' धर्म को नहीं निभाया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Ex PM Atal Bihari Vajpayee) की चर्चा आयी और यह कहा गया कि सही मायने में उन्होंने गठबंधन धर्म का निर्वाह किया। श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Shyama Prasad Mukharjee) की मौत कश्मीर (Kashmir) के एक जेल में हुई थी पर अटल सरकार में उमर अब्दुल्ला (Umar Abdullah) को जगह मिली थी।
अमित शाह और जेपी नड्डा से बात, जदयू आहत
जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी (KC Tyagi) ने इस बाबत संवाददाताओं से बातचीत के क्रम में कहा कि जदयू ने अपने विधायकों के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) से बात भी की थी। उनसे यह आग्रह किया था कि जदयू अरुणाचल में एक अनुशासित विपक्ष के रूप में है। पर, जिस तरह से अरुणाचल प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम हुआ वह गठबंधन धर्म के अनुकूल नहीं है। बिहार के गठबंधन से सीखना चाहिए। यहां कभी अंतर्विरोध नहीं रहा। पर अरुणाचल की घटना से जदयू आहत है।
लव जिहाद के नाम पर नफरत
केसी त्यागी ने लव जिहाद (Love Jihad) पर भी पार्टी के स्टैंड का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लव जिहाद के माध्यम ले घृणा (hate) का माहौल पैदा किया जा रहा है। संविधान के अनुसार दो वयस्क अपनी मर्जी से एक साथ रह सकते हैं और अपना जीवन साथी भी चुन सकते हैं।
जदयू ने साफ किया कि नीतीश कुमार की साख का आकलन संख्या बल से नहीं होना चाहिए। जो लोग संख्या बल की बात करते हैं, उन्हें नीतीश कुमार के आभामंडल की जानकारी नहीं है।