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NRC पर JDU नेताओं ने एक साथ सुर में मिलाया सुर, बिहार में नहीं लागू होने देंगे

नागरिकता संशोधन कानून पर भले ही जदयू ने केंद्र सरकार का साथ दे दिया हो। लेकिन अब एनआरसी पर जदयू भाजपा का साथ नहीं देगी। इस मुद्दे पर नीतीश कुमार की हामी मिलने के बाद जदयू एकजुट है

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 02:52 PM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 06:24 PM (IST)
NRC पर JDU  नेताओं ने एक साथ सुर में मिलाया सुर, बिहार में नहीं लागू होने देंगे
NRC पर JDU नेताओं ने एक साथ सुर में मिलाया सुर, बिहार में नहीं लागू होने देंगे

पटना, जेएनएन। जदयू के वरिष्ठ नेता एनआरसी को लेकर एकजुट दिखाई दे रहे हैं और इस मामले में वे अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के साथ खड़े दिख रहे हैं। जदयू नेताओं ने रविवार को दो टूक कहा है कि उनका दल बिहार में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) लागू नहीं होने देगा।

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बता दें कि प्रशांत किशोर के ट्वीट के बाद एनआरसी पर रविवार को बिहार की राजनीति गरम हो गयी। खासकर जदयू के बड़े नेता खुलकर अब इसके विरोध में खड़े हो गये हैं। प्रशांत किशोर ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी और उसके बाद कहा 'नीतीश कुमार ने भरोसा दिया है कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा।' 

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून का लगातार विरोध करने के कारण पार्टी के नेता आरसीपी सिंह ने उनके लिए बड़ी बात कह दी थी, जिसके बाद प्रशांत किशोर ने नीतीश से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद प्रशांत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनसे कहा है कि कोई कुछ भी बोले, उसकी परवाह मत कीजिए। उन्होंने यह भी दोहराया कि नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन दिए जाने के खिलाफ अपने रुख पर वह अब भी कायम हैं।

प्रशांत किशोर के बयान से यह साफ हो गया है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में भी एनआरसी लागू करने के पक्ष में नहीं हैं। इस बयान के अगले दिन ही जदयू के दूसरे नेताओं ने भी एनआरसी के खिलाफ अब मजबूती से अपनी बात रखी है।

प्रशांत किशोर के साथ अब केसी त्यागी, अशोक चौधरी और श्याम रजक शामिल हो गए हैं। सांसद व प्रदेश जदयू अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह पहले ही कह चुके हैं कि बिहार में एनआरसी की कोई जरूरत ही नहीं है।

रविवार की सुबह प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर बडी बात कही और लिखा कि राष्ट्रव्यापी एनआरसी का आइडिया नागरिकता के नोटबंदी की तरह है। यह तबतक अमान्य है जबतक आप इसे साबित नहीं करते। आगे उन्होंने कहा कि हम अपने अनुभवों से जानते हैं इससे सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब और हाशिए पर रहने वाले लोग होंगे।

उधर जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने भी कहा है कि प्रशांत किशोर ने स्पष्ट ही कर दिया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में एनआरसी लागू करने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी को असम में लागू करने को कहा था। वहां के मुख्यमंत्री सदानंद सोनेवाल ने कहा है कि वे अपने राज्य में इसे लागू नहीं करेंगे। तो जब असम में एनआरसी लागू नहीं होगा तो बिहार में इसे कैसे लागू कर सकते हैं।

वहीं, बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक कुमार चौधरी ने भी इस मुद्दे पर साफ कहा है कि एनआरसी का उनकी पार्टी विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि नागरिक संशोधन कानून पर पार्टी ने समर्थन दिया है, क्योंकि इससे किसी को नुकसान नहीं होने जा रहा है, लेकिन हम एनआसी का विरोध करेंगे।   

चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार अकलियतों के बड़े हिमायती हैं। उन्होंने अल्पसंख्यकों के विकास के लिए राज्य में कई कार्यक्रम चलाए हैं, जिससे उनका विकास हुआ है। वहीं सुर मिलाते हुए राज्य के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने भी मीडिया से बातचीत में कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष कई बार कह चुके हैं कि एनआरसी के हम पक्षधर नहीं हैं।


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