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प्रशांत किशोर के सामने जदयू ने रखी थी दो शर्त, नीतीश के कहने पर दिल्ली में मिले थे ललन सिंह

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं। अपना कारोबार बढ़ाने के लिए मार्केटिंग करते रहे हैं। उनका बिजनेस है। उन्होंने यह भी कहा कि पीके खुद जदयू में शामिल होना चाहते थे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 17 Sep 2022 08:04 PM (IST)Updated: Sat, 17 Sep 2022 08:04 PM (IST)
प्रशांत किशोर के सामने जदयू ने रखी थी दो शर्त, नीतीश के कहने पर दिल्ली में मिले थे ललन सिंह
बिहार सीएम नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटनाः जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने शनिवार को कहा कि प्रशांत किशोर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने साथ काम करने के लिए कोई आफर नहीं दिया था। असल में यह उनका मार्केटिंग का तरीका है। इसी वजह से वह यह बोल रहे कि मुख्यमंत्री से जब वह मिले तो उन्होंने अपने लिए उन्हें काम करने का आफर दिया। जदयू प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए ललन सिंह ने पुन: यह दोहराया कि प्रशांत किशोर के बारे में उन्होंने पहले भी यह कहा है कि वह राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं। अपना कारोबार बढ़ाने के लिए मार्केटिंग करते रहे हैं। उनका बिजनेस है। इस बार भी उन्होंने जो कहा है वह उनके मार्केटिंग का हिस्सा है। अभी पवन वर्मा मुख्यमंत्री से मिलने आए थे। पवन वर्मा ने मुख्यमंत्री से कहा था कि प्रशांत उनसे मिलना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलना है तो ले आइए। 

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प्रशांत की मार्केटिंग का हिस्सा था ये सब

ललन ने कहा कि प्रशांत किशोर दिल्ली में हमसे मिले थे और जदयू के लिए काम करने की इच्छा जताई थी। हमने उनके सामने दो शर्त रखी थी। कहा था कि दल के अनुशासन में उन्हें काम करना तथा पार्टी के निर्णय को मंजूर करना स्वीकार्य होगा तो वह काम कर सकते हैं। इसके बाद उन्होंने  यह मार्केटिंग कर दी कि वह पटना जा रहे हैं मुख्यमंत्री से मिलने। यह भी बता दिया कि कितना बजे उन्हें मुख्यमंत्री से मिलना है। यह सब मार्केटिंग का ही हिस्सा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि प्रशांत किशोर उनसे मिलना चाहते हैं। 

भाजपा के लिए काम कर रहे पीके

ललन ने कहा कि सभी लोगों को मालूम है कि पीके भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। आरसीपी सिंह  का नाम लिए बगैर उन्होने कहा कि एक व्यक्ति जो भाजपा के लिए काम कर रहे थे वह तो मजिस्ट्रेट चेकिंग में पकड़े गए ? भाजपा अब नए लोगों को खोज रही। षडयंत्र के सहारे भाजपा अपना जनाधार बढ़ाना चाहती है।


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