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जदयू की मांग- शरद यादव की सीट पर जल्द हो चुनाव, शरद ने दिया ये जवाब

जदयू के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मिलकर शरद यादव की खाली हुई सीट पर चुनाव कराने की मांग की है। वहीं, शरद ने तंज कसा है कि कोर्ट मुकदमे में हमारा दिमाग नहीं चलता है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 09 May 2018 05:32 PM (IST)Updated: Thu, 10 May 2018 11:54 PM (IST)
जदयू की मांग- शरद यादव की सीट पर जल्द हो चुनाव, शरद ने दिया ये जवाब
जदयू की मांग- शरद यादव की सीट पर जल्द हो चुनाव, शरद ने दिया ये जवाब

पटना [जेएनएन]।जदयू के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को चुनाव आयोग से मिलकर शरद यादव की राज्यसभा सीट पर जल्द चुनाव कराने की अपील की है। प्रतिनिधिमंडल में जदयू नेता के सी त्यागी, आरसीपी सिंह, ललन सिंह और संजय झा शामिल थे और सबने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात कर ये अपील की है।

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जदयू नेता के सी त्यागी ने कहा कि संविधान के मुताबिक छह महीने के भीतर रिक्त सीट पर चुनाव कराना जरुरी है और राज्यसभा के सभापति के फैसले के मद्देनजर शरद यादव की सीट को छह जून तक भरना जरूरी है। जदयू का तर्क है कि कोर्ट ने राज्यसभा के सभापति के फैसले को कोई स्थगन आदेश जारी नहीं किया है बल्कि राज्यसभा सदस्य के रुप में उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं को बरकरार रखने की बात कही है।

वहीं, जदयू नेताओं की चुनाव आयोग से मुलाकात पर शरद यादव ने कहा कि कोर्ट-मुकदमों में हमारा दिमाग नहीं चलता है। यह कोर्ट को तय करना है कि राज्यसभा के सभापति का फैसला कितना जायज और नाजायज है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में मजा नहीं आता है। मैं पहले भी लोकसभा का चुनाव लड़ चुका हूं और फिर चुनाव लडूंगा। देशभर में विपक्ष को एक प्लेटफॉर्म पर लाने की कोशिश भी जारी है।

नीतीश कुमार पर बोला हमला

शरद यादव ने नीतीश कुमार पर भी बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि वो सत्ता और सरकार के जरिए राजनीति करना चाहते हैं। नीतीश कुमार देश-विदेश घूम सकते लेकिन बिहार में सूई का कारखाना भी नहीं खोल पाए हैं।उन्होंने तो गिट्टी, मिट्टी और रेत को भी नहीं छोड़ा और सब कुछ चौपट कर दिया है। नीतीश कुमार पार्टी नहीं चला रहे हैं, बल्कि नाटक कर रहे हैं लेकिन अब नाटक का कोई मायने नहीं है।

शरद यादव ने कहा कि ऐसा कोई उदाहरण नहीं है कि शराबबंदी कानून के तहत बड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। वो सिर्फ वोट लेने के फेर में लगे हुए हैं लेकिन देश में उनकी साख जीरो है। नीतीश कुमार के साथ के लोग उन्हें सही बात नहीं बता रहे हैं केवल फायदे लेने के लिए उनके साथ हैं।

मालूम हो कि पार्टी विरोधी बयान देने के मुद्दे पर जदयू ने राज्यसभा के सभापति से शरद यादव की सदस्यता खत्म करने की अपील की और बाद में दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई थी। शरद यादव की सदस्यता खत्म होने के छह महीने पूरे होने वाले है लिहाजा खाली सीट पर चार जून तक चुनाव हो जाना चाहिए। शरद यादव की सदस्यता मामले में 23 मई को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होने वाली है।


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